कुवि के उद्यमिता केंद्र द्वारा ऑनलाइन कार्यशाला का शुभारंभ
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रोज़गार, उद्यमिता एवं जीवन कौशल विषय पर कार्यशाला का उद्घाटन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय उच्चत्त्तर शिक्षा अभियान के तहत गठित कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के उद्यमिता केंद्र (सेन्टर फॉर एंट्रेप्रेन्योरशिप) के द्वारा 8 जनवरी को 10 दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का उदघाटन किया गया । रोज़गार, उद्यमिता एवं जीवन कौशल विषय पर आधारित इस कार्यशाला के उदघाटन समारोह में मुख्य अतिथि कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि भारत प्राचीन काल से ही उद्यमिता तथा नवीनीकरण का जनक रहा है।
आयुर्वेद में चरक सामहिता, आर्यभट्ट द्वारा शून्य की देन तथा कौटिल्य का अर्थशास्त्र इस के जीते जागते प्रमाण हैं। राष्ट्र को आत्मनिर्भरता कि राह पर अग्रसर करने के लिए भारत सरकार द्वारा सन २०२० में आत्मनिर्भर भारत अभियान का शुभारम्भ किया। यह भारत सरकार के अथक प्रयासों का ही परिणाम है कि आज जब संपूर्ण विश्व कोरोना महामारी से घिरा हुआ है, भारत के उद्यमी बड़ी संख्या में मास्क, पीव पीव ईव किट तथा वेन्टीलेटरों का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कार्यशाला के प्रतिभागियों को अपने आशीर्वचनों द्वारा शुभकामनायें दी तथा आशा व्यक्त की के वे आगामी 10 दिनों में उद्यमिता का कौशल सीख स्वयं तथा राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने में अपना अमूल्य योगदान देंगे।
विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता शैक्षणिक मामले तथा रूसा की नोडल अधिकारी प्रो. मंजुला चौधरी ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक उद्यमी बनने के लिए अर्थशास्त्र इत्यादि की जानकारी से अधिक आवश्यक है एक सचेत एवं भेदक दृष्टि का होना। जो विद्यार्थी उद्यमिता के पथ पर चलने की इच्छा रखते हैं, उन्हें अपने आसपास के वातावरण के प्रति सचेत रहते हुए समाज में व्याप्त समस्याओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। इसी के आधार पर वे अपने उद्यम कौशल द्वारा व्यावसायिक गतिविधि करते हुए समस्या का निदान ढूंढ सकते हैं।
समारोह में उपस्थित उद्यमिता केंद्र के समन्वयक प्रो. राजेंद्र नाथ ने बताया कि केंद्र का उद्देश्य विद्यार्थियों में उद्यमिता कौशल को अन्तर्निविष्ट करना तथा उन्हें रोज़गार की खोज करने वाले से परिवर्तित कर रोज़गार सृजक के रूप ढालना है। उन्होंने बताया की महिला उद्यमियों को प्रशिक्षित करने पर यह केंद्र विशेष बल दे रहा है तथा केंद्र के द्वारा आयोजित की गयी यह आठवीं कार्यशाला है । यह केंद्र अभी तक 500 से अधिक विद्यार्थियों को उद्यमिता के क्षेत्र में प्रशिक्षण दे चुका है। इस अवसर पर महिला अध्ययन शोध केंद्र की अध्यक्षा प्रो. सुदेश, कार्यशाला की समन्वयक डा. अर्चना चौधरी, उद्यम केंद्र के सदस्य डा. राकेश, डॉ. कँवल गर्ग, डॉ. सिम्मी तथा कार्यशाला के आयोजन सचिव विकास सभरवाल मुख्य रूप से उपस्थित रहे।