Friday, November 22, 2024
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भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा कर्म करने में विश्वास रखते थे: ज्ञानानन्द जी महाराज

by Newz Dex
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नंदा जी के आदर्शों को अपने आचरण में अपनाने की जरूरत: प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा

कुवि के श्रीगुलजारी लाल नन्दा केन्द्र में भारत रत्न श्री गुलजारी लाल नंदा की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। ब्रह्मसरोवर स्थित कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के श्रीगुलजारी लाल नन्दा नीतिशास्त्र दर्शनशास्त्र केन्द्र में शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न श्रीगुलजारी लाल नन्दा की की समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर स्वामी ज्ञानानन्द महाराज ने एक श्लोक का उच्चारण करते हुए कहा कि ‘जातस्य हि ध्रुवो मृत्युः ध्रुवं जन्म मृतस्य च’ अर्थात् जो इस संसार में आया है उसका जाना भी निश्चित है। अतः मनुष्य को सबकुछ अधिकार कर्म समझकर ही करना चाहिए। उन्होंने स्मरण कराया कि उन्होंने साधुओं तथा गौओं पर हिंसा के विरोध में अपना त्याग पत्र भी दिया था। उन्होंने कहा कि भारत रत्न गुलजारी लाल नंदा कर्म करने में विश्वास रखते थे और कुरुक्षेत्र को विकास की राह पर लाने का काम नंदा जी ने किया, इस धर्मक्षेत्र के विकास का पहिया निरंतर आगे बढ़ता जा रहा है। 

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा है कि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के निर्माण और विकास में भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय गुलजारी लाल नंदा का सबसे ज्यादा योगदान रहा है। आज हमें नंदा जी के आदर्शों को अपने आचरण में अपनाने की जरूरत है। यदि हम अपने जीवन में सदाचार अपनाकर आगे बढ़े तो हमें निश्चित की सफलता मिलेगी। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ ने कहा कि नन्दा जी के अथक प्रयासों से ब्रह्मसरोवर का जीर्णोंद्धार हुआ और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की स्थापना कर उन्होंने धर्मनगरी के विकास का अनोखा कार्य किया। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।  कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि भारत रत्न स्वर्गीय श्रीगुलजारी लाल नंदा जी के मार्ग पर चलकर कुरुक्षेत्र के विकास में योगदान देना ही सही मायनों में सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि मनुष्य के पास अपार क्षमता है। यदि हम अपनी अपनी अंदर की क्षमताओं का प्रयोग सही दिशा में करें तो कुछ भी कर पाना संभव है। यदि मनुष्य अपने अंदर व्यापकता की सोच लाए जो विश्व का कल्याण संभव है। 

केन्द्र के निदेशक प्रो. एलके गौड़ ने बताया कि भारतरत्न श्रीगुलजारी लाल नन्दा की समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद केन्द्र परिसर स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद कुवि की संगीत एवं नृत्य विभाग की टीम ने डॉ. आरती श्योकंद के नेतृत्व में भजन गायन कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।  इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द महाराज, कुरुक्षेत्र लोकसभा सांसद नायब सैनी, कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, थानेसर विधायक सुभाष सुधा, जिला उपायुक्त मुकुल कुमार, केडीबी मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, केडीबी सदस्य सौरभ चौधरी, डॉ. डीएस राणा, डॉ. परमेश कुमार, डॉ. महासिंह पूनिया, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. अजय जांगड़ा, सीईओ अनुभव मैहता सहित शहर के गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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