Monday, November 25, 2024
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मकर संक्रान्ति पर्व प्रकृति परिवर्तन का, सामाजिक समरसता का, एकता व विश्व बंधुत्व का प्रतीक है.डॉ. आर.सी. मिश्रा

by Newz Dex
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मातृभूमि सेवा मिशन के 19वें स्थापना दिवस, आजादी के अमृतोत्सव, स्वामी विवेकानंद जयंती, राष्ट्रीय युवा दिवस एवं मकर संक्रान्ति के उपलक्ष्य में आयोजित पंच दिवसीय कार्यक्रम के तृतीय दिवस पर कार्यक्रम संपन्न

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। ​मकर संक्रान्ति के दिन देव भी धरती पर अवतरित होते हैं, आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है, अंधकार का नाश व प्रकाश का आगमन होता है। इस दिन पुण्य, दान, जप तथा धार्मिक अनुष्ठानों का अनन्य महत्व है। मकर संक्रान्ति पर्व प्रकृति परिवर्तन का, सामाजिक समरसता का, एकता व विश्व बंधुत्व का प्रतीक है। यह विचार हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के प्रबंधक, पुलिस महानिदेशक डॉ. आर. सी. मिश्रा ने मातृभूमि सेवा मिशन के 19वें स्थापना दिवस, आजादी के अमृतोत्सव, स्वामी विवेकानंद जयंती, राष्ट्रीय युवा दिवस एवं के उपलक्ष्य में पांच दिवसीय कार्यक्रम के तृतीय दिवस मकर संक्रांति पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता एवं स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण, पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्जवलन से कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के प्रबंधक, पुलिस महानिदेशक डॉ. आर. सी. मिश्रा एवं मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने संयुक्त रूप से किया। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. आर. सी. मिश्रा ने कहा कि मकर संक्रान्ति के साथ अनेक पौराणिक तथ्य जुड़े हुए हैं जिसमें से कुछ के अनुसार भगवान आशुतोष ने इस दिन भगवान विष्णु जी को आत्मज्ञान का दान दिया था। इसके अतिरिक्त देवताओं के दिनों की गणना इस दिन से ही प्रारम्भ होती है। सूर्य जब दक्षिणायन में रहते है तो उस अवधि को देवताओं की रात्री व उतरायण के छः माह को दिन कहा जाता है। महाभारत की कथा के अनुसार भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिये मकर संक्रान्ति का दिन ही चुना था।

डॉ. आर. सी. मिश्रा ने कहा कि मकर संक्रांति का पर्व जीवन में संकल्प लेने का दिन भी कहा गया है। संक्रांति यानी सम्यक क्रांति। इस दिन से सूर्य की कांति में परिवर्तन प्रारंभ हो जाता है। वह दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर अभिमुख हो जाता है। डॉ. आर. सी. मिश्र कहा कि मातृभूमि सेवा मिशन समाज के असहाय, जरूरतमंद बच्चों के विकास के लिए बहुत महत्पपूर्ण कार्य कर रहा हैं। मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा युवा पीढ़ी के स्वावलंबन एवं आत्मनिर्भरता के लिए भी विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि मकर संक्रांति का त्यौहार जहां सारे हिन्दुस्तान में अपनी-अपनी तरह से मनाया जाता है, वहीं दूरस्थ वनों और ग्रामीण इलाकों में भी इसकी अपनी महत्ता है। जहां एक ओर भारत में इसे सूर्य देव के आराध्य से जोड़कर देखा जाता है वहीं डांग जैसे सुदूर इलाकों में इस त्यौहार को मानसिक सुख शांति, फसल कटाई और स्वास्थ्य बेहतरी की दृष्टि से अति उत्तम माना जाता है। मकर संक्रांति का वनवासी जीवनशैली में आध्यात्मिक और धर्मिक के साथ-साथ सेहत दुरुस्ती की दृष्टि से भी महत्व है।

डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि भारत विविध संस्कृति एवं विविध परम्पराओं का देश है। अलग-अलग राज्यों अलग-अलग क्षेत्रें की संस्कृति एवं परम्परा में भिन्नता होते हुये भी एक ही आधार पर टिका हुआ है। देश के सभी त्यौहारों, पर्वों, उत्सवों का एक पौराणिक आधार है। ​मातृभूमि सेवा मिशन की ओर से मुख्य अतिथि हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के प्रबंधक, पुलिस महानिदेशक डॉ. आर. सी. मिश्रा को प्रतीक चिन्ह एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय के आचार्य नरेश कौशिक, गुरप्रीत सिंह, पवन श्योकंद सहित वेद विद्यालय के ब्रह्मचारी अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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