मुख्यमंत्री ने ग्राम संरक्षकों से संवाद कार्यक्रम में प्रथम श्रेणी स्तर के अधिकारियों से किया सीधा संवाद
अंत्योदय की भावना के तहत अंतिम व्यक्ति तक जनहित की योजनाओं का लाभ पहुंचाना है लक्ष्य
आह्वान, सभी अधिकारी www.intrahry.gov.in/ पोर्टल पर रजिस्टर्ड कर एक-एक गांव का करें चयन
न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में ग्राम संरक्षक कार्यक्रम की शुरूआत की हुई है, जिसके तहत प्रथम श्रेणी स्तर के अधिकारी एक-एक गांव को गोद ले रहे हैं। ग्राम संरक्षक के रूप में यह अधिकारी गांवों व वार्ड स्तर पर लोगों की समस्याओं का समाधान करवाएं तथा गांवों के विकास से संबंधित जानकारी जिला प्रशासन व सरकार तक पहुंचाएं ताकि अंतिम व्यक्ति तक जनहित की योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ पहुंचे।
मुख्यमंत्री गणतंत्र दिवस की संध्या पर फोनिंग के जरिये ग्राम संरक्षकों से संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी प्रथम श्रेणी स्तर के अधिकारी एक-एक गांव का चयन कर उसके संरक्षक बनें। अधिकारी की एक परिभाषा-अधिक काम करने वाला भी मानी जाती है, इसलिए यह जिम्मेवारी प्रथम श्रेणी के अधिकारियों को दी जा रही है। स्वतंत्रता व गणतंत्र दिवस हमारे राष्ट्रीय पर्व हैं, इसलिए आज गणतंत्र के दिन हमें अपनी डयूटी के अलावा देश व समाज के विकास के बारे में भी सोचना चाहिए। ग्राम संरक्षकों से संवाद का मकसद यही है कि सभी समाज के प्रति जवाबदेह बनते हुए उनकी भलाई के लिए कार्य करें। इसके लिए वे www.intrahry.gov.in/ पोर्टल पर स्वयं को रजिस्टर्ड करें और जल्द से जल्द अपने गांवों का चयन करें। यह कार्य डयूटी के समय को छोड़कर अन्य समय में करना है।
अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है लक्ष्य:-
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय की भावना के साथ काम कर रही है। सरकार ने पिछले सात साल में जनहित में अनेक योजनाएं व कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिसमें शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास, कुटीर उद्योगों को बढ़ाव, एक जिला-एक प्रोडक्ट विकसित करना, पेंशन योजनाएं, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा, स्वामीत्व योजना, हर घर नल से जल, परिवार पहचान पत्र, मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना इत्यादि शामिल हैं। आज भी अनेक ऐसे व्यक्ति हैं, जो अपने हित की योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में ग्राम संरक्षक के रूप में अधिकारी ग्रामीणों, स्थानीय नेताओं, ग्राम स्तर पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों से संपर्क कर गांवों की समस्याओं का समाधान करने में सहयोग कर सकेंगे।
अधिकारियों का समाज के प्रति दायित्व:-
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज ने हम सभी को बहुत कुछ दिया है। एक अधिकारी के रूप में सभी का दायित्व है कि वे समाज के प्रति अपने दायित्व को समझें और उसकी भलाई के लिए कार्य करें।
एडीसी होंगे जिला स्तर पर नोडल अधिकारी:-
मुख्यमंत्री ने बताया कि जिला स्तर पर ग्राम संरक्षक कार्यक्रम के नोडल अधिकारी अतिरिक्त उपायुक्त होंगे। इसके अलावा सभी 22 जिलों में प्रशासनिक सचिव स्तर के अधिकारी को भी नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। यह अधिकारी समय-समय पर सभी गतिविधियों की समीक्षा करेंगे तथा जो भी समस्याएं आएंगी उनका समाधान करेंगे। ग्राम संरक्षक द्वारा भेजे जाने वाले सुझावों को संबंधित विभागों को आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजा जाएगा।
भ्रष्टाचार की संभावना पर लगेगी रोक
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम संरक्षक कार्यक्रम से ग्राम स्तर पर चल रहे विकास कार्यों व योजनााओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार की संभावनाओं पर रोक लगेगी। जनता को त्वरित योजनाओं का लाभ मिलना संभव होगा।
सभी गांव व वार्ड होंगे कवर
उन्होंने कहा कि हरियाणा में करीब 6700 गांव हैं तथा 2 हजार वार्ड हैं। अगर सभी प्रथम श्रेणी स्तर के अधिकारी एक-एक गांव व वार्ड के संरक्षक बनेंगे तो अधिकारियों की संख्या के हिसाब से हर गांव व वार्ड को कवर किया जा सकता है।
पांच हजार अधिकारी जुड़े फोनिंग कार्यक्रम से
मुख्यमंत्री के ग्राम संरक्षकों से संवाद कार्यक्रम में फोनिंग के जरिये करीब 5 हजार अधिकारी जुड़े और मुख्यमंत्री के विजन को समझा। इस दौरान प्रथम श्रेणी स्तर के 14 अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से बात कर जरूरी सुझाव रखे और अपनी शंकाओं को दूर किया। इन अधिकारियों में एसीएस अनुराग रस्तोगी, रेवाड़ी के कोसली अस्पताल में कार्यरत डा. भूपेश यादव, गुरूग्राम अस्पताल में कार्यरत डा. मोनिका व डा. इंदु, पानीपत थर्मल में कार्यकारी अभियंता आशीष ढुल, पलवल स्थित होडल के एसडीएम वकील अहमद, प्रतिमा चौधरी, ब्रिजलाल, करनाल से आजाद सिंह, फतेहाबाद से शालिनी चेतन, मनोज कुमार, जयपाल, सिविल अस्पताल अंबाला में कार्यरत डा. पूजा गुप्ता व पंचकूला से हिमांशु गुप्ता शामिल हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख प्रधान सचिव डीएस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल, ओएसडी भूपेश्वर दयाल उपस्थित थे।