प्रजापति धर्मशाला में पिछड़ा वर्ग का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन आयोजित
महासभा ने सरकार को चेताया, अधिसूचना वापस न होने पर शुरू होगा आंदोलन
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। पिछड़ा वर्ग एकजुट होकर संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई लड़ेगा। असंवैधानिक क्रीमियर अधिसूचना रद्द करवाने और 11 सूत्रीय मुद्दों पर जनजागरण अभियान चलाएगा। यह फैसला रविवार को प्रजापति धर्मशाला में आयोजित पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा हरियाणा व बामसेफ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतिनिधि सम्मेलन में लिया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता महासभा के संरक्षक शांता कुमार आर्य ने की। सम्मेलन में पहुंचने पर सभी पदाधिकारियों का प्रजापति कुम्हार धर्मशाला के प्रधान दर्शल लाल लाडवा ने स्वागत किया।
सम्मेलन में महासभा ने सरकार पर पिछड़ा वर्ग का आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाया और कहा कि बार-बार असंवैधानिक सूचनाएं जारी की जा रही हैं। महासभा ने मांग कि सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 1992 के फैसले के अनुसार पिछड़ा वर्ग का आरक्षण आधार सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ापन होना चाहिए, लेकिन प्रदेश सरकार ने इस फैसले के उल्ट पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से छेड़छाड़ की।
सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा के प्रदेशाध्यक्ष प्रोफेसर आरसी लिंबा ने कहा कि पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 27 प्रतिशत निर्धारित किया गया है, लेकिन हरियाणा में पांच प्रतिशत से कम भी प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है। दूसरी ओर सरकार पिछड़ा के आरक्षण विरोधी फैसले ले रही है, जिसके तहत पिछड़ेपन का केवल आर्थिक आधार कर देने से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के बच्चे भी आरक्षण से बाहर हो गए हैं, जबकि वर्ष 1992 में इंद्रा साहनी व भारत सरकार नामक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार आरक्षण का आधार सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ापन है।
हरियाणा सरकार ने 17 अगस्त 2016 को अधिसूचना जारी कर एससी व बीसी कल्याण विभाग द्वारा तत्कालीन छह लाख की आय सीमा का उप विभाजन कर एक से तीन लाख और 3 से छह लाख रुपये कर दिया। वर्ष 2018 में अधिसूचना को लागू कर दिया और छह लाख से अधिक आय वालों को आरक्षण से बाहर कर दिया। हाईकोर्ट से 2016 की अधिसूचना के खारिज होने पर 28 अगस्त 2018 को जारी अधिसूचना द्वारा क्रीमिलेयर मानदंड के सामाजिक व शैक्षणिक आधार को खत्म कर केवल आर्थिक आधार कर दिया, जिसके वेतन व कृषि सहित सभी स्त्रोतों की वार्षिक आय 6 लाख से ज्यादा होगी, उसे क्रीमिलेयर मानकर आरक्षण से बाहर कर दिया। हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट से हारने के बावजूद भी 17 नवंबर 2021 की असंवैधानिक अधिसूचना अन्यायपूर्ण और आरक्षण विरोधी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने इस अधिसूचना को जल्द खारिज नहीं किया तो पिछड़ा वर्ग महासभा प्रदेश स्तर पर आंदोलन की शुरुआत करेगी। इससे पहले अपनी मांग को लेकर सभी जन प्रतिनिधियों से लेकर सीएम व मंत्रियों सहित राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को लिखित में मांग पत्र भेजेगी।
महासभा के महासचिव भारतीय इंद्र सिंह जाजनवाला ने बताया कि महासभा की मुख्य तौर पर 11 मुद्दे हैं, जिनको लेकर संघर्ष किया जा रहा है। क्लास एक और दो की सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत पूर्ण आरक्षण, पंचायत व स्थानीय निकायों में आबादी के अनुपात में आरक्षण, विधानसभा व लोकसभा में आरक्षण, जातीय जनगणना, विभिन्न विभागों में बैकलाग को विशेष भर्ती द्वारा भरना, 127वां संविधान संशोधन रद्द करना, हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करना और सभी सदस्यों को पिछड़ा वर्ग से शामिल करना, निजी क्षेत्र में एससी व बीसी को आरक्षण देना, एससी की तर्ज पर बीसी विद्यार्थियों को छात्रवृति व अन्य सुविधाएं देना और शिक्षित बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार हेतु शून्य ब्याज दर पर ऋण मुहैया करवाया जाए।
इस अवसर पर बामसेफ के राष्ट्रीय संगठन सचिव सुरेश द्रविड़, अनिल यादव भगड़ाना, डॉ. सुनील जांगड़ा, विजेंद्र हांसी, हसला के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अनिल यादव, उपाध्यक्ष देवेंद्र जांगड़ा, रोशन लाल जांगड़ा, पूर्व प्रधान धर्म सिंह, धनपत शास्त्री, कश्यप समाज प्रधान ओमपाल कश्यप, प्रजापति समाज प्रधान दर्शन लाल लाडवा सहित प्रदेशभर से पहुचे पिछड़ा वर्ग के सैंकड़ो प्रतिनिधि पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे। सेमिनार में कुरुक्षेत्र से सैनी सभा के प्रधान गुरनाम सिंह सैनी सहित पांचाल , जोगी , विश्वकर्मा , यादव , कश्यप , गुर्जर , गोस्वामी आदि सभाओं के प्रधान एवम् कार्यकारिणी सदस्यों और प्रदेश भर से आए बामसेफ के सदस्यों ने भाग लेकर पिछड़ा वर्ग के अधिकारों की मुहिम में महासभा को तन , मन धन से हर प्रकार का सहयोग करने का भरोसा दिलाया ।