चौधरी जयदेव राम के बेटे हैं हम,दसवीं और कुर्सी डंके की चोट पर लेंगे
न्यूज डेक्स सिनेमा
दिल्ली। छोरी,चौधरी जाहिल ना है, जिद्दी है… जेल में सजा काट रहे एक पूर्व मुख्यमंत्री की कहानी को देश की राजनीतिक घटनाओं के घालमेल के साथ बालीवुड इंडस्ट्री की फिल्म दसवीं आगे बढ़ती है। फिल्म का हश्र क्या होगा ? इसका फैसला आज तो नहीं होगा,मगर फिल्म देखने वाले इस फिल्म की पटकथा को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो सुप्रीमों ओम प्रकाश चौटाला से प्रेरित बता रहे हैं। फिल्म के हीरो हैं अभिषेक बच्चन जो मुख्यमंत्री चौधरी गंगा राम के किरदार में है। फिल्म में एयर लिफ्ट फेम निमरत कौर और यामी गौतम खास भूमिका में है। फिल्म निर्माता है मैडॉक फिल्म्स,निर्देशक तुषार जलोटा हैं। फिल्म जिओ सिनेमा और नेटफ्लिक्स प्लेटफार्म पर देखी जा रही है,जिसे फिल्म समीक्षकों ने पांच में से 2.5 की रेटिंग दी है।
फिल्म की कहानी में लालू यादव के घटनाक्रम को जबरदस्ती ठूंसा गया है।संभवतः इसे फिल्म में इस लिए ठूंसा गया,ताकि जो दिखाया जा रहा है,वह एकदम हरियाणा के एक पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर नेता से मेल ना खाये। वस्तुतः फिल्म में मुख्यमंत्री रहते हुए जेल जाने की घटना और जेल जाने पर धर्मपत्नी को सीएम की कुर्सी पर बैठाने का घटनाक्रम हरियाणा के किसी मुख्यमंत्री से मेल नहीं खाता। फिल्म में मेल खाता है तो हरियाणा की जगह 90 विधानसभा सीटों वाला फिल्मी राज्य हरित प्रदेश,हरी पगड़ी पहने जाट मुख्यमंत्री, हरियाणवी भाषा, जातिवादी व्यवस्था,अफ्सरशाही, भर्ती घोटाला,खिलाफ बोलने वाले पत्रकार का पिटाई मामला और इस मामले में दोषी एक पूर्व मुख्यमंत्री का जेल जाना। बाक्स आफिस पर फिल्म कितने दिन टिकेगी यह तो फिल्मी पंडित आज नहीं बताएंगे,मगर फिल्म हश्र का क्या होगा,इसके पहले पंद्रह मिनट बताते हैं।
बेहद खराब हरियाणवी भाषा बोलते हुए बिग बी के सुपुत्र अभिषेक बच्चन इस फिल्म में दिखाई देते हैं। बीस मिनट बाद फिल्म के पात्र कुछ हदतक अपने हुनर का इस्तेमाल करते हुए दिखाई देते हैं। यामी गौतम जेल सुप्रीडेंट की भूमिका में लाजवाब दिख रही हैं और अन्य से अलहदा हरियाणवी काफी अच्छी बोलती हुई सुनाई देती है। इसके पीछे उनका चंडीगढ़ कनेक्शन भी माना जा सकता है। वैसे फिल्म पूरी तरह पैसा वसूल तो नहीं है,मगर टाइम पास मनोरंजन करने की क्षमता दिखती है।
भारतीय सिनेमा में बालीवुड के लिए इस समय वक्तखराब चल रहा है,क्योंकि बैक टू बैक जिस ढंग से दक्षिण भारतीय सिनेमा की धाक जम रही है और सुपर डुपर हिट फिल्म आ रही है,उन्हें देखने के बाद यही लग रहा है कि सिल्वर स्क्रीन कहीं बालीवुड मुक्त ना हो जाए। फिल्म के कई इस तरह के दृश्य हैं,जो मजाक दिखते हैं। मसलन एक जेल सुप्रीडेंट प्रदेश की मुख्यमंत्री को यह कहती है कि कैदी से मिलने का समय खत्म हुआ। आठवीं पास पूर्व मुख्यमंत्री दसवीं की परीक्षा के लिए तैयारी करते हुए ज ग जग, ह म हम लिखना पढ़ना सीख रहा है।
फिल्म लेखक अगर चौटाला परिवार की सहमति के साथ पटकथा लिखता तो शायद न्याय भी होता और कहानी भटकने से भी बच जाती। फिल्म में मुख्यमंत्री का भारी भरकम संवाद है चौधरी जयदेव राम के बेटे हैं हम, कुर्सी हो या दसवीं,लेंगे तो डंके के चोट पर लेंगे।जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री महिला अधिकारी को अपने खास अंदाज में बोलते हैं कि छोरी,चौधरी जाहिल ना है, जिद्दी है…