ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने दी प्रेरणा अपने बुजुर्गों का सम्मान जरूर करें
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 19 सितंबर। देशभर में फैली जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने ब्रह्मसरोवर के तट पर जयराम विद्यापीठ में ट्रस्टियों से बातचीत में कहा कि कोरोना महामारी काल में आम आदमी के जीवन में अनेकों परिवर्तन आये हैं। जीवन में हर उस स्थिति का आदमी को सामना करना पड़ा है, जिसकी उसने उम्मीद भी नहीं की थी।
उन्होंने कहा कि इस स्थिति का हौंसले के साथ सामना भी किया जा रहा है। यह भी जीवन का सत्य है कि अभ्यास और कड़ी मेहनत आदमी को उच्च स्थान हासिल करवा देती है। ब्रह्मचारी ने कहाकि सही मार्गदर्शन एवं संत महापुरुषों का आशीर्वाद बना रहे तो आदमी सफलता के चरम को छू लेता है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वह अपने घरों में बुजुर्गों का सम्मान जरूर करें और उनका ध्यान अवश्य रखें।
ब्रह्मचारी ने कहा कि जिसने अपने आप पर काबू कर लिया उसने जीवन में सब कुछ पा लिया। शिक्षा के मंदिर से पढे़ बच्चे शिक्षित होकर देश की सेवा करते हैं। उन्होंने कहा कि आज के दौर में चल रहे माहौल को देखते हुए हमें अपनी संस्कृति की ओर वापस आना होगा। हमें अपनी संस्कृति को बचाए रखने के लिए काम करना होगा। ब्रह्मचारी ने कहा लोगों को अपने रास्ते से नहीं भटकना चाहिए। समाज को संत महापुरुषों का सम्मान रखना चाहिए।
ब्रह्मचारी ने कहा कि भारत की कोई भी मां अपने बेटे को साधु बनाना नहीं चाहती है। लेकिन समाज को संतों और सिपाही की बहुत आवश्यकता है। क्योंकि संत समाज की रक्षा करता है और सिपाही देश की रक्षा करता है।
इस अवसर पर श्रवण गुप्ता, राजेंद्र सिंघल, के के कौशिक, खरैती लाल सिंगला, पवन गर्ग, सुरेंद्र गुप्ता, एस एन गुप्ता, टेक सिंह लौहार माजरा, राजेश सिंगला, कृष्ण चन्द रंगा, हरि सिंह तंवर, प्रवेश राणा, यशपाल राणा, यशपाल गौतम, सुरेश गुप्ता, प. राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री, सतबीर कौशिक व रोहित कौशिक इत्यादि मौजूद थे।