न्यूज डेक्स संवाददाता
रोहतक। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका तालमेल कमेटी के आह्वान पर प्रदेशव्यापी हड़ताल 42वे दिन भी उत्साह के साथ जारी रही। बहनों नेमानसरोवर पार्क से महावीर चौक तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। सांसद रोहतक श्री अरविंद शर्मा को अपना मांगपत्र सौंपा। आज आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने मानसरोवर पार्क में सभा की। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन हरियाणा (AIUTUC) की प्रदेश महासचिव पुष्पा दलाल ने कहा कि आज हमने अपने सांसद को अपना मंगपत्र दिया है। हम सभी आंगनवाड़ी बहनें एकजुट हैं। हम सरकार की हर कार्यवाही का जवाब देंगे। हर कीमत पर अपनी सारी मांगों को पूरा कराके ही मानेंगी। प्रशासन के हर तरह के दमन से हमारा आंदोलन दबने वाला नहीं है। आखरी दम तक हम लड़ेंगी और जीतेंगी।
एआईडीएसओ के प्रदेश उपाध्यक्ष छात्र नेता राजेश ने कहा कि आपकी यह लड़ाई निजीकरण के खिलाफ व अपने हकों को हासिल करने की है। आपका आंदोलन जीत की तरफ बढ़ रहा है। हरियाणा सरकार के पास आपकी इन मांगों को नकारने का कोई तर्क नहीं है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं कोई नई मांग नहीं कर रही है, बल्कि प्रधानमंत्री की 2018 की घोषणा को लागू करने की मांग कर रही हैं। इससे इन्कार कर हरियाणा सरकार अपने ही प्रधानमंत्री की अवमानना कर रही है।
सांसद को दिए गए मांगपत्र में मांग की गई कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक न्यूनतम वेतन वर्कर्स को 24000 व हैल्पर को 16000 रू दिया जाए। 2018 में की गई घोषणाओं को लागू करते हुए महंगाई भते की तमाम किस्त मानदेय में जोड़कर दी जाए। महंगाई भते का बकाया ऐरियर भी तुरंत दिया जाए। विभाग द्वारा बिना फोन व अन्य संसाधन दिए वर्कर्स पर ऑनलाइन का काम ना करवाया जाए। इस बारे माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना न की जाए। प्रधानमंत्री द्वारा सिंतबर 2018 में की गई वर्कर्स व हैल्पर्स की 1500 एवं 750 रूपये की बढ़ौतरी को ऐरियर समेत दिया जाए।
आंगनवाड़ी वर्कर्स को 5 लाख व हैल्पर्स को 3 लाख रूपये रिटायरमेंट लाभ दिया जाए। रिटायरमैंट पैंशन लागू की जाए। आंगनवाड़ी वर्कर से सुपरवाइजर के रूप में 50 प्रतिशत की पदोन्नति को बिना किसी शर्त के लागू किया जाए। आंगनवाड़ी केंद्रों का बढ़ा किराया ग्रामीण क्षेत्र का 2000 , छोटे कस्बे / शहर का 3000 व बड़े शहरों का 5000 रूपये लागू किया जाए। किराया कम देने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका को विभागीय ट्रेनिंग या मीटिंग में बुलाने पर टीए व डीए दिया जाए तथा 18 किलोमीटर की सीमा खत्म की जाए। आंगनवाड़ी वर्कर व हैल्पर को दुर्घटना होने पर इलाज का पूरा खर्च मिले। मृत्यु होने पर अन्य विभागों की तर्ज पर 3 लाख रूपये मुआवजा व आश्रित को नौकरी मिले। वर्कर्स व हेल्पर्स की वर्दी की राशि बढ़े व सालाना कम से कम 2000 रूपये की जाए। नई शिक्षा नीति वापस हो।
प्ले वे स्कूल के नाम पर आईसीडीएस का निजीकरण ना किया जाए। आईसीडीएस में किसी भी एनजीओ या प्राइवेट संस्था को शामिल करने की अनुमति ना दी जाए। आईसीडीएस में खाली पड़े हैल्परों , वर्करों , सुपरवाईजरों , सीडीपीओ , पीओ आदि के तमाम पदों को भरा जाए ताकि विभाग के काम का संचालन ठीक प्रकार से हो। आईसीडीएस की 6 सेवाओं तथा 5 उद्देश्य से अलग कोई कार्य न लिया जाए। राज्य में आन्दोलन के दौरान आंगनवाड़ी कर्मियों पर बने रोड़ जाम के मुकद्दमें निरस्त किए जाएं।
सभी वर्कर्स एवं हैल्पर्स को ईएसआई एवं पीएफ के तहत कवर किया जाए व तुरंत इनके खाते खुलें। वर्कर्स व हैल्पर्स को मैडिकल अवकाश दिया जाए। इंधन की राशि को बढ़ाया जाए या सिलैंडर स्वंय विभाग भरवाकर दे। तब तक सुखा राशन देने की व्यवस्था जारी रहे। मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र में हैल्पर की भर्ती की जाए। आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हैल्पर्स के लिए गर्मी-सर्दी का अवकाश लागू हो। इस मौके पर जिला प्रधान रोशनी चौधरी, सुनीता वर्मा, महम ब्लॉक सचिव दर्शना, रोशनी पाकस्मा, रामभतेरी, सीमा, संतोष, कविता, कमला, सुनीता, सुमित्रा, प्रकाश, सतबीर, कमला, नवीन कुमार, एमडीयू छात्रा मनीषा, दीक्षा, छात्र नेता उमेश, हरीश ने भी अपनी बात रखी।