पर्व भारतीय संस्कृति के प्राण है और गौरवशाली अतीत से जोड़ते हैं : गीता मनीषी
श्री कृष्ण गौशाला में होली अवसर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित
मशहूर गायक विजेंद्र शास्त्री के राधा और कृष्ण भाव के भजनों पर झूमे श्रद्धालु
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानांनद जी महाराज के सानिध्य में जीओ गीता व श्री कृष्ण कृपा परिवार द्वारा श्री कृष्ण गौशाला में होली का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। होली के इस भव्य कार्यक्रम में सैंकड़ों लोगों ने जमकर फूलों की होली खेली। कार्यक्रम के दौरान भजन मुजफ्फरनगर के मशहूर गायक विजेंद्र शास्त्री ने राधा और कृष्ण भाव के भजनों ने पंडाल में बैठे सभी श्रद्धालु झूम कर नाचने को मजबूर हो गए। इस कार्यक्रम में थानेसर के विधायक सुभाष सुधा के अलावा कई गणमान्यजन भी पहुंचे व होली का आनंद उठाया।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने श्रद्धालुओं को होली की शुभकामनाएँ देते हुए अपनी वाणी से श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। उन्होने कहा कि पर्व हमारी भारतीय संस्कृति का प्राण है और गौरवशाली अतीत से जोड़ते हैं। होली पर्व अहंकार के भाव खत्म कर प्यार के रंग चढाने का पर्व है। होली के पावन पर्व पर दुर्भावना खत्म होकर सदभावना के रंग चढते हैं। गीता मनीषी ने कहा कि होली के पर्व पर प्रेम के रंग चढाएं। होली विश्वास में उल्लास का पर्व है क्योंकि होलिका दहन के रूप में प्रह्लाद का प्रभु पर अडिग़ विश्वास विजयी हुआ व हिरण्यकश्यप व होलिका का अहंकार टूटा। जीओ गीता का प्रयास रहता है कि होली हुड़दंग का रूप न ले। इसी के चलते अनेक नगरों मे कार्यक्रम आयोजित होते हैं। ब्रज की दिव्यता को साथ मे ले यह होली उत्सव आयोजित किया जा रहा है।
बढते अंसतोष को खत्म करने के लिए अहम त्यागना होगा
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि समाज में असंतोष व्याप्त है। विश्व स्तर पर भी यूके्रन और रूस के युद्ध से समूचा विश्व आशंकित है। सभी को चिंता है कि क्या होने वाला है। समय की आवश्यकता है कि बढती अहम की समस्या समाज व परिवारों को तोड़ रहा है। पारिवारिक दुर्भावना के कारण असंतोष बढत जा रहा है। बढ़ते अहम को त्यागना ही इन समस्याओं का समाधान है। अहंकार खत्म कर सदभावना व प्रेम के रंग को चढाएं।