होली के उपलक्ष्य में हरियाणा-राजस्थान के कलाकारों ने बिखेरे सांस्कृतिक रंग, दर्शकों से बटौरी वाहवाही
राजस्थानी लोक नृत्यों और गायकी से सजी होली उत्सव की शाम, कलाकारों ने दिखाए कला के जौहर
संस्कृति से जोड़ने का त्योंहार है होली। अतिरिक्त उपायुक्त
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। होली दिलों को जोड़ने के साथ-साथ सभी को कला और संस्कृति से जोड़ने का त्योंहार है। होली के त्योंहार पर हम देश के विभिन्न क्षेत्रों में कला और संस्कृति के अलग-अलग रंग देखते हैं। अलग-अलग प्रदेशों की संस्कृति हमें अपनी ओर आकर्षित कर आपस में जोड़ने का कार्य करती है। ये कहना था अतिरिक्त उपायुक्त अखिल पिलानी का। वे कला कीर्ति भवन की माधव रंगशाला में आयोजित रंग रंगीलो राजस्थान कार्यक्रम के दौरान लोगों को बतौर मुख्यअतिथि सम्बोंधित कर रहे थे।
आजादी का अमृतमहोत्सव के अंतर्गत हरियाणा कला परिषद द्वारा राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर के सहयोग से होली की उपलक्ष्य में रंग रंगीलो राजस्थान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें जोधपुर के सुरमनाथ और आशा सपेरा आदि कलाकारों ने अपनी लोक गायकी और लोकनृत्यों से समां बांधा। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त अखिल पिलानी के अलावा जजपा के युवा जिलाध्यक्ष जसविंद्र सिंह खैरा बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।
वहीं कुवि की संगीत विभाग की डीन प्रो. शुचिस्मिता शर्मा भी विशेष रुप से उपस्थित रही। हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलित कर की गई। रंग रंगीलो राजस्थान कार्यक्रम का संचालन हरियाणा कला परिषद के मीडिया प्रभारी विकास शर्मा ने किया। राजस्थान की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से पहले कुरुक्षेत्र के लोक कलाकार प्रेम शर्मा ने देशभक्ति गीत मेरा रंगदे बसंती चोला से कार्यक्रम का आगाज किया। इसके बाद राजस्थान के लोक गायक करण नाथ तथा शाबिर खान ने लोक गायकी से समां बांधा।
वहीं राजस्थानी लोक नृत्य भवई में महिला कलाकार रेखा ने सात मटके सिर पर रखकर तलवार तथा कीलों पर नृत्य की प्रस्तुति देते हुए लोगों को अचरज में डाल दिया। इंटरनेशनल कलाकार आशा सपेरा ने भी अपनी गायकी और कालबेलिया नृत्य से दर्शकों की भरपूर वाहवाही बटौरी। बीन की धुन पर नागिन की तरह अपने शरीर को लचकीला बनाते हुए कलाकारों द्वारा किए गए कालबेलिया नृत्य की दर्शकों ने खुले दिल से प्रशंसा की। इसके अलावा राजस्थानी गौरव कहे जाने वाले घूमर नृत्य की भी जोधपुर की कलाकारों ने बेहतरीन प्रस्तुति दी।
इसके साथ नन्ही कलाकार सपना के नृत्य ने भी कार्यक्रम में चार चांद लगाने का कार्य किया। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति हरियाणा और राजस्थान के संगम की रही, जहां हरियाणवी फाग नृत्य पर हरियाणवी और राजस्थानी एक साथ थिरकते हुए फूलों की होली खेलते नजर आए। इतना ही नही दमदार प्रस्तुति के साथ दर्शक भी नाचने को मजबूर हो गए और कलाकारों के साथ मंच पर और मंच से नीचे झूमने लगे। एक दूसरे के साथ फूलों की होली खेलते हुए दर्शकों और कलाकारों का दृश्य अत्यंत मनमोहक लग रहा था। अंत में हरियाणा कला परिषद की ओर से कलाकारों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर आर.एस. गोलन, शिवकुमार किरमच, सिद्धार्थ, शुभम, नरेश सैनी, लालचंद आदि भी उपस्थित रहे।