न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। हरियाणा की गोल्फर दीक्षा डागर और जूडो खिलाड़ी यश टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम में शामिल किया गया है। केंद्रीय खेल मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय खेल महासंघ के प्रशिक्षण और प्रतियोगिता (एसीटीपी) के वार्षिक कैलेंडर के तहत एथलीटों को आर्थिक सहायता दी जाती है। भारतीय खेल प्राधिकरण कुरुक्षेत्र के प्रभारी कुलदीप सिंह वडैच ने बताया कि खेल मंत्रालय के मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) ने पहलवान बजरंग पूनिया और सुनील कुमार को विदेशी प्रशिक्षण के लिए वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है। वहीं 2017 ग्रीष्मकालीन डिफ्लिम्पिक्स में रजत पदक विजेता 21 वर्षीय बाएं हाथ की दीक्षा डागर पिछले साल ओलंपिक खेलों में 50वें स्थान पर थी। इसके साथ ही पानीपत के जूडो खिलाड़ी यश खुद को मैट पर प्रदर्शित करने के लिए आगे बढ़े है। दोनों खिलाडिय़ों को कोर और डेवलमेंट ग्रुप में शामिल किया गया है।
साई ने दीक्षा डागर, यश, पहलवान बजरंग पूनिया व सुनील कुमार को इस उपलब्धि पर बधाई दी है। कुलदीप वडैच ने बताया कि टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता बजरंग को पहले व्यस्त सत्र से पहले मास्को में 26 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के लिए 7.53 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी, 27 दिसंबर से शुरू हुए उनके चल रहे शिविर के लिए अब उन्हें अतिरिक्त 1.76 लाख रुपये का समर्थन किया गया है और 26 दिवसीय शिविर का समापन जनवरी को होगा। जितेंदर और आनंद कुमार बजरंग के फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में गए है। इसके साथ ही ग्रीको-रोमन पहलवान सुनील कुमार को इस बीच रोमानिया और हंगरी में अपने साथी और कोच के साथ एक विशेष प्रशिक्षण शिविर के लिए 10.85 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
सुनील, जो टॉप डेवलपमेंट ग्रुप का हिस्सा हैं, आगामी यूनाइटेड वल्र्ड रेसलिंग रैंकिंग इवेंट्स की तैयारी के लिए फॉरेन एक्सपोजर ट्रिप का इस्तेमाल करेंगे। सुनील ने सीनियर नेशनल चैंपियनशिप 2019 और 2020, एशियन चैंपियनशिप 2020 और सीनियर नेशनल में 2021 में गोल्ड मेडल जीते थे। बजरंग डब्लयूडब्लयू रैंकिंग स्पर्धाओं, बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों के साथ-साथ हांग्जो, चीन में एशियाई खेलों सहित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए तैयार है। फरवरी में इटली और तुर्की में रैंकिंग सीरीज़ और फिर अप्रैल में मंगोलिया में एशियाई चैंपियनशिप में भाग लेना है। बजरंग का कहना है कि वे पेरिस में होने वाले ओलंपिक-2024 में अपने पदक का रंग बदलने के भी जी तोड़ मेहनत कर रहा है।