न्यूज डेक्स संवाददाता
पंचकूला। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की माॅनिटरिंग कमेटी के अध्यक्ष व पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश प्रीतम पाल ने आज पंचकूला की जिला पर्यावरण योजना के तहत जिला में पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से किये जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति की समीक्षा की तथा कार्यों को तय समयावधि में पूरा करने के निर्देश दिये। लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित इस बैठक में उपायुक्त महावीर कौशिक, कमेटी की सदस्या व हरियाणा की सेवानिवृत आईएएस अधिकारी उर्वशी गुलाटी और माॅनिटरिंग कमेटी के तकनीकी विशेषज्ञ बाबू राम भी उपस्थित थे।
प्रीतम पाल ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार एक राष्ट्रीय स्तर का मैकेनिजम तैयार किया गया है, जिसके तहत पर्यावरण के सभी पहलुओं पर बारिकी से अध्ययन करते हुये सभी जिलों की जिला पर्यावरण योजना तैयार की गई है। इस बैठक का उद्देश्य जिला पर्यावरण योजना के तहत ठोस और तरल कचरा प्रबंधन, संग्रहण व पृथक्करण, प्लास्टिक वेस्ट के संग्रहण व उपयोगिता, बरसाती नालों की साफ सफाई, बागवानी के वेस्ट से कंपोस्ट तैयार करने तथा बायो मैडिकल कचरा के संग्रहण व निस्पादन की विभिन्न परियोजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि कमेटी इन विभिन्न कार्यों की समीक्षा और जमीनी स्तर पर निरीक्षण करने उपरांत अपनी रिपोर्ट एनजीटी को प्रस्तुत करेंगी। रिपोर्ट में कमेटी द्वारा अपनी सिफारिशों के साथ साथ विभागों के सुझाव को भी सम्मिलित किया जायेगा।
मानिटरिंग कमेटी की सदस्या और हरियाणा की सेवानिवृत आईएएस अधिकारी श्रीमती उर्वशी गुलाटी ने जिला में पर्यावरण की दृष्टि से लागू की गई बेस्ट प्रेक्टिसिस के लिये पंचकूला की सराहना की और इस दिशा में और अधिक कार्य करने के लिए प्रेरित किया । उन्होंने जिला स्तर पर भी एक कमेटी गठित करने का सुझाव दिया, जो नियमित तौर पर जिला पर्यावरण योजना के तहत किये जा रहे विभिन्न कार्यों की निगरानी करेंगी ताकि कार्यों को समयावधि में पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि पर्यावरण योजना के अंतर्गत शहर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र पर भी विशेष फोक्स किया जाये। उन्होंने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ओद्यौगिक इकाईयों के साथ हर तीन महीने में एक बार बैठक कर, हानिकारण अपशिष्ट के प्रबंधन और निस्पादन के लिये जागरूक करने के निर्देश दिये।
माॅनिटरिंग कमेटी के तकनीकी विशेषज्ञ बाबू राम ने कहा कि सभी 22 जिलों की जिला पर्यावरण योजना तैयार की गई हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देशानुसार जमीनी स्थितियों के मद्देनजर जिला पर्यावरण योजना में आवश्यक बदलाव भी किये जा सकते है। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभाग पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीरता से कार्य करें और जिला पर्यावरण योजना में दिये गये लक्ष्यों को तय सीमा में पूरा करना सुनिश्चित करें।
उपायुक्त महावीर कौशिक ने माॅनिटरिंग कमेटी को आश्वासन दिया कि बैठक में उनके द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों का अक्सरशय पालन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जिला पर्यावरण योजना के तहत किये जा रहे विभिन्न कार्यों की नियमित तौर पर समीक्षा की जायेगी ताकि तय समयावद्धि में इन्हें पूरा किया जा सके। इससे पूर्व मानिटरिंग कमेटी द्वारा पर्यावरण संरक्षण से संबंधित विभिन्न विषयों की समीक्षा की गई, जिनमें घर-घर जाकर कचरा उठाने, ई-वेस्ट, जल गुणवत्ता, सीवरेज, ट्रीटमेंट प्लांट, वायु प्रदूषण, पौधा रोपण, ठोस और तरल कचरा प्रबंधन, संग्रहण व पृथक्करण, प्लास्टिक वेस्ट के संग्रहण व उपयोगिता, बरसाती नालों की साफ सफाई, बागवानी के वेस्ट से कंपोस्ट तैयार करना तथा बायो मैडिकल कचरा के संग्रहण व निस्पादन शामिल है। बैठक के उपरांत माॅनिटरिंग कमेटी ने एचएसवीपी व नगर निगम के संबंधित अधिकारियों के साथ सेक्टर-23 स्थित डंपिंग ग्राउंड का निरीक्षण भी किया।
ये अधिकारी रहे बैठक में उपस्थित-
नगर निगम आयुक्त धर्मवीर सिंह, सीईओ जिला परिषद गगनदीप सिंह, नगराधीश गौरव चौहान, एसीपी राजकुमार, नगर परिषद कालका की ईओ निशा शर्मा, सीएमओ डा मुक्ता कुमार, नगर निगम के अधीक्षक अभियंता संजीव गोयल, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रिय अधिकारी विरेंदर पूनिया , एचएसवीपी के कार्यकारी अभियंता एनके पायल, जनस्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग के कार्यकारी अभियंता विकास लाठर, नगर निगम पंचकूला के कार्यकारी अभियंता सुमित मलिक, एचएसवीपी के एसडीओ अमित राठी, डीआईओ सतपाल शर्मा व अन्य विभागों के अधिकारी।