सामुदायिक केन्द्र सेक्टर 21 को शहीद चंद्र शेखर आजाद के नाम पर रखने की करी घोषणा
पंचकूला के सभी 18 सामुदायिक केन्द्रों को शहीदों के नाम पर रखा जाएगा ताकि आने वाली पीढी देश के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले वीर शहीदों के बलिदानों से ले सकें प्रेरणा
शहीदों के बलिदान से मिली आज़ादी को कायम रखना हम सबका दायित्व-गुप्ता
न्यूज डेक्स संवाददाता
पंचकूला। शहीद चंद्र शेखर आज़ाद के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि देते हुए हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने सामुदायिक केन्द्र सेक्टर 21 को शहीद चंद्र शेखर आजाद के नाम पर रखने की घोषणा की। गुप्ता ने कहा कि पंचकूला के सभी 18 सामुदायिक केन्द्रों को शहीदों के नाम पर रखा जाएगा ताकि हमारी आने वाली पीढी देश के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले वीर शहीदों के बलिदानों से प्रेरणा ले सकें।
गुप्ता आज शहीद चंद्र शेखर आज़ाद के बलिदान दिवस के अवसर पर सामुदायिक केन्द्र सेक्टर 21 में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर नगर निगम के महापोर कुलभूषण गोयल भी उपस्थित थे। इससे पूर्व गुप्ता ने शहीद चंद्र शेखर आज़ाद के चित्र पर पुश्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन् किया।गुप्ता ने अपना भाषण ‘शहीदों के चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा’ से शुरू किया। उन्होंने कहा कि देश को आज़ाद करवाने में असंख्य लोगों ने कुर्बानी दी है और इस आज़ादी की रक्षा करना हम सबका दायित्व है। उन्होंने कहा कि आज युवाओं को बलिदान की नहीं बल्कि देश की एकता और अखंडता के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर उन्होंने आहवान किया कि बच्चों में यह भावना जागृत करें कि देश सबसे पहले है और बाकी बाद में।
उन्होंने कहा कि पंचकूला के सभी 18 सामुदायिक केन्द्रों का नाम उन वीर शहीदों के नाम पर रखने का निर्णय लिया गया है जिन्होंने भारत को आज़ादी दिलवाने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया और हसते-हसते फांसी के फंदे पर झूल गए। उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, चंद्र शेखर आज़ाद, अशफाक उल्ला खान, मदन लाल ढींगरा जैसे असंख्य वीरों ने अपने जीवन की कुर्बानी दी ताकि हम सब आज़ादी की खुली हवा में सांस ले सकें। शहीद चंद्र शेखर आज़ाद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि चंद्र शेखर आज़ाद एक अति गरीब परिवार में पैदा हुए और केवल 13 साल की आयु में स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी जी से जुड़ गए। उन्होंने बताया कि चंद्र शेखर आज़ाद का जन्म बृाहमण परिवार में हुआ परंतु वे कर्म से क्षत्रिय थे।
उन्होंने कभी भी गलत चीज को स्वीकार नहीं किया। गुप्ता ने कहा कि आज ही के दिन 27 फरवरी 1931 को जब उन्हें ब्रिटिश सैनिकों ने घेर लिया और जब उनसे लड़ते-लड़ते चंद्र शेखर आज़ाद के पास केवल एक गोली बची तो उन्होंने अंग्रेज़ों की गोली से मरने की बजाए अपने आप को गोली मार ली। इससे पता चलता है कि शहीद चंद्र शेखर आज़ाद में स्वाभिमान कूट-कूट कर भरा था।
इससे पूर्व संबोधित करते हुए नगर निगम के महापोर कुलभूषण गोयल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता की सोच के अनुरूप पंचकूला के सभी सामुदायिक केन्द्रों का नाम देश के वीर शहीदों के नाम पर रखने का निर्णय लिया गया है ताकि भारत के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके।