न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। आज नवरात्रों की श्री दुर्गा अष्टमी पर मां भद्रकाली शक्तिपीठ में मां महागौरी की पूजा की गई । पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने बताया की नवरात्रों में नौ देवियों की पूजा का विधान है । आज मां दुर्गा के आठवां स्वरूप आदिशक्ति जो माहागौरी देवी के पूजा मूल भाव को दर्शाता है ,की आराधना की गई । उन्होंने बताया कि देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि मां के नौ रूपों और 10 महाविद्या सभी आदिशक्ति के अंश और स्वरूप हैं,लेकिन महादेव के साथ उनकी अर्धांगिनी के रूप में महागौरी हमेशा विराजमान रहती हैं।
मां महागौरी ने अपनी तपस्या से गौर वर्ण प्राप्त किया था। उत्पत्ति के समय यह आठ वर्ष की थीं। इसलिए इन्हें नवरात्र के आठवें दिन पूजा जाता है। अपने भक्तों के लिए यह अन्नपूर्णा स्वरूप हैं। यह धन-वैभव और सुख-शांति की अधिष्ठात्री देवी हैं। सांसारिक रूप में इनका स्वरूप बहुत ही उज्जवल कोमल, श्वेत वर्ण और श्वेत वस्त्रधारी है। देवी महागौरी को गायन-संगीत प्रिय है और वह सफेद वृषभ यानी बैल पर सवार हैं। मां का दाहिना हाथ अभयमुद्रा लिए हुए हैं और नीचे वाले हाथ में शक्ति का प्रतीक त्रिशूल है। वहीं बायें वाले हाथ में शिव का प्रतीक डमरू और नीचे वाला हाथ भी भक्तों को अभय दे रहा है। मां के हाथ डमरू होने के कारण इनको शिवा भी कहा जाता है। मां का यह स्वरूप बेहद शांत और दृष्टिगत है। इनकी पूजा करने मात्र से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
मंदिर की मुख्य पुजारिन शिमला देवी द्वारा माता जी को नारियल का भोग लगाया गया और साथ ही सफेद फूल अर्पित किए गए और या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता ।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। का 11 बार उच्चारण किया ।भक्त अष्टमी और नवमी दोनों के दिन ही अपना नवरात्रि व्रत समापन करते हैं । शास्त्रों के अनुसार कन्या पूजन के बिना नवरात्र के व्रत का फल प्राप्त नहीं होता। मंदिर में श्रीदेवीकूप पर आज लोग लगातार कन्यापूजन कर रहे थे । आज गुरुजी ने भी अपने परिवार की कन्या श्लोका पंडित को देवी स्वरूप मानकर कंजक रूप में पूजन किया ।
सर्वप्रथम कंजक के चरण फूल की थाली में जल डालकर धोए गए ,उसके बाद उसको श्रृंगार का सामान ,चुन्नी पुष्पमाला , पुष्पमाला व फल भेंट किए गए। इसके बाद नई थाली में कंजक को पूरी, हलवा, चना, खीर ,पूए इत्यादि से भोजन श्रद्धापूर्वक अर्पित किया और उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। कन्या पूजन का महत्व बताते हुए गुरु जी ने बताया की कन्या पूजन करने से माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि बिना कन्या पूजन के नवरात्रि का पूरा फल नहीं मिलता है। इससे माता रानी प्रसन्न होती हैं और सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। कन्या पूजन करने से परिवार के सभी सदस्यों के बीच प्रेम भाव बना रहता है और सभी सदस्यों की तरक्की होती है।
उन्होंने बताया कि 1 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्या की पूजा करने से व्यक्ति को अलग-अलग फलों की प्राप्ति होती है। जैसे कुमारी की पूजा करने से आयु और बल की वृद्धि होती है। त्रिमूर्ति की पूजा करने से धन और वंश वृद्धि, कल्याणी की पूजा से राजसुख, विद्या, विजय की प्राप्ति होती है। कालिका की पूजा से सभी संकट दूर होते हैं और चंडिका की पूजा से ऐश्वर्य व धन की प्राप्ति होती है। शांभवी की पूजा से विवाद खत्म होते हैं और दुर्गा की पूजा करने से सफलता मिलती है। सुभद्रा की पूजा से रोग नाश होते हैं और रोहिणी की पूजा से सभी मनोरथ पूरे होते हैं। गुरुजी ने आगे बताया कि आमतौर पर बहुत से लोग जो 9 दिन का व्रत नहीं रखते वे पहले दिन और अष्टमी के दिन व्रत रखते हैं या अधिकांश लोग पूजा के बाद अपना नवरात्रि व्रत खोलते हैं। आज मंदिर में भी कंजकों के पूजन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा ।
देवी के इस रूप की प्रार्थना करते हेतु “सर्वमंगल मांगलये शिवे सर्वाध्य साधिके शरन्य अम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते।” मन्त्र का लोग जाप करते दिखे । इसके साथ ही परंपरा के अनुसार भद्रकाली मंदिर में प्रातः कालीन मंगला आरती में महागौरी बीज मंत्र का जाप भी किया गया इसमें रामपाल लाठर परिवार ने भाग लिया । अन्नपूर्णा भंडारे में प्रातः 9:00 बजे अनिरुद्ध सैनी, दोपहर 12:00 बजे जतिन अरोड़ा, शाम 3:00 बजे राजेश कुमार प्रजापति ,शाम 6:00 बजे अन्नपूर्णा भवन भंडारा नीलम ,दिनेश कंसल, तालाब भंडारा शाम 6:00 बजे देवेंद्र वशिष्ट द्वारा आयोजित किया गया । गौरतलब है कि भक्तजन भंडारे का प्रसाद 16 अप्रैल तक ग्रहण कर सकते हैं । मंदिर में जागरण की तैयारियां भी पूरे जोर शोर पर है। जागरण पंडाल को भव्य विशाल स्वरूप दिया गया है और मंदिर सुरक्षा टीम की नियुक्ति कर दी गयी है । इस मौके पर नरेंद्र वालिया, डॉ अन्नु पॉल ,निकुंज शर्मा, हेमराज शर्मा ,शकुंतला देवी, मीना जोशी, स्नेहिल शर्मा, देवांशु शर्मा, देवेंद्र गर्ग , संजीव मित्तल ,हितेश ,आशीष दीक्षित इत्यादि सेवक मंडल के सदस्य उपस्थित रहे ।