Friday, November 22, 2024
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हरियाणा में भी पुरानी पेंशन स्कीम बहाली की सुगबुगाहट तेज: डॉ. तरसेम कौशिक

by Newz Dex
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न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र।हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन(हसला) के राज्य उपप्रधान डॉ तरसेम कौशिक ने हरियाणा सरकार से पुनः मांग की है कि वे कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन स्कीम(ओपीएस) को बहाल करें क्योंकि पुरानी पेंशन स्कीम कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी  देती है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली के लिए पूरे देश के कर्मचारी लामबद्ध को चुके हैं तथा देश भर में नई पेंशन स्कीम(एनपीएस) का विरोध कर रहे हैं। डॉ तरसेम कौशिक ने कहा कि हरियाणा में भी पुरानी पेंशन स्कीम बहाली की सुगबुगाहट तेज हो गई है क्योंकि पिछले कुछ समय से हरियाणा की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने कर्मचारियों की वर्षों पुरानी माँग के पक्ष में बयानबाजी तेज कर दी है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने की मांग की है। डॉ तरसेम कौशिक ने बताया कि सरकार एक तरफ तो माननीयों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ दे रही है तथा दूसरी तरफ कर्मचारियों को एनपीएस यानी नई पेंशन स्कीम में शामिल किया हुआ है जोकि शेयर बाजार की चाल पर आधारित है। उन्होंने कहा कि 2006 के पश्चात सरकारी सेवा में आए कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन का लाभ मिलना चाहिए। हसला के राज्य उपप्रधान डॉ तरसेम कौशिक ने सभी कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे एनपीएस के विरोध में एकजुटता दिखाते हुए ओपीएस के पक्ष में खड़े हों ताकि सामाजिक सुरक्षा की गारंटी ओपीएस को लागू करवाया जा सके।

पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) एनपीएस से क्यों बेहतर

डॉ तरसेम कौशिक ने बताया कि पुरानी पेंशन स्कीम(ओपीएस) कर्मचारियों के लिए क्यों जरूरी है तथा क्यों सभी कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन स्कीम बहाली के लिए आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओपीएस में पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई कटौती नहीं होती परंतु एनपीएस में कर्मचारी के वेतन से 10 प्रतिशत की कटौती होती है। ओपीएस में जीपीएफ की सुविधा है परंतु एनपीएस में जीपीएफ की सुविधा नहीं होती। ओपीएस सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देती है तथा इसमें कोई रिस्क नहीं है परंतु एनपीएस शेयर बाजार की चाल पर आधारित होती है। ओपीएस में सेवानिवृत्ति के पश्चात पेंशन अंतिम मूल वेतन का 50 प्रतिशत होती है परंतु एनपीएस में पेंशन निश्चित नहीं। ओपीएस में हर छह महीने के बाद डीए बढता है परंतु एनपीएस में ऐसा कोई प्रावधान नहीं। पुरानी पेंशन स्कीम में सेवानिवृत्ति के पश्चात पेंशन के लिए जीपीएफ फंड से किसी तरह का निवेश नहीं करना पड़ता परंतु एनपीएस फंड से 40 प्रतिशत निवेश अनिवार्य है। डॉ तरसेम कौशिक ने बताया कि ओपीएस में 40 प्रतिशत पेंशन कॉम्युटेशन का प्रावधान है परंतु एनपीएस में कॉम्युटेशन का लाभ नहीं मिलता। ओपीएस में सेवानिवृत्ति के बाद मेडिकल सुविधा मिलती है परंतु एनपीएस में ऐसा कोई प्रावधान व सुविधा नहीं मिलती। 

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