Friday, November 22, 2024
Home haryana पार्षद शब्द के प्रयोग विरूद्ध दायर शिकायत पर हरियाणा निर्वाचन आयोग ने शहरी निकाय विभाग को लिखा

पार्षद शब्द के प्रयोग विरूद्ध दायर शिकायत पर हरियाणा निर्वाचन आयोग ने शहरी निकाय विभाग को लिखा

by Newz Dex
0 comment

अम्बाला  मंडल की आयुक्त, ज़िले के  डीसी और स्थानीय नगर निगम कमिश्नर के पास भी लंबित है शिकायत

न्यूज डेक्स संवाददाता

अंबाला। हरियाणा में नगर निगमों के अंतर्गत पड़ने  वाले वार्डों से  निर्वाचित होने वाले जनता के प्रतिनिधियों द्वारा अपने नाम के साथ पार्षद (कौंसलर ) / एम.सी. (म्युनिसिपल कौंसलर) पदनाम  का  ही प्रयोग किया जाता रहा  है। हालांकि वास्तविकता यह है कि हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 , जो प्रदेश की सभी नगर निगमों पर लागू होता है, और  हरियाणा नगरपालिका कानून, 1973 , को प्रदेश की सभी नगर परिषदों और नगर पालिका समितियों पर लागू होता है, में आज तक पार्षद/कौंसलर  शब्द ही नहीं है।

बीते माह 15 मार्च को  शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने  अम्बाला  मंडल की  आयुक्त, ज़िले के  डीसी और स्थानीय अम्बाला  नगर निगम के कमिश्नर एवं प्रदेश सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग  के प्रधान  सचिव, विभाग के निदेशक एवं  राज्य निर्वाचन आयोग को इस सम्बन्ध में अलग अलग पत्र  भेजकर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में स्थापित तीनों प्रकार की नगर निकायों ( नगर निगमों, नगर परिषदों, नगर पालिकाओं) के वार्डो से  निर्वाचित  प्रतिनिधियों द्वारा उनके   निवास स्थान आदि  पर एवं उनके सम्बंधित   वार्ड क्षेत्र में पड़ने वाली   गलियों/मोहल्लों/चौराहों आदि  में  उनका  नाम  दर्शाने वाली  नेमप्लेट/साइनबोर्ड/होर्डिंग्स इत्यादि   एवं  उनके  पदनाम से बनाये  जाने वाली रबड़ स्टाम्प /मुहर आदि में  नगर निगम/परिषद/पालिका पार्षद (कौंसलर)  शब्द का  प्रयोग किये जाने पर आपत्ति उठाई।

बहरहाल,  पहले 21 मार्च और फिर  30  मार्च को  अम्बाला  के डीसी (उपायुक्त ) कार्यालय की एल.एफ.ए. शाखा के अधीक्षक  द्वारा अम्बाला नगरं निगम के कमिश्नर को दस दिनों में  लगातार दो बार  पत्र भेजकर उनसे  एडवोकेट हेमंत  द्वारा उठाये गये मामले में  नियमानुसार आगामी आवश्यक कार्यवाही करने हेतु लिखा गया.  बहरहाल,  गत 7 अप्रैल को हेमंत द्वारा  पुनः इस विषय पर लिखकर अत्यंत खेद जताया गया है कि डीसी कार्यालय द्वारा नगर निगम कमिश्नर को दो बार लिखे जाने के बावजूद उनके द्वारा  कोई कार्यवाही क्यों  नहीं की गयी है।


बहरहाल, 29 मार्च को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक को पत्र भेजकर उनसे इस सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करने हेतु लिखा गया है. विभाग के निदेशक से इस विषय पर सभी सम्बंधित अधिकारियों को  आवश्यक निर्देश भी जारी करने को लिखा गया है. इसी के साथ साथ यह भी लिखा गया है कि अगर हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 और हरियाणा नगरपालिका कानून, 1973 और उनके अंतर्गत बनाये गए नियमों  में इस सम्बन्ध में उपयुक्त संशोधन करना है, तो आयोग को सूचित करके ऐसा  किया जा सकता है।

हेमंत ने बताया कि हरियाणा  नगर निगम कानून, 1994 और  हरियाणा नगर पालिका कानून, 1973 में वार्डों से निर्वाचित प्रतिनिधियों हेतु   सदस्य, नगर निगम/परिषद/पालिका शब्द का  उल्लेख  है। हालांकि अगर प्रदेश सरकार चाहे तो उक्त दोनों कानूनों में संशोधन करवाकर पार्षद/कौंसलर शब्द डाल सकती है। जैसे पंजाब, दिल्ली एवं अन्य राज्यों के नगर निकाय कानूनों  में है।

यही नहीं  हरियाणा नगर निगम निर्वाचन नियमावली, 1994 और हरियाणा नगर पालिका निर्वाचन नियमावली, 1978 जिसके अंतर्गत सभी नगर निकायों के  चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा करवाए जाते हैं और सभी नगर निकाय के वार्डों से स्थानीय मतदाताओं द्वारा प्रतिनिधियों को मतदान से चुनकर निर्वाचित किया जाता है जिसके बाद  निर्वाचन आयोग द्वारा विजयी उम्मीदवारों की निर्वाचन नोटिफिकेशन्स जारी कर उनके नाम सरकारी गजट में अधिसूचित किया जाता  है, उसमें भी पार्षद/कौंसलर  शब्द का उल्लेख नहीं होता बल्कि सदस्य शब्द का प्रयोग होता है।

नगर निकायों के चुनावों  में वार्डों से  निर्वाचित प्रतिनिधियों को जो निर्वाचन प्रमाण-पत्र  (इलेक्शन सर्टिफिकेट ) चुनाव जीतने  के बाद संबंधित रिटर्निंग अफसर (आर.ओ.) द्वारा प्रदान  किया  जाता है, उस में   भी  सदस्य शब्द का ही उल्लेख होता है न कि पार्षद शब्द का एवं इसी प्रकार  निर्वाचित प्रतिनिधियों को   पद और  निष्ठा की शपथ भी संबंधित नगर निकाय के सदस्य के तौर पर ही दिलवाई जाती है न कि सम्बंधित नगर निकाय  पार्षद (कौंसलर)  के तौर पर।

यही नहीं,   हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा  नगर निगमों में उक्त 1994  कानून की धारा 4 के अंतर्गत और उपरोक्त 1973 कानून की धारा 9  में गजट नोटिफिकेशन्स  जारी कर नगर निगमों/परिषदों/पालिकाओं में जो तीन/दो व्यक्तियों को  राज्य सरकार द्वारा सम्बंधित नगर निकाय में मनोनीत  किये जाते हैं, उन नोटिफिकेशन्स में भी  पार्षद (कौंसलर) शब्द का प्रयोग नहीं किया जाता है बल्कि सदस्य शब्द का ही उल्लेख होता है।

हेमंत का कहना है कि अगर प्रदेश सरकार  इस सम्बन्ध में कार्यवाही नहीं करती,  तो मजबूरन उन्हें  इस मुद्दे पर हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर करनी  पड़ेगी  क्योंकि अगर पार्षद /कौंसलर शब्द हरियाणा विधानसभा द्वारा बनाये गए दोनों नगर निकाय कानूनों में हैं ही नहीं, तो फिर नगर निगम/परिषद/पालिका के वार्डो से निर्वाचित प्रतिनिधि उसका प्रयोग कैसे कर सकते हैं ?    

You may also like

Leave a Comment

NewZdex is an online platform to read new , National and international news will be avavible at news portal

Edtior's Picks

Latest Articles

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00