Sunday, November 24, 2024
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केयू ने लिया ऑनलाइन-ऑफलाइन मोड में परीक्षाएं करवाने का फैसला

by Newz Dex
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ऑनलाइन परीक्षार्थियों पर नजर रखेंगे निरीक्षक व ऑबजर्वर


यूजी सेमेस्टर की परीक्षाएं 23 फरवरी से शुरू


परीक्षाओं के मोड व सफल संचालन हेतु मंगलवार को लिया गया फैसला, अधिसूचना जारी

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने स्नातक व अन्य सेमेस्टर परीक्षाओं को लेकर मंगलवार को गाइडलाइंस जारी कर दी है। कुवि की तरफ से जारी गाइडलाइन के अनुसार 23 फरवरी से शुरू होने वाली इन परीक्षाओं में परीक्षार्थियों को पेपर पूरा कर गूगल फार्म पर अपलोड करने के लिए 4 घंटे का समय दिया गया है।  कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकम सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने परीक्षा स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर इस बार भी ब्लैंडिड मोड में परीक्षा लेने की योजना बनाई है जिसकी अधिसूचना आज मंगलवार को सभी विभागाध्यक्षों, प्राचार्यों व निदेशकों को ई-मेल के माध्यम से जारी की गई। कुवि प्रशासन ने इस बार पुनः स्नातक की सेमेस्टर परीक्षाएं 23 फरवरी से ब्लैंडिड मोड में आयोजित करने का निर्णय लिया है जिसके सफल संचालन हेतु केयू प्रशासन द्वारा सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। 

डॉ. सिंह ने बताया कि इन सभी परीक्षाओं की डेटशीट कुवि की वैबसाइट पर पहले से ही उपलब्ध है तथा विद्यार्थियों की समस्याओं को देखते हुए इस बार भी अपने पेपर की उत्तर-पुस्तिका अपलोड करने के लिए गूगल फार्म का लिंक जारी किया जाएगा ताकि उत्तर-पुस्तिका भेजने के लिए ई-मेल बाउंस व ई-मेल फेल जैसी किसी भी तकनीकी समस्या का सामना न करना पड़े। विश्वविद्यालय के विभागों व संबंधित कॉलेजों के सभी परीक्षार्थियों को यूजी की समैस्टर परीक्षाओं के लिए गूगल फार्म का लिंक संबंधित विभाग व संस्थान की ओर से भेजा जाएगा और गूगल फार्म के जरिए ही विद्यार्थी अपनी उत्तर-पुस्तिका समय रहते संबंधित विभाग/संस्थान व कॉलेज में भेज सकेंगे। इसके लिए बकायदा संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को गूगल फार्म का लिंक तैयार कर सभी परीक्षार्थियों के पास भेजना होगा।

उन्होंने बताया कि इन सभी परीक्षाओं में विद्यार्थी को 100 प्रतिशत अंको का पेपर हल करना होगा जिसके लिए उन्हें 4 घंटे का समय दिया जाएगा। पेपर करने के लिए विद्यार्थियों को ए-फॉर साइज के अधिकतम 36 पेजों का प्रयोग करना होगा तथा प्रश्न पत्र डाउनलोड करके परीक्षा संबंधित विवरण व रोल नंबर पेज पर लिखना होगा। इसके अलावा कोई भी परीक्षार्थी अपना मोबाइल नंबर व अन्य कोई भी सूचना अपनी उत्तर-पुस्तिका पर नहीं लिखेगा। इन आदेशों की उल्लंघना करने पर संबंधित विद्यार्थी के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। ब्लैंडिड मोड के तहत होने वाली इन परीक्षाओं के लिए जारी की गई गाइडलाइंस में विद्यार्थियों को वैब कैम और मोबाइल कैमरे के सामने उपस्थित होने के निर्देश हैं। 

डॉ. हुकम सिंह ने बताया कि प्रातःकालीन व सांयकालीन सत्र में होने वाली इन स्नातक व स्नातकोत्तर की परीक्षाओं में सुबह सत्र वाला पेपर 9.15 बजे और सांय सत्र के लिए 1.15 बजे ईमेल के माध्यम से संबंधित विभाग/संस्थान व कॉलेज में भेजे जाएंगे। इसके बाद संबंधित विभाग/संस्थान व कॉलेज 9.30 बजे और दोपहर के सत्र में 1.30 बजे तक प्रश्न-पत्र ई-मेल, व्हाट्सएप व अन्य किसी इलेक्ट्रॉनिक एप के माध्यम से परीक्षार्थी के पास भेजेंगे। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा ऑबजर्वर नियुक्त किए गए हैं जोकि ऑनलाइन विद्यार्थियों पर परीक्षा के दौरान नजर रखेंगे ताकि परीक्षा नकल मुक्त संपन्न हो सके।

परीक्षा मोड के लिए पूर्व विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन जरूरीः डॉ. हुकम सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार विद्यार्थी ऑनलाईन या ऑफलाइन किसी भी माध्यम से परीक्षा दे सकता है। इसके लिए विभागाध्यक्षों, प्राचार्यों व निदेशकों को परीक्षार्थियों से ऑप्शन लेनी होगी कि वे परीक्षा किस माध्यम से देना चाहते हैं। दूर-दराज व अन्य प्रदेशों में रहने वाले पूर्व छात्र को परीक्षा देने के लिए स्वयं को विभाग/संस्थान व महाविद्यालय में ऑनलाईन व ऑफलाइन मोड में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा जिसके लिए 50 रुपए शुल्क जमा करवाने होंगे।

इसके लिए उसके परीक्षा प्रवेश पत्र पर संबंधित कॉलेज का नाम दर्शाया गया होगा जिसके द्वारा वह निर्धारित महाविद्यालय व संस्थान में सम्पर्क कर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकता है, जिसमें उसका नाम, कक्षा, रोल नंबर, पेपरों का विवरण, मोबाइल नंबर, ई-मेल आदि आदि सभी जानकारियां उपलब्ध करवानी होगी। सफल रजिस्ट्रेशन होने पर परीक्षार्थी को समय रहते प्रश्न पत्र सुबह व दोपहर सत्र वाले परीक्षा वाले दिन उपलब्ध हो सकेंगे। डॉ. सिंह ने बताया कि पूर्व की भांति इस बार भी यदि कोई विद्यार्थी ऑफलाइन माध्यम से परीक्षा देना चाहता है तो उस स्थिति में विद्यार्थी को संबंधित कॉलेज प्रश्न-पत्र व उत्तर-पुस्तिका उपलब्ध करवाएगा और परीक्षा संपन्न करवाने की जिम्मेदारी संबंधित विभाग, कॉलेज व संस्थान के अध्यक्ष, प्राचार्य व निदेशक की होगी। इसके अलावा प्रैक्टिकल, प्रोजैक्ट रिपोर्ट, ट्रेनिंग आदि की परीक्षा विभाग, महाविद्यालय व संस्थान स्तर पर ही ऑनलाईन मोड के माध्यम से ली जाएगी। 

परीक्षा केन्द्र अधीक्षक व निरीक्षकों की होगी नियुक्तिः डॉ. सिंह ने बताया कि यूजी की परीक्षाओं के लिए संबंधित महाविद्यालय/संस्थान द्वारा परीक्षा केन्द्र अधीक्षक नियुक्त किए जाएंगे और 20 विद्यार्थियों के ऊपर एक निरीक्षक नियुक्त किया जाएगा जोकि सभी विद्यार्थियों की गूगल मीट और व्हाट्सअप के द्वारा प्रोक्टोरियल/इंविजिलेशन करेगा। शिक्षकों को इसका रिकॉर्ड 3 महीने तक संभालकर रखना होगा ताकि जरूरत पड़ने पर विश्वविद्यालय द्वारा इसकी जांच की जा सके। इसके अलावा सभी विभाग/संस्थान व कॉलेज को सभी परीक्षाओं की डेली सूची परीक्षा संपन्न होने उपरांत क्लास वाइज/पेपर वाइज/डेट वाइज उत्तर-पुस्तिका के मूल्यांकन के लिए निर्धारित किए गए अवार्ड परफार्मा के साथ संलग्न करनी होगी। डॉ. सिंह ने बताया कि यह सभी दिशा-निर्देश विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा जो विद्यार्थी पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करना चाहेंगे, वे कुवि के नियमानुसार निर्धारित समय में इसके लिए आवेदन करेंगे ताकि समयानुसार उनकी उत्तर-पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन किया जा सके।

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