-कोरोनाकाल में प्रभावित तीर्थ पुरोहितों के लिये सरकार जारी करे राहत पैकेज-शर्मा
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 15 सितंबर। पितृ पक्ष में कुरुक्षेत्र पिहोवा के तीर्थों पर अमावस्या के दौरान पूर्ण प्रतिबंध लगाने के फैसला हरियाणा सरकार का तुगलकी फरमान है।इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन एवं श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के पूर्व अध्यक्ष जलेश शर्मा ने कहा कि सरकार का यह फैसला सरासर गलत है। जब दुकानें खुली है,मंडी खुली है,रेस्टोरेंट,होटल खुले,ठेके खुले हैं और सरकार की रोडवेज की बसों में सीमित संख्या से भी ज्यादा यात्री सवार होकर जा रहे हैं तो ऐसे में तीर्थों पर प्रतिबंध लगाने का क्या औचित्य है। उन्होंने कहा कि पितृ पक्ष में पितृ तर्पण कराने के लिये लोग देश दुनिया से धर्मनगरी कुरुक्षेत्र और पिहोवा के सरस्वती तीर्थ पर पहुंचने की परंपरा है। सरकार को चाहिये था की प्रतिबंध लगाने की बजाये इन तीर्थों पर सुरक्षा की दृष्टि से केंद्र सरकार ने जो दिशा निर्देशानुसार जारी किये हैं,उसे लागू करके अन्य गतिविधियों की तरह पितृ तर्पण की भी अनुमति दी जा सकती थी।
जलेश शर्मा ने कहा कि सरकार जिस तरह के फैसले ले रही है,उससे सभी वर्ग परेशान है और इसका असर कर्मकांडी ब्राह्मणों की आर्थिक स्थित पर भी पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि सरकार कोरोनाकाल में ब्राह्मणों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है,उन्हें राज्य सरकार को राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिये। वहीं श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के अध्यक्ष पवन शर्मा शास्त्री ने भी प्रतिबंध लगाने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के कार्यक्रम हो रहे हैं,रैलियां हो रही हैं,सभाएं हो रही है,बसें,जहाज,ट्रेन सब चल रहे हैं,मगर पितृ पक्ष के दौरान पिहोवा और कुरुक्षेत्र के तीर्थ पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने कहा कि श्राद्धों की अमावस्या साल में सबसे बड़ी अमावस्या मानी जाती है,लेकिन जिस तरह के प्रतिबंध लगाये जा रहे हैं,उससे लोगों के पितर भी पानी को तरस जाएंगे।
तीर्थोद्धार सभा के अध्यक्ष पवन शर्मा शास्त्री ने कहा कि तीर्थपुरोहितों को भी अपने स्वास्थ्य की चिंता है,वे जो कार्य करा रहे हैं,इसमें सैनेटाइज और यात्रियों से उचित दूरी का भी ध्यान रखा जाता है। बावजूद इसके ब्राह्मणों और तीर्थों के लिये ऐसे हालात पैदा किये जा रहे हैं,जैसे लाकडाऊन चल रहा है।श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा ने कहा कि क्या सरकार के पास ऐसी कोई रिपोर्ट है कि बाजार की दुकानों पर रोजाना कितने लोग आते हैं,जब बाजारों, मंडियों में लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं और जाम जैसे हालात पैदा हो रहे हैं तो क्या उचित दूरी बनाकर कर्मकांड कराने वाले ब्राह्मणों पर ही प्रतिबंध लगाने का जोर चलेगा। उन्होंने कहा कि ठेके और रेस्टोरेंट खुले हैं,बसों में रोजाना भीड़ की फोटो वीडियो वायरल हो रही है,उसके बावजूद सिर्फ ब्राह्मणों के कामकाज पर कुठाराघात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह भी जानना चाहिये कि तीर्थ पुरोहितों के पास पिछले छह माह से कोई आमदनी नहीं है।–