कहा- डाडम में हो रहा है हरियाणा का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला
नियमों को ताक पर रखकर हुआ खनन, मजदूरों के लिए बनाया गया मौत का कुआं- हुड्डा
खनन माफिया पर दर्ज होना चाहिए 302 और 304 का मुकदमा – हुडड्डा
डाडम का दौरा करके देखा लालच का क्रूर तमाशा- हुड्डा
लालच में एक मंदिर और डाडम माइनर तक को निगल गया खनन माफिया- हुड्डा
हाईकोर्ट के जज की निगरानी सीबीआई से हो खनन घोटाले की जांच- हुड्डा
यमुना से लेकर डाडम तक जमकर हो रहा खनन घोटाला- हुड्डा
डाडम हादसे के शिकार मृतक बिंदर के घर भी पहुंचे हुड्डा
हादसे के शिकार मजदूरों के परिजनों को मुआवजा, एक-एक नौकरी व न्याय मिले- हुड्डा
न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़। डाडम में हरियाणा का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला हुआ है। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। उन्होंने आज डाडम खनन जोन के उस इलाके का दौरा किया, जहां एक जनवरी को बड़ा हादसा हुआ था। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में बीजेपी व बीजेपी-जेजेपी सरकार के दौरान ताबड़तोड़ घोटाले हुए हैं। लेकिन मौजूदा सरकार के दौरान डाडम में खनन के नाम पर अब तक के सबसे घोटाले को अंजाम दिया गया।
इस दौरान बड़ी तादाद में गांववाले भी अपनी शिकायतें लेकर हुड्डा के पास पहुंचे। गांववालों ने सबूतों और दस्तावेजों का हवाला देते हुए डाडम खनन घोटाले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि यहां कई साल से अवैध खनन चल रहा है। गांववालों और इलाके के समाजसेवियों ने हुड्डा को खनन माफिया के खिलाफ ज्ञापन भी सौंपे। उन्होंने बताया कि खनन ठेकेदारों ने जबरदस्ती लोगों की निजी जमीनों पर भी कब्जा किया है और वहां भी गैरकानूनी खनन किया। कई जगहों पर तो नियमों के विपरीत 800-900 फीट तक की गहराई तक खुदाई की गई है।
पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि खनन जोन में जाकर उन्होंने अपनी आंखों से लालच का क्रूर तमाशा देखा। ऐसा लग रहा है मानो खनन माफिया खतरे से खेल रहा है और गरीब मजदूरों के लिए मौत का जाल बिछाया गया है। खनन माफिया ने पूरे खनन क्षेत्र को मौत के कुएं में तब्दील कर दिया है। यहां नियमों को ताक पर रखकर पहाड़ों को खोदा जा रहा है। पहली नजर में स्पष्ट तौर से देखा जा सकता है कि खनन नियमों की परवाह किए बिना 90 डिग्री के एंगल पर खड़ी माइनिंग की गई, जबकि नियमों के मुताबिक 60 डिग्री एंगल पर ही खनन किया जाना चाहिए। इसी वजह से यह जानलेवा हादसा हुआ। इसलिए हादसे के दोषियों के खिलाफ 302 और 304 का आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए। लेकिन, सरकार ने हल्की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उन्हें बचाने की कोशिश की है।
हुड्डा ने हैरानी जताई कि इतने बड़े घोटाले और जानलेवा हादसे के बाद अबतक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई। जबकि, लगातार इस मामले में लोगों ने सरकार को शिकायतें की हैं और मामला एनजीटी तक भी पहुंचा है। अब तक केंद्र की कई एजेंसियों, एसडीओ, एनजीटी और कोर्ट की टिप्पणियों से स्पष्ट है कि यहां पर हजारों करोड़ का घोटाला हो रहा है। खनन माफिया ने 400 फीट तक खुदाई करके पहाड़ को पाताल बना दिया है। खनन करते हुए भूजल स्तर तक का ध्यान नहीं रखा गया और उससे नीचे तक खुदाई की गई है। हैरानी की बात है कि माफिया ने डाडम माइनर तक को नहीं छोड़ा और उसको भी माइनिंग करके खत्म कर दिया। इतना ही नहीं, खनन के लालच में गांववालों के बार-बार इंकार करने के बावजूद एक मंदिर को भी ब्लास्ट से उड़ा दिया गया। यह मंदिर आसपास के गांवों की आस्था का केंद्र था।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान खनन के लिए एचएसआईआईडीसी ने ऐसे नियम बनाए थे, जिससे अवैध खनन ना हो और आम जनता तक खनन सामग्री सस्ते दामों पर पहुंचे। लेकिन, मौजूदा सरकार ने उन नियमों को नजरअंदाज किया और खनन ठेकेदारों को खुली छूट दी। इसकी वजह से बेरहमी से न केवल अवैध खनन हो रहा है बल्कि खनन सामग्री भी अत्याधिक महंगी हो गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा बनाई गई एसआईटी इतने बड़े घोटाले की जांच नहीं कर सकती। इसलिए जरूरी है कि पूरे मामले की जांच हाई कोर्ट के जज की निगरानी में सीबीआई से करानी चाहिए। खनन माफिया और इस हादसे के दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही मामले को लेकर विधानसभा की एक कमेटी भी बनानी चाहिए जो यमुना से लेकर डाडम तक खनन पर नजर रखे। क्योंकि, इस सरकार में डाडम ही नहीं यमुना तक में जमकर खनन घोटाला हो रहा है। खनन माफिया ने अवैध खुदाई करके यमुना की धारा का रास्ता तक बदल दिया।
उन्होंने कहा कि अवैध खनन मौजूदा ही नहीं आने वाली पीढ़ियों के लिए भी घातक है। आंकड़ों के मुताबिक महज पिछले 5 साल में हरियाणा का 2100 हेक्टेयर वन क्षेत्र घट गया। अवैध खनन के नाम पर इस सरकार में जो हो रहा है इसका खामियाजा आने वाली पीढ़ियों तक को भुगतना पड़ेगा।
डाडम खनन जोन का दौरा करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा हादसे का शिकार हुए मृतक बिंदर के घर बागनवाला गांव भी गए। यहां उन्होंने परिवार वालों को ढांढ़स बधाया। उन्होंने कहा कि हादसे में जिन 5 मजदूरों की मौत हुई है, उनको सरकार की तरफ से कोई मुआवजा नहीं दिया गया। सरकार को पीड़ित परिवार के लिए उचित मुआवजे, एक-एक सरकारी नौकरी का ऐलान करना चाहिए और उन्हें न्याय देना चाहिए। डाडम में खनन करने वाली कंपनी नियमों के मुताबिक डाडम गांव के विकास की खातिर अबतक 33 करोड़ रुपये देने थे। लेकिन वो भी कंपनी ने गांव को नहीं दिए। इसलिए कंपनी से उसका भुगतान भी जल्द करवाया जाना चाहिए।