ग्राम संरक्षक बनकर अधिकारी गांव को गोद लेकर करवा सकते है विकास कार्य, राज्य सरकार द्वारा ग्राम संरक्षक कार्यक्रम की गई है शुरुआत, गांव की समस्याओं और विकास कार्यो की रिपोर्ट को पहुंचाएं प्रशासन तक
न्यूज डेक्स संवाददता
कुरुक्षेत्र। उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि हरियाणा सरकार की ओर से प्रदेशभर में ग्राम संरक्षक कार्यक्रम की शुरूआत की गई है, जिसके तहत प्रथम श्रेणी स्तर के अधिकारी एक-एक गांव को गोद ले सकते है। ग्राम संरक्षक के रूप में यह अधिकारी गांवों व वार्ड स्तर पर लोगों की समस्याओं का समाधान करवाएं तथा गांवों के विकास से संबंधित जानकारी जिला प्रशासन व सरकार तक पहुंचाएं ताकि अंतिम व्यक्ति तक जनहित की योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ पहुंचे। उपायुक्त मुकुल कुमार बातचीत करते हुए कहा कि जिला के प्रथम श्रेणी विभागाध्यक्षों को कहा कि सभी प्रथम श्रेणी स्तर के अधिकारी एक-एक गांव का चयन कर उसके संरक्षक बनें। अपनी ड्यूटी के अलावा देश व समाज के विकास के बारे में भी सोचना चाहिए।
ग्राम संरक्षकों से संवाद का मकसद यही है कि सभी समाज के प्रति जवाबदेह बनते हुए उनकी भलाई के लिए कार्य करें। इसके लिए वे इंटराएचआरवाई.जीओवी.इन पर स्वयं को रजिस्टर्ड करें और जल्द से जल्द अपने गांवों का चयन करें। यह कार्य डयूटी के समय को छोडक़र अन्य समय में करना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय की भावना के साथ काम कर रही है। सरकार ने पिछले सात साल में जनहित में अनेक योजनाएं व कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिसमें शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास, कुटीर उद्योगों को बढ़ावा, एक जिला-एक प्रोडक्ट विकसित करना, पेंशन योजनाएं, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा, स्वामित्व योजना, हर घर नल से जल, परिवार पहचान पत्र, मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आज भी अनेक ऐसे व्यक्ति है, जो अपने हित की योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम नहीं है।
ऐसे में ग्राम संरक्षक के रूप में अधिकारी ग्रामीणों, स्थानीय नेताओं, ग्राम स्तर पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों से संपर्क कर गांवों की समस्याओं का समाधान करने में सहयोग कर सकेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किया कि समाज ने हम सभी को बहुत कुछ दिया है। एक अधिकारी के रूप में हम सभी का दायित्व है कि हम सभी समाज के प्रति अपने दायित्व को समझें और उसकी भलाई के लिए कार्य करें। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर ग्राम संरक्षक कार्यक्रम के लिए नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति की गई है। नोडल अधिकारी समय-समय पर सभी गतिविधियों की समीक्षा करेंगे तथा जो भी समस्याएं आएंगी उनका समाधान करेंगे। ग्राम संरक्षक द्वारा भेजे जाने वाले सुझावों को संबंधित विभागों को आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजेंगे।