न्यूज डेक्स हरियाणा
दिल्ली।बीते चार दिनों में हरियाणा के प्रमुख राजनीतिक दलों और नेताओं को निरंतर झटके लग रहे हैं और इसका केंद्र बिंदु है दिल्ली। असर दिल्ली आसपास क्षेत्र में भी दिखाई दे रहा है। पहले कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा.अशोक तंवर का वाया भठिंडा आम आदमी पार्टी में पहुंचने खबरो में रहा। इसके दो दिन बाद चार बार एमएलए,दो बार मंत्री और 40 वर्षों से कांग्रेस संगठन के साथ मजबूती से खड़े रहे निर्मल सिंह ने अरविंद केजरीवाल की झाडू को कस कर पकड़ा है। कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे में कई प्रमुख पदों पर रहीं पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की पुत्री चित्रा सरवारा और उनकी पार्टी के कई नेता भी आप की टोपी पहन चुके हैं।
इसके कुछ घंटों बाद ही खबर आई है कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के विधानसभा क्षेत्र बादली में आप ने झटका दिया है। यहां से भाजपा नेता मास्टर रणबीर गुलिया ने विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के सदस्य रहने की बजाये, आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। देश में लोकसभा और प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2024 में है। इस तरह की भगदड़ और दूसरे दलों में पुनर्वास चुनाव से पहले होते हैं। वैसे आम आदमी पार्टी के हरियाणा में आधार की बात की जाए तो वो भी आम तो क्या उससे भी गया गुजरा है।
अगर मनोरंजन चैनल सोनी फेम धारावाहिक सीआईडी के एसीपी प्रद्युमन के अंदाज में कहा जाए तो यहां कहा जा सकता है कि कुछ है दया…यहां कुछ तो आवश्य है।आप के विरोधी दल और राजनीतिक पंडित इसे पंजाब इलेक्शन का इंपेक्ट बताते हुए यह कहना नहीं भूलते कि हरियाणा में केजरीवाल को कुछ मिलने वाला नहीं है। केजरीवाल का दिल्ली माडल हरियाणा में फेल होगा यह भी दावा जरुर कर देते हैं। केजरीवाल हरियाणा के हैं,उनके राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता हरियाणा के हैं,मगर हरियाणा की राजनीति में बतौर हरियाणवी इनकी प्रासंगिकता रत्ती भर नहीं है।
अपने विरोधियों द्वारा कमतर आंकने और उन पर हमलावर होने की बजाए आम आदमी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अपनी ही खुमारी में है। उन्हें इस बात का भी कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है कि आप में पिछली खुली भर्ती के दौरान सिर्फ व्यापारी और खास जाति वर्ग के लोग और नेता आ रहे हैं। केजरीवाल और उनकी पार्टी पर लगाए जा रहे इस ठप्पे को तंवर,निर्मल,गुलिया जैसे अन्य नेताओं के आगमन ने हटाने में कुछ हद तक रोल अदा आवश्य किया है। अगले दिनों,महीनों और दो वर्षों में इस तरह के कितने बड़े चेहरे आम आदमी पार्टी की झाड़ू संभालेंगे,इस पर सबकी नजर है।