Friday, November 22, 2024
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हिंदुत्व की विचारधाराओं के पुरोधा माधव सदाशिव गोलवलकर की जयंती पर प्रधानमंत्री से उनको भारत रत्न देने की मांग

by Newz Dex
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न्यूज डेक्स संवाददाता

रेवाड़ी। राष्ट्रवादी व्यक्तित्व एवं हिंदुत्व की विचारधाराओं के पुरोधा माधव सदाशिव गोलवलकर की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनको भारत रत्न देने की मांग की गई है। देश की एकता व अखंडता की रक्षा के लियें सर्वस्व न्योछावर करने वाले महान विचारक,राष्ट्रवादी व्यक्तित्व के धनी माधव सदाशिव गोलवलकर की जयंती, आध्यात्मिक गुरु रामकृष्ण परमहंस की जयंती,क्षत्रिय वंश के पुरोधा छत्रपति शिवाजी की जयंती  एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गोपालकृष्ण गोखले के बलिदान दिवस पर हिंदू हाई स्कूल रेवाड़ी के प्रांगण में स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से सदाशिव गोलवलकर को मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग के साथ होनहार छात्राओं को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ.आर.के.शर्मा ने कहा महापुरुषों के आदर्शो पर चलकर युवा पीढ़ी देश को विश्व गुरु बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।उन्होंने कहा महापुरुष हमारे देश की धरोहर हैं और उनको याद करना हम सबका नैतिक दायित्व बनता है।

कार्यक्रम के संयोजक सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.आर.के. जांगड़ा विश्वकर्मा ने कहा राष्ट्रवादी सोच के पुरोधा माधव सदाशिव गोलवलकर हिंदुत्व की विचारधारा का प्रवर्तन करने वालों में उनका नाम प्रमुख है। उन्होंने कहा हिंदुत्व और अखंड भारत के निर्माण के लिए के कार्य करना कोई गलत कार्य नहीं है। उन्होंने देश की सेवा के लिए भी बहुत काम किया। डॉ. विश्वकर्मा ने कहा गोलवलकर जी को कभी भी बड़ा सम्मान पदम श्री और पदम विभूषण आदि से अलंकृत नहीं किया गया। लेकिन उनका व्यक्तित्व इन सबसे ऊपर है। जिस समय पाकिस्तान में लाखों हिंदू कठिनाई में फंसे थे उस समय गोलवलकर नें उनके लिए मसीहा बनकर कार्य किया। डॉ. विश्वकर्मा ने कहा बीसवीं सदी में भारत में अनेक गरिमा युक्त महापुरुष हुयें हैं परंतु श्री गुरुजी उन सब से भिन्न थे, क्योंकि उनका जैसा हिंदू जीवन की आध्यात्मिकता, हिंदू समाज की एकता और हिंदुस्तान की अखंडता के विचारों का पोषक और उपासक कोई अन्य नहीं था। उन्होंने कहा भारत की स्वतंत्रता मिलने से लेकर गांधी जी की हत्या तक कई बार संघ पर प्रतिबंध लगे लेकिन  संघ ने हमेशा राष्ट्रवादी विचारों को सर्वोपरि रखा।

उन्होंने हिंदुत्व  के लियें कई कदम उठायें लेकिन अन्य धर्मों को आघात नहीं पहुंचाया। महान योगी उच्च कोटि के विचारक एवं माननीय मूल्यों के पोषक व स्वामी विवेकानंद के आध्यात्मिक गुरु रामकृष्ण परमहंस के आदर्श,क्षत्रिय वंश के पुरोधा शिवाजी की वीरता और स्वतंत्रता सेनानी व गोपाल कृष्ण गोखले का व्यक्तित्व युवा पीढ़ी को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। इस अवसर पर प्रतिभावन छात्राओं रोशनी रानी,सुनीता,निकिता,सारिका,प्रीति को गीता ग्रंथ भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रोमिलता,मुरलीधर,प्रदीप डीपीई अध्यापक वर्ग के साथ जतिन,रजत,दीपांशु,सुमित,वरुण,कार्तिक,प्रथम,शिवम, निशांत,देवेश,तुषार,जीवन, करण,दिनेश,सुमित,,यशवंत, देवेंद्र, दिवेश, रजत,यमन,ललित,विजय,शंकर,मनजीत, सुमित, नंदकिशोर,विशाल,धर्मेंद्र,हरीशआदि अनेक छात्र- छात्राएं उपस्थित थे।

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