Friday, November 22, 2024
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केयूसीटीआईई व यूनेस्कोमहात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन फॉर पीस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट के बीच समझौता

by Newz Dex
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न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के केयूसीटीआईई तथा यूनेस्को महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन फॉर पीस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट (यूनेस्को, एमजीआईईपी), नई दिल्ली के बीच हुआ गुरूवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा की संरक्षता में समझौता किया गया जिस पर कुवि कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा तथा एमजीआईईपी की ओर से प्रोग्राम स्पेशलिस्ट एबेल केन ने हस्ताक्षर किए। यूनेस्को, एमजीआईईपी भारत में भारत सरकार के समर्थन से स्थापित किया गया है और यह यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र संघ) का एक अभिन्न अंग है।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि केयू नई शिक्षा नीति-2020 को विश्वविद्यालय में पूर्णतया लागू करने की प्रक्रिया में है और इसके तहत विश्वविद्यालय में सामाजिक भावनात्मक शिक्षा (एसईएल) पर पाठ्यक्रम शुरू किए हैं ताकि छात्रों को इन कोर्सो के माध्यम से शांति और भावनात्मक स्थिरता में प्रशिक्षण मिल सके जिसमें यह एमओयू अहम भूमिका निभाएगा।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि इस समझौते का उद्देश्य डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देना और युवाओं को सशक्त बनाने वाले कार्यक्रमों को विकसित करके दुनिया भर में शांतिपूर्ण और समृद्ध समाज बनाने के लिए शिक्षा प्रदान करना है ताकि ऑनलाइन शिक्षण मंच पर ऑनलाइन अनुभवात्मक सीखने की शक्ति का लाभ उठाकर उच्च गुणवत्ता वाली सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा प्रदान की जा सके।

उन्होंने बताया कि इस समझौते के माध्यम से विश्वविद्यालय के  विद्यार्थियों को यूनेस्को महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन फॉर पीस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा विषयगत एवं तकनीकी जानकारी प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह संस्थान सामाजिक और भावनात्मक शिक्षा के माध्यम से मानवीय गुणों के विकास के लिए शिक्षा को देने की दिशा में काम करता है। 
गौतरलब है कि यूनेस्को एमजीआईईपी संस्थान के स्टेकहोल्डरों में शिक्षक, पाठ्यक्रम डिजाइनर, विद्यार्थी, गेम-डिजाइनर और डेवलपर्स, एड-टेक कंपनियां, तथा नीति निर्माता शामिल हैं। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर ट्रेनिंग इंटर्नशिप एंड एम्प्लॉयमेंट (केयूसीटीआईई) इस साझेदारी समझौते को आगे बढ़ाने के लिए नोडल केंद्र के रूप में कार्य करेगा। एमजीआईईपी के निदेशक डॉ. अनंत दुरईअप्पा ने भी इस समझौते के लिए बधाई प्रेषित की।

एमजीआईईपी के प्रोग्राम स्पेशलिस्ट एबेल केन ने कहा कि हम सामाजिक भावनात्मक सीखने के क्षेत्र में एक हजार से अधिक कर्मचारियों और छात्रों को ऑनलाइन स्व-गति से सीखने के कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित करेंगे। हमें खुशी है कि केयू का सेंटर फॉर ट्रेनिंग एंड एम्प्लॉयमेंट हमारी नोडल एजेंसी होगी। प्रोफेसर इंचार्ज प्रो. सुनील ढींगरा ने कहा कि इस समझौते के तहत् यूनेस्को की तरफ से प्रथम चरण में 1000 विद्यार्थियों को 40 घंटे का एक ऑनलाइन कोर्स निःशुल्क में करवाया जाएगा। विद्यार्थियो के लिए यह कोर्स स्वैच्छिक होगा और सफलतापूर्वक कोर्स पूर्ण करने वाले विद्यार्थियों को यूनेस्को की ओर से प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे।

विश्वविद्यालय का प्रशिक्षण एवं रोजगार केन्द्र (केयूसीटीआईई) इस कोर्स को संचालित करने में सहयोग करेगा जिसका समन्वय डॉ. महेन्द्र सिंह करेंगे। प्रो. सुदेश और डॉ. नीरज बातिश इस कोर्स में फैकल्टी मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे। इनको यूनेस्को की तरफ से मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।  इस मौके पर कुवि कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. मंजूला चौधरी, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. ब्रजेश साहनी, केयूसीटीआईई के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो. सुनील ढींगरा, फैकल्टी कोर्डिनेटर प्रो. सुदेश, प्रो. दिनेश, फैकल्टी कोर्डिनेटर डॉ. नीरज बातिश, एमजीआईईपी से डॉ. अर्चना चौधरी, केयूसीटीआईई के कोर्डिनेटर डॉ. महेन्द्र सिंह मौजूद थे।

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