Friday, November 22, 2024
Home Kurukshetra News किसानों की हमदर्द पार्टी है जजपा, उनके हित में ले रहे हैं फैसलेःखैहरा

किसानों की हमदर्द पार्टी है जजपा, उनके हित में ले रहे हैं फैसलेःखैहरा

by Newz Dex
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जसविंद्र खैहरा ने की चिब्बा निवासी नत्था राम ने मुलाकात

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र, 14 सितंबर। जननायक जनता पार्टी के युवा जिलाध्यक्ष जसविंद्र खैहरा ने कहा है कि जेजेपी किसानों की हमदर्द पार्टी है। जेजेपी समर्थित सरकार में किसानों के हित में फैसले लिए जा रहे हैं। दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय चौटाला की इच्छा है कि प्रदेश का हर किसान खुशहाल हो। जसविंद्र खैहरा गांव चिब्बा में बुजुर्ग नत्था राम से बातचीत कर रहे थे।

इस दौरान नत्था राम ने जसविंद्र खैहरा को दुष्यंत चौटाला के साथ अपनी फोटो दिखाते हुए कहा कि दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला किसानों के मसीहा चौ. देवीलाल के कदमों पर चल रहे हैं। हरियाणा में आने वाला समय दुष्यंत व दिग्विजय चौटाला का है।  जसविंद्र खैहरा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए किसान अध्यादेश किसानों के हित में हैं। कृषि अध्यादेशों के खिलाफ केवल विपक्षी किसानों को बरगलाने का काम कर रहे हैं।  ऐसे समय में हर किसी को चाहिए कि वे किसान हित के बिलों का समर्थन करे, जिससे प्रदेश व देश का किसान समृद्ध हो सके।

खैहरा ने कहा कि तीनों नए कृषि अध्यादेशों से किसान सुरक्षित व संरक्षित होंगे और किसानों को उपज का बेहतर भाव मिलेगा। तीनों कृषि अध्यादेशों के पास होते ही किसान समृद्धता की ओर से बढ़ेंगे। सरकार की ओर से फॉर्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) ऑर्डिनेंस, फॉर्मर्स एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विस और एसेंशियल एक्ट 1955 में बदलाव किया जाना है। कृषि उपज, वाणिज्य और व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश किसानों को उनकी उपज देश में किसी भी व्यक्ति या संस्था को बेचने की इजाजत देता है। अब यह सचमुच वन नेशन, वन मार्केट होगा। किसान अपना प्रोडक्ट खेत में या व्यापारिक प्लेटफॉर्म पर देश में कहीं भी बेच सकते हैं, इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।

अब किसानों को मिलेगी मंडी शुल्क से मुक्ति खैहरा ने कहा है कि राहत की बात यह है कि किसानों को मंडी शुल्क भी मुक्ति मिल जाएगी। दूसरे अध्यादेश में व्यासायिक कृषि समझौत से छोटे और सीमांत किसानों को लाभ पहुंचेगा। जो किसान अधिक भाव वाली फसलें उगाना चाहते हैं, लेकिन वे जोखिम नहीं उठा सकते हैं। इस अध्यादेश से किसान अपना यह जोखिम कॉरपोरेट खरीदारों को सौंपकर फायदा कमा सकेंगे। तीसरे अध्यादेशा के अंतर्गत अनाजों, दलहनों, खाद्य तेल, आलू और प्याज को अनिवार्य वस्तुओं की सूची से हटाकर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र मुक्त हो जाएंगे।

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