ये पब्लिक है ये सब जानती है
आया है गुप्ता जी का एक ट्वीट और लिखा है…
चौटाला और कांग्रेसियों को देखा,देख रहे हैं खट्टर सरकार,सारे निकले घणे निकम्मे,अब आप ही लगता अपना परिवार
इन नामों में हरियाणा की सत्ता पर काबिज जेजेपी या उनके नेताओं का नाम नहीं है
चौटाला,हुड्डा और खट्टर रडार पर,मगर पुराने गठबंधन दल जेजेपी पर अभी खामोश है आप के विरोधी सुर
भविष्य में जाट लैंड को साधने और एेतिहासिक जीत के इरादे से रखा विकल्प
न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़। पंजाब फतेह के साथ देश के सियासी दलों में आम आदमी पार्टी का ग्राफ ऊपर आया है। इस सफलता की खुमारी आप पर पूरी तरह हावी दिख भी रही है। टारगेट अब हरियाणा सूबा है। हरियाणा की सियासी बिसात हर आप पंजाब की जीत के साथ सधे हुए कदमों के साथ फूंक फूंक आगे बढ़ रही। सीधा कहें तो वह बिलकुल भी गर्म खिचड़ी में सीधा बीच में हाथ डाल कर अंगुलियों को जलाने के मूड में नहीं है। कुछके पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों के अलावा बजे हुए पटाखों की लड़ियां शुरुआती माहौल बनाने में उपयोग जरूर हो रही है,मगर अब अगला कदम और बड़े चेहरों की एंट्री सर्वे और प्रोफाइल चैकिंग के बाद होगी।
चार साल पहले आप में गुप्ता जी एंड गुप्ता जी की नाम कवि ह्रदय कुमार विश्वास की जुबान पर आया था। इनमें से एक गुप्ता जी,यानी के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता पूरे रंग में हैं और कुछ खास मौकों पर पूरा खींच कर ले रहे हैं।लंबे अंतराल से दिल्ली में सैटल यह गुप्ता जी वैसे तो पुराने कांग्रेसी हैं।कांग्रेस के छात्र विंग में सक्रिय रहे और कांग्रेस में इसी पहचान के कारण हाथ के सिंबल पर दिल्ली की मोती नगर सीट से 2013 में चुनाव भी लड़ चुके हैं। मगर खुद तो डूबे हैं सनम तुम्हें भी ले डूबेंगे की तर्ज पर सुशील गुप्ता खुद तो कांग्रेस के उम्मीदवार के रुप में कोई कारनामा नहीं कर सके थे,मगर उस समय केजरीवाल की हवा में भी आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार उनकी वजह से जरुर हार गया था और जीत मिली थी भाजपा के उम्मीदवार को। अब यह मौका उस चुनाव की समीक्षा का नहीं है,मगर यह बताना जरुर बनता है कि भले आप द्वारा राज्यसभा भेजे जाने से तीन माह पहले तक सुशील गुप्ता कांग्रेसी रहे हों,लेकिन केजरीवाल की आप से राज्यसभा तक पहुंचने के बाद से अब तक वह पूरी शिद्दत से जुटे हुए हैं। पंजाब में जीत में भी कई जगह उनका बड़ा असर बताया जाता है।
अब नजर हरियाणा पर टिकी है वो भी विधानसभा चुनाव से ढाई साल पहले। इसकी रुपरेखा से पहले और पंजाब फतेह के बाद अचानक पार्टी में भर्ती खोल दी गई थी। इस खुली भर्ती के बाद अब आप थोड़ा सा चूजी हुई है। उसे लग रहा है कि कहीं यह खुली भर्ती चुनाव के समय टिकट की आस में आए विश्वास घात में न बदल जाए। लिहाजा पहले स्क्रीनिंग कराने का मन बनाया गया है। हां भर्ती खुल अभी होना तय है,मगर टिकट के भरोसे के साथ नहीं। इसी के साथ आप से एक बात और निकल कर आ रही है कि इनके रडार पर ओम प्रकाश चौटाला,भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनोहर लाल खट्टर का शासनकाल और यह तीनों बड़े नेता हैं,मगर जेजेपी पर अभी रुख नरम चल रहा है। इसके पीछे पुराना गठबंधन और रिश्ते भी बताए जा रहे हैं। जानकार बताते हैं कि यह पुराने रिश्ते नए समीकरणों के साथ जागृत होंगे या नहीं,इससे अलहदा हरियाणा की राजनीति के ट्रेजडी किंग कहे जाने वाले वीरेंद्र सिंह पर भी आप की नजर है। वैसे खेमका,हुड्डा के आप में जाने और सीएम चेहरा प्रोजेक्ट करने की चर्चाओं के बीच आप साफ कर चुकी चुकी है कि उनकी पार्टी का सीएम चेहरा आम आदमी ही होगा।
गुप्ताजी ने एक ट्वीट किया है कि चौटाला और कांग्रेसियों को देखा,देख रहे हैं खट्टर सरकार,सारे निकले घणे निकम्मे,अब आप ही लगता अपना परिवार। इन पंक्तियों के साथ गुप्ता जी यह भी लिखते हैं कि प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग धर्म और और जाति की राजनीति को त्याग कर काम की राजनीति के लिए आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। जिन तीन नेताओं को निकम्मे की उपाधि से गुप्ता जी ने नवाजा है,उन नामों में हरियाणा की सत्ता पर काबिज जेजेपी या उनके नेताओं का नाम नहीं है। आम आदमी पार्टी के थिंक टैंक भी मानते हैं कि हरियाणा में पंजाब और दिल्ली की तरह इतिहास बनाना आसान नहीं है। आप के अपने और विरोधी पहले ही एक जाति के प्रभाव वाली पार्टी होने ठप्पा कई बार लगा चुके हैं। धरातल पर आम आदमी पार्टी के लिए इस ठप्पे के साथ जाट लैंड में कारनामा करने के लिए अभी तक कोई बड़ा चेहरा नहीं। भविष्य में जाट लैंड को साधने और एेतिहासिक जीत दर्ज करने के उद्देश्य से ही गठबंधन या पार्टी की पाठशाला में किसी होनहार चेहरे के दाखिले का विकल्प रख छोड़ा हैं।