श्रीरामचरित मानस के पाठ व कथा की गंगा में गोते लगा रहे हैं श्रद्धालु
महंत श्री खुशहाल दास जी के नेतृत्व में हो रहा है आयोजन
ब्रह्मलीन महंत श्री जमना दास जी, महंत श्री हरिदास जी की पुण्य तिथि पर किया जा रहा है आयोजन
न्यूज डेक्स संवाददाता
कलानौर (रोहतक)।
सत जींदा कल्याणा आश्रम कलानौर में आज से तीन दिवसीय सत्संग एवं चिकित्सा शिविर का आगाज हुआ। हनुमंत त्रिवेणी के रूप में मनाए जा रहे इस समारोह में आज श्रीराम चरित मानस के पाठ का मंत्रोच्चारण के साथ आगाज हुआ। देवलोकगामी महंत श्री जमुनादास की ३१वीं पुण्य स्मृति एवं महंत श्री हरिदास जी की 21 वीं पुण्य तिथि क हनुमंत त्रिवेणी कथा समागम रखा गया है। से आज महंत श्री खुशहाल दास जी के नेतृत्व में धार्मिक काज का शुभारंभ किया गया। विधि-विधान के साथ आज प्रात: ब्रह्मुहुर्त में महंत श्री खुशहाल दास जी ब्रह्मलोकगामी महंतों की समाधि पर गए और पूजा-अर्चना की व कारज का निर्विध्र पूर्ण करने के लिए आशीष मांगा। जिसके बाद आश्रम के नए भवन में श्रीरामचरित मानस का पाठ आरंभ किया गया।
प्रात:कालीन 6 बजे महंत श्री खुशहाल दास जी की अगुवाई में सभी सेवक देवलोकगामी संत-महंतों की समाधि पर पहुंचे और वहां पूजा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पूर्वजों की याद में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिस प्रकार पूर्व में गद्दीनशीं महंत समाज कल्याण के लिए कार्य करते थे उन्हीं के दिखाए मार्ग पर चलते हुए लोक कल्याण के कार्यक्रम आश्रम द्वारा चलाए जा रहे हैं। धर्म और समाज के कल्याण में ऐसे कार्यक्रम सभी के लिए हितकारी होते हैं। उन्होंने कहा कि मानव का कल्याण हो, इसके लिए सदैव ऐसे कार्यक्रम होने चाहिएं। यहां तीन दिन के सत्संग कार्यक्रम व चिकित्सा कार्यक्रम बारे में उन्होंने कहा कि तीन दिन लोगों को न्यूरो डॉ सुष्मा व हौम्योपैथिक सेवाएं देने के लिए डॉ शैल बाला धमीजा अपनी सेवाएं देंगे। इसके अलावा आश्रम के सेवक भी इस सेवा में साथ रहेंगे।
विह्ंगम दृश्य के साथ शिरोधार्य की श्री रामचरित मानस: तीन दिन तक होने वाले पाठ के लिए आज यहां भवन में 200 रामचरित मानस के पाठ की व्यवस्था की गई है। आश्रम के अंदर से बाहर के भवन में जब महंत श्री खुशहाल दास जी अन्य सेवकों के साथ श्री रामचरित मानस को शिरोधार्य किया जो विह्ंगम दृश्य बन गया। महंत जी मानस को शिरोधार्य कर आगे चले और बाकी सेवक पीछे। निश्चित स्थान पर सभी श्री रामचरित मानस को विराजमान किया गया। श्री रामचरित मानस की वैदिक तरीके के साथ पूर्ण विधान से पूजा की गई। गुरुकुल विद्वान श्री प्रणव शर्मा एवं श्री मनीष शर्मा ने पूजा कराई। श्री रामचरित मानस जी की आरती के साथ पाठ का वाचन आरंभ हुआ। सूरत से पधारे तारा भाई खुराना, रोहतक से आनंद अरोड़ा, लुधियाना से सोमनाथ बत्रा जी, सहित अन्य प्रमुख सेवकों ने पूजा अर्चना के बाद गुरु महाराज को व अन्य पधारे महंतों का तिलक से अभिनंदन किया और पुष्पमाला से स्वागत किया। हनुमान चालीसा से हनुमान जी व श्रीरामचरित मानस की आरती के साथ पाठ शुभारंभ हुआ।
काशी से लाए गए हैं हनुमान जी: आश्रम में हनुमंत त्रिवेणी कथा के लिए शानदार मंच बनाया गया है। व्यास पीठ के साथ यहां जो हनुमान जी विराजे हैं, वे कांशी से लाए गए हैं। आगे के हिस्से में राम-राम लिखा मंच का हिस्सा आने वालों का स्वागत करता प्रतीत होता है। मंच के बाईं व दाईं ओर श्रीरामचरित मानस के पाठक वाचन कर रहे हैं।
आज इस पावन अवसर पर महंत श्री खुशहाल दास जी के साथ कलानौर की पावन धरती के विभिन्न डेरों के महंत भी विराजमान रहे। इनमें सत बावा शाह आश्रम के महंत बाबा ईश्वर शाह जी, टिकाणा धन बाबा जोत सचियार से डॉ शरणपाल जी, टिकाणा सत भाई रामा से श्री कमल किशोर जी, बाबा हरपाल दस जी, रामसुख दास जी सहित अन्य धर्माचार्य पूजा व कथा अवसर पर मौजूद रहे।
फूलों से सजा है आश्रम व हर रास्ता:
तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान के लिए श्री सत जींदा कल्याणा आश्रम कलानौर को फूलों सजाया गया है और बिजली की रंग-बिरंगी लडिय़ों से सजाया गया है। कथा स्थल के अलावा नगर में जगह-जगह तोरणद्वार लगाए गए हैं। इन पर महंतों के चित्र हैं। आश्रम की ओर से श्रद्धालुओं का निमंत्रण दिया गया है। कथा स्थल के बाहर लगाए गए गेट पर श्रीश्री 1008 श्री जींदा साहिब जी, श्री कल्याण साहिब जी, अम्मा दयाली जी, छुआरी जी के चित्र से प्राचीन इतिहास को जीवंत किया गया। पाकिस्तान से चली आ रही गस गद्दी के सेवकों के लिए यह बहुत जिज्ञासा का केंद्र भी रहा। तीन दिन यहां कथावाचक व्यास पंडित विजय शंकर जी महत्ता कथा से धर्म-प्रेमियों को ज्ञान की गंगा में गोते लगवाएंगे। आश्रम का मंदिर, बाबा निक्कू की समाधि से लेकर हर स्थान पर फूलों से शानदार शोभा की गई है।
शाम को व सुबह होगी कथा: आश्रम में तीन दिन में कथा के तीन पड़ाव होंगे। आज 20 व 21 मार्च को व्यास पंडित विजय शंकर जी महत्ता व महंत श्री खुशहाल दास जी धर्म अनुयायियों को ज्ञान की गंगा में ले जाएंगे। यह कथा रोजाना शाम को साढ़े सात से साढ़े दस बजे तक होगी। जबकि 22 मार्च को कथा प्रात: 11 बजे से कथा आरंभ होगी। लंगर के साथ इस कार्यक्रम का समापन होगा।
सेवारत रहने के लिए लगी है होड़: इस तीन दिवसीय समागम में सेवकों के सेवा करने का जज्बा भी गजब का है। हर कोई अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहा है। महंत श्री खुशहाल दास जी के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों की अलग स्थानों की व्यवस्था के लिए जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। कोई जोड़ों की सेवा कर रहा है तो कोई पार्किंग की। किसी ने लंगर छकाने के लिए सेवा ली है तो किसी ने अन्य जिम्मेदारी।
आज ये रहे मौजूद: धर्मसंसद के पहले दिन आज प्रमुख सेवकों में आनंद अरोड़ा, तारा भाई खुराना, हरेंद्र बत्रा काहनौर, सोमनाथ बत्रा,जवाहर अरोड़ा, सौरभ चुघ, राजेश पोपली, शंकर डंग, रविंद्र शर्मा कलानौर, दीपक झाम, सुरेंद्र चुघ, प्रवीण जुनेजा रोहतक, रोशन मल्होत्रा सहित बड़ी संख्या में सेवारत रहे।
गुरुकुल के विद्यार्थियों ने बांधा समां: श्री सत जींदा कल्याणा आश्रम कलानौर में महंत श्री जमनादास वैदिक गुरुकुलम् चलाया रहा है। इसमें सात से 13 वर्ष के 25 विद्यार्थी शिक्षा ले रहे हैं। यजुर्वेद व आधुनिक शिक्षा ले रहे इन विद्यार्थियों ने संस्कृत के श£ाकोच्चारण से समंा बांध दिया। गुरु के द्वार पर प्रात: कालीन प्रार्थना-पूजा का दृश्य सभी को भा गाय। पूजा के दौरान भी गुरुकुल के विद्यार्थियों ने विधि विधान से हिस्सेदारी की ओर सभी सेवकों के आकर्षण का केंद्र बने रहे।