सेक्टरों के प्लॉट नीलामी में ऊंचे रेट पर बिकने से आम लोगों की पहुंच से हो जाएंगे दूर- हुड्डा
नयी नीति में आरक्षण खत्म, सरकार की आरक्षण विरोधी मानसिकता हुई उजागर- हुड्डा
गरीबों को सौ-सौ गज के प्लॉट देने की योजना पहले ही बंद कर चुकी है बीजेपी सरकार – हुड्डा
न्यूज डेक्स इंडिया
चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(एचएसवीपी) द्वारा ड्रॉ बंद कर नीलामी से प्लॉट्स देने के फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि इससे सेक्टर्स में घर बनाना आम आदमी के लिए सपना ही रह जाएगा। क्योंकि ड्रॉ के मुकाबले नीलामी में लोगों को 5 से 10 गुना महंगी कीमत पर प्लॉट मिलेंगे। इतनी कीमत दे पाना गरीब व मध्यम वर्ग के बूते से बाहर होगा। जबकि इससे पहले ड्रॉ के ज़रिए रिजर्व प्राइस पर आम गरीब और मध्यम वर्ग आसानी से अपने घर का सपना पूरा कर पाता था।
हुड्डा ने रेजिडेंशियल प्लॉट की ई-ऑक्शन पॉलिसी को आम जनता के हितों पर सीधा कुठाराघात करार दिया है। उनका कहना है कि यह नीति अवैध कॉलोनियों को बढ़ावा देने, प्रॉपर्टी डीलरों और प्राइवेट कॉलोनाइजरों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई है। जबकि हुडा का मकसद गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों को सुविधा सम्पन्न व योजनाबद्ध तरीके से बनाए गए सेक्टर्स में वाजिब क़ीमत पर आवास मुहैया करवाना था। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण का प्रदेश के शहरी विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान कल्याणकारी नीतियों को अमलीजामा पहनाने के बावजूद यह प्राधिकरण मनाफे में था। लेकिन बीजेपी व बीजेपी-जेजेपी सरकार की ग़लत नीतियों ने इसे गर्त में पहुंचा दिया और इसे घाटे में बताकर एचएसवीपी के प्लॉट धारकों को इन्हांसमेंट के नाम पर तंग किया जा रहा है। अब नीलामी प्रक्रिया को अपनाकर लोककल्याणकारी योजना को दुकानदारी के रूप में बदला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पहले हुडा (एचएसवीपी) द्वारा विभिन्न वर्गों खासकर निम्न आय वर्ग जिनमें एससी एवं बीसी वर्ग के साथ पूर्व सैनिक, सरकारी कर्मचारियों, वकीलों इत्यादि के लिये रेजिडेंशियल प्लॉट के आवंटन में रिजर्वेशन की पॉलिसी लागू की गयी थी। आरक्षित वर्ग को कम कीमत में प्लॉट किए जाते थे। लेकिन मौजूदा सरकार की ई-ऑक्शन पॉलिसी में सभी प्रकार के रिजर्वेशन को खत्म कर दिया गया है। इससे सरकार की आरक्षण विरोधी मानसिकता एकबार फिर उजागर हुई है। इतना ही नहीं ई-ऑक्शन प्रणाली को भी इतना जटिल बना दिया गया है कि सामान्य व्यक्ति इसमें हिस्सा ही नहीं ले पाएगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मध्यमवर्ग पर चोट मारने से पहले बीजेपी सरकार गरीब वर्ग के विरुद्ध भी ऐसा ही फैसला ले चुकी है। कांग्रेस सरकार के दौरान गरीब वर्ग के लोगों को 100-100 गज के मुफ़्त प्लॉट और मकान बनाने के लिए 92-92 हजार रुपए दिए जाते थे। लेकिन सत्ता में आते ही बीजेपी ने गरीबों की इस कल्याणकारी योजना को बंद कर दिया। गरीबों के हकों पर हमला करने के बाद सरकार ने अब मध्यम वर्ग के हितों पर सीधा प्रहार किया है। सरकार से मांग है कि ऐसे जनविरोधी फैसलों पर रोक लगाए जाए और गरीब व मध्यम वर्ग को आवासीय सुविधाएं देने की योजनाओं को आगे बढ़ाए।