हरियाणा कला परिषद की ओर से आयोजित एकल नाट्य महोत्सव में पांच जिलों के कलाकारों ने दिखाया अभिनय कौशल
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। हरियाणा कला परिषद द्वारा मसखरे थियेटर ग्रुप, अम्बाला के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय भरतमुनि नाट्य महोत्सव का आयोजन किया गया। 28 फरवरी व 1 मार्च को आयोजित इस महोत्सव में छह नाटकों का मंचन किया गया। जिसमें पहले दिन हरियाणा नाट्य विद्यालय, करनाल की प्रस्तुति कोई दुख न हो तो बकरी खरीद लो का मंचन किया गया। जिसमें कौशलेश भारद्वाज ने अपने अभिनय के माध्यम से मुंशी प्रेमचंद की कहानी हो दिखाते हुए बताया कि बकरी के घर में आने से उसके चारे की समस्या, चिल्लाने की समस्या, बाहर छोड़ो तो खेत उजाड़ने की शिकायतें तथा न जाने कैसी कैसी मुसीबतों से तंग आकर बकरी को आखिरकार चरवाहे को देकर अपनी मुसीबतों से मुक्त होना पड़ा है।
वहीं दूसरी प्रस्तुति में कला मंच अम्बाला से राहुल शर्मा द्वारा नाटक बात जो कहनी आसान नहीं मंचित किया गया, जिसमें 1984 की त्रासदी को बड़े ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया गया। तीसरी प्रस्तुति पंचकुला से अभि रंगमंडली के कलाकार योगेश अरोड़ा की रही, जिसमें कामतानाथ का लिखा नाटक संक्रमण प्रस्तुत किया गया। इस नाटक में पिता और पुत्र की वेदना का अति सुंदर ढंग से वर्णन किया गया, जो हर परिवार की व्यथा है। बुर्जुगों की जीवन में अहमियत को दिखाते हुए नाटक ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया।
महोत्सव के दूसरे दिन रिदम रंगमण्डल, कुरूक्षेत्र से अजय शर्मा द्वारा नाटक निठल्ला मंचित किया गया वहीं मसखरे रंगमंच अम्बाला से नागेंद्र शर्मा द्वारा अभिनीत नाट्य प्रस्तुति नपुंसक ने सभी का दिल जीता। मंजुल भारद्वाज के लिखे नाटक नपुंसक में एक किन्नर के जीवन को बड़े ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया गया। अंतिम प्रस्तुति संजीवनी रंगमंच यमुनानगर से नीरज कुमार द्वारा नाटक मृत्यु कथा की रही। विभिन्न दैविक कथाओं को अपने अभिनय के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने पर कलाकार नीरज कुमार ने भरपूर वाहवाही बटौरी। महोत्सव के दौरान हरियाणा कला परिषद, अम्बाला मण्डल के अतिरिक्त निदेशक नागेंद्र शर्मा उपस्थित रहे।