Monday, November 25, 2024
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कोई दुख ना हो तो बकरी खरीद लो नाटक का हुआ सफल मंचन, करनाल के कलाकारों ने दी प्रस्तुति

by Newz Dex
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कौशलेश भारद्वाज के एकल अभिनय से मंचित हुआ नाटक कोई दुख हो तो बकरी खरीद लो

आम आदमी की मुश्किलों को बयां कर गया नाटक कोई दुख हो तो बकरी खरीद लो

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। हरियाणा कला परिषद द्वारा विश्व रंगमंच दिवस से प्रारम्भ किए गए नाट्य मेला में दूसरा नाटक कोई दुख ना हो तो बकरी खरीद लो का मंचित हुआ। मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर आधारित इस नाटक में हरियाणा नाट्य विद्यालय, करनाल के कौशलेश भारद्वाज ने अपने अभिनय और निर्देशन से वाहवाही लूटी। इस मौके पर रंगकर्मी शुमिता रंजीत बतौर मुख्यअतिथि पहुंची। इसके अलावा रंजीत कुमार तथा मनीदीपा चौधरी विशेष मेहमान के रुप में उपस्थित रहे। नाटक से पूर्व हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने अतिथियों का स्वागत किया तथा दीप प्रज्जवलित कर नाटक प्रारम्भ किया।

मंच संचालन विकास शर्मा द्वारा किया। नाटक में बकरी खरीदने से खड़ी हुई परेशानियों को बड़े खूबसूरत ढंग से हास्य और व्यंग्य के साथ मंचित किया गया। मिलावटी दूध के कारण एक व्यक्ति अपने पड़ोसी के साथ सांझी गाय रख लेता है। गोबर की बदबू के कारण गाय पड़ोसी के घर मे ही रखने पर समझौता है, लेकिन पड़ोसी इस बात का फायदा उठाकर दूध में हेराफेरी शुरु कर देता है। बाद में पंडित की सलाह से वह व्यक्ति एक बकरी खरीद लेता है और बकरी आने से उसकी मुसीबतें शुरु हो जाती है। बकरी के चारे की समस्या, बेवजह चिल्लाने की समस्या, बाहर छोड़ने पर दूसरों के खेत उजाड़ने की शिकायते और उसे चराने जाने पर होने वाली थकान उसका दिमाग खराब कर देती है और वह बकरी को एक चरवाहे को बेच देता है।

चरवाहा उसकी बकरी रखने के लिए हर महीने एक रुपया किराया लेने लगा। धीरे-धीरे समय बीतता गया और एक दिन चरवाहा वापिस आकर उसकी बकरी उसे वापिस लौटा देता है। बकरी के वापिस आने पर उस व्यक्ति को लगता है कि यह मुसीबत मरते दम तक उसका पीछा नहीं छोड़ेगी और अंत में उसे कहना पड़ता है कि बकरी पालने के लिए कुत्ते का दिमाग चाहिए। कौशलेश के प्रभावशाली अभिनय तथा चुटीले संवादों का दर्शकों पर गहरा असर पड़ा। एक घण्टे तक एक ही कलाकार द्वारा कहानी मंचन करना दर्शकों की वाहवाही लूटने में कामयाब रहा। इसके अतिरिक्त जीवंत संगीत नाटक को खूबसूरत बनाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा था। अंत में मुख्यअतिथि ने कलाकारों को सम्मानित किया, वहीं संजय भसीन ने अतिथियों को अंगवस्त्र तथा स्मृति चिन्ह भेंटकर आभार जताया। इस मौके पर हरियाणा कला परिषद के कार्यालय प्रभारी धर्मपाल, डा. पुरुषोत्तम अपराधी, राजीव कुमार, ललित शर्मा, मंदीप सिंह, चंचल शर्मा, तुषार कुमार, पार्थ शर्मा, बबनदीप गाबा, हर्षदीप, राहुल कुमार, अभिषेक आदि उपस्थित रहे। 

नाट्य मेला में मंचित होगा हास्य नाटक दुलारी बाई
हरियाणा कला परिषद के मीडिया प्रभारी विकास शर्मा ने बताया कि 14 मई तक कला कीर्ति भवन, कुरुक्षेत्र में चलने वाले नाट्य मेला में 8 अप्रैल को हास्य नाटक दुलारी बाई का मंचन किया जाएगा। 2 घण्टे की अवधि के नाटक का निर्देशन अम्बाला के मास्टर विनोद द्वारा किया गया है। वहंी 9 अप्रैल को रंगकर्मी व टीवी कलाकार संजीव लखनपाल के निर्देशन में नाटक जब मैं सिर्फ इक औरत हुंदी आं का मंचन किया जाएगा। नाटकों का समय 6.30 बजे रहेगा।

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