न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 18 सितम्बर । कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा सम्पन्न कराई जा रही सभी वार्षिक/सेमेस्टर की परीक्षाओं में विद्यार्थियों को उत्तर-पुस्तिका अपलोड करने में आ रही तकनीकी समस्याओं के मद्देनजर शुक्रवार को दोपहर 12 बजे कमेटी रूम, परीक्षा भवन में परीक्षा स्टैंडिग कमेटी की वर्चुअल मीटिंग हुई जिसकी अध्यक्षता प्रो. अनिल वोहरा, डीन रिसर्च एंड डिवल्पमैंट ने की। इस मौके पर परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकम सिंह ने नोडल इवोल्यूशन सेंटर के नोडल ऑफिसर्स से विचार-विमर्श कर परीक्षा संबंधी दिशा-निर्देश दिए व साथ ही परीक्षाओं के संचालन में नोडल ऑफिसर्स की ई-मेल संबंधी शिकायतों का निवारण किया।
डॉ. अनिल वोहरा ने इस मौके पर सभी नोडल ऑफिसर्स को ई-मेल डाउनलोडिंग में सामने आ रही दिक्कतों को दूर करने हेतु मोजिला थंडरबर्ड सॉफटवेयर का प्रयोग करने की सलाह दी व उसका एक डैमो सभी के साथ सांझा किया। परीक्षा नियंत्रक डॉ. हुकम सिंह ने बताया कि प्राइवेट व दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के विद्यार्थियों हेतु गूगन फोर्म लिंक जोकि नोडल इवोल्यूशन सेंटर द्वारा अपनी कॉलेज वैबसाइट पर लगाया जाएगा, जिसके जरिए भी अब विद्यार्थी अपनी 20 पेज की उत्तर-पुस्तिका की सॉफट कॉपी अपलोड कर सकेंगे। गूगल फोर्म से संबंधित पीपीटी प्रेंजेशन व गाइडलाइंस सभी नोडल ऑफिसर्स को दिखाई गई जिसकी सभी अधिकारियों ने प्रशंसा की। इसके साथ ही संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों व नोडल ऑफिसर्स ने विश्वविद्यालय द्वारा दिन-प्रतिदिन परीक्षा संबंधी उठाए जा रहे कदमों की सराहना की।
डॉ. सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए संबंधित विभाग या कॉलेजों की वैकल्पिक ई-मेल आईडी भी बनाई गई है ताकि ई-मेल बाउंस्ड व ई-मेल फेल जैसी किसी भी तकनीकी समस्या से जूझना न पड़े। यह सभी वैकल्पिक ई-मेल विश्वविद्यालय की वेबसाइट Onlinepaper.kuk.ac.in पर उपलब्ध है।
इसके अतिरिक्त नियमित विद्यार्थियों के लिए संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों को दिशा-निर्देश दिए गए कि अपने कॉलेज की ई-मेल की क्षमता बढ़ाएं। उन्होंने बताया कि हरियाणा में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ही एक ऐसा विश्वविद्यालय है जोकि इंटर-मीडिएट सेमेस्टर व प्राइवेट व दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय की वार्षिक परीक्षाएं सुचारु व शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न करवा रहा है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के हितों और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए ही उक्त परीक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।