देश को सुपर पावर बनाने के लिए शिक्षा का अहम योगदानः प्रो. सोमनाथ सचदेवा
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआईटी संस्थान द्वारा आरके सदन में पांचवा एलुमनाई मीट मिलाप समारोह आयोजित किया गया जिसका उद्घाटन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर सोमनाथ सचदेवा ने दीप प्रज्वलित करके किया। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा की मिलाप का मकसद पुराने मित्रों के साथ अपने खूबसूरत पलों को वर्तमान छात्रों के साथ अपने अनुभव को साझा करना है।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने इस मौके पर पूरे राष्ट्र में नई शिक्षा नीति के विजन और स्टेटमेंट का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज विद्यार्थियों को रोजगार वर्क शिक्षा देने की जरूरत है जिसमें नई शिक्षा नीति सभी प्रकार गतिविधियों को पूरा करेगी उन्होंने कहा कि विद्यार्थी में आज शिक्षा के साथ-साथ मल्टीडिसीप्लिनरी शिक्षा की जरूरत है तभी हमारी एजुकेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव होगा नई शिक्षा नीति से शिक्षा फ्लैक्सेबिलिटी होगी जिसमें वैल्यू का जिगर होगा साथ ही प्रोफेसर सचदेवा ने यह भी कहा की अगर देश को सुपर पावर बनाना है तो इसमें शिक्षा का अहम योगदान होगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 में डिग्री क्वालिफिकेशन के साथ-साथ कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है।
उन्होंने एलुमनाई में आए सभी छात्रों से आह्वान किया कि वह आत्मनिर्भर बनाने के लिए जॉब सीकर की बजाय जॉब प्रोवाइडर बने। उन्होंने आत्मनिर्भर बात के तहत छात्रों के योगदान की सराहना की कि युवाओं को अपनी सोच को क्रिएटिव बनाकर शोध की तरफ अधिक ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष एटीट्यूड बिल्डिंग के लिए विद्यार्थियों को-करिकुलर एक्टिविटी में प्रतिभागिता करनी चाहिए क्योंकि सफलता के लिए एटीट्यूड बिल्डिंग बहुत जरूरी है। कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि समय की कमी के कारण कई अल्मा मेटर नहीं पहुंच पाते उनसे लगातार ऑनलाइन चर्चा करती रहनी चाहिए ताकि उनका भी अनुभव हमें मिलता रहे।
कुवि की डीन एकेडमिक अफेयर प्रोफेसर मंजुला चौधरी ने कहा कि संस्थान के विकास के लिए एलुमनाई मीट बहुत ही जरूरी है जिनका सीधा फायदा हमारे संस्थान में पढ़ रहे विद्यार्थियों का होता है उन्होंने कहा कि पुराने विद्यार्थियों के अनुभव को अनुसरण कर संस्थान विकास में अपना सहयोग देना चाहिए। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डीन इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी और निदेशक, यूआईईटी प्रो. सीसी त्रिपाठी ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि शिक्षा संस्थान का अहम पहलू शिक्षा और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का होता है। शिक्षक और छात्र स्टाफ आपस में मिलकर चलने से ही एलुमनाई बनती है इसको निरंतर समय के साथ चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि एलुमनाई के साथ सहभागिता से प्लेसमेंट को बढ़ावा दिया जा सकता है इसमें वर्तमान छात्रों को अपने कैरियर बनाने की संभावनाएं अधिक रहती हैं। उन्होंने कहा विगत वर्षों में संस्थान ने बहुत प्रगति हुई है औऱ आज संस्थान देश के अग्रणी तकनीकी शिक्षा संस्थानों में होती है।उन्होंने कहा कि संस्थान के पूर्व छात्र देश एवं विदेश के अग्रणी संस्थानों में अपना विशेष योगदान दे रहे हैं। संस्थान छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रहा है।
कार्यक्रम के विशेष अतिथि निदेशक आईटी सेल व पूर्व निदेशक यूआईईटी डॉक्टर सुनील ढींगड़ा ने कहा कि छात्रों के साथ पूर्व निदेशकों के लिए एलुमनाई मीट का आयोजन एक सुखद एहसास है। इस तरीके से विद्यार्थी और निदेशक भी निरंतर इस कड़ी में जुड़कर संस्थान विकास का दायरा अधिक विकसित कर सकते हैं। उन्होंने कि पैशन और प्रोफेशनंस में कॅरियर बनाने की बात भी कही। प्रोफेसर अनिल मित्तल निदेशक एलुमनाई मीट कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की एल्बम नाइट की रूपरेखा के साथ कार्यप्रणाली को प्रस्तुत किया और उनके द्वारा विश्वविद्यालय में एलुमनाई के योगदान को छात्रों के बीच संबोधित किया।
संस्थान के प्रथम बैच 2004 से हरियाणा पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनात जितेंद्र कुमार ने कहा कि शिक्षक के ज्ञान के प्रकाश के कारण कि आज हम इस मंच पर अल्मा मेटर के तौर पर प्रस्तुत हैं।
उन्होंने कहा कि छात्र को अपने उद्धेश्य को फिक्स कर शिक्षकों के समुचित मार्गदर्शन में कार्य करना चाहिए और अपने शिक्षक के अनुभव के साथ कार्य करना चाहिए। व्यक्ति को हमेशा अपने जड़ों से जुड़ा रहना चाहिए ऐसा करने से कोई भी व्यक्ति जो शाम को जीरो है वह सुपर हीरो बन सकता है। सीएसआइआर के सीएसआईओ चंडीगढ़ प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. पूजा ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में दाखिला लेकर अपने पिता के सपने को साकार कर आज वह यहां पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और शिक्षकों पर विद्यार्थियों का ब्लाइंड फेथ होना चाहिए तभी सफलता मिलती है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड गाजियाबाद के प्रबंधक विनीत मलिक ने कहा कि हम प्रतिदिन सीखते हैं किसी भी परिस्थिति में हमें घबराना नहीं चाहिए उसे हैंडल करने के लिए हमेशा बड़ों से मार्गदर्शन लेना चाहिए। एडमिट की संयोजिका डॉ. सविता गिल ने एलुमनाई मीट की रूपरेखा को प्रस्तुत किया। सह संयोजिका डॉ. रीटा दहिया ने मंच का संचालन किया । सह संयोजिका डॉ. अनीता ग्रेवाल ने सभी का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर कुलपति की धर्मपत्नी डॉ. ममता सचदेवा डॉ. अजय जांगड़ा, डॉ. संजय काजल, डॉ. राम अवतार, डॉ. कुलविंदर, डॉ. विजय गर्ग, डॉ. कर्मवीर, डॉ. प्रणय जैन, डॉ. राजेश अग्निहोत्री, डॉ. अनुराधा, डॉ. अमिता मित्तल, डॉ. संजीव आहूजा, डॉ. दीपक सूद, डॉ. संजीव, डॉ. दिवाकर, डॉ. राहुल गुप्ता, डॉ. सुनील नैन, डॉ. विशाल अहलावत, डॉ. सुनील ढिगड़ा, डॉ. प्रियंका, शिखा भारद्वाज, दीप्ति चौधरी, कृष्ण गोपाल, कार्यालय अधीक्षक विजय शर्मा हरिकेश पपोसा आदि मौजूद रहे।