राहत देने के लिए पैट्रोल और डीजल को लाया जाए जीएसटी के दायरे में
किसान की आमदन नही फसलों की लागत दोगुना हो गई है भाजपा राज में : मेवा सिंह
बेरोजगारी से दुखी होकर विदेश की ओर भाग रहा है प्रदेश का युवा : मेवा सिंह
महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे ज्वलंत मुद्दों से ध्यान बांटने के लिए मुख्यमंत्री चंडीगढ़ का राग अलाप रहे हैं
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक अरोड़ा ने कहा कि महंगाई पर रोक लगाने में सरकार पूर्णत: विफल रही है। दिन-प्रतिदिन रिकॉर्डतोड़ बढती महंगाई ने जनता का जीना दूभर कर दिया है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव सम्पन्न होते ही पैट्रोल व डीजल के दामों में लगभग 12 रूपए की वृद्धि कर दी गई है। वहीं कमर्शियल गैस सिलेंडर 250 रूपए व घरेलू गैस सिलेंडर में 50 रूपए की वृद्धि कर दी गई है। अशोक अरोड़ा केडीबी रोड़ स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे। इस अवसर पर लाडवा के विधायक मेवा सिंह, प्रदेश कांग्रेस के संगठन सचिव सुभाष पाली व कांग्रेसी नेता सुधीर चुघ उपस्थित थे।
पूर्व मंत्री ने कहा कि पैट्रोल और डीजल के रेट बढने का प्रभाव प्रत्येक वस्तु पर पड़ता है और इससे महंगाई बढती है। उन्होने सरकार से मांग की है कि पैट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाकर रेट कम किया जाए ताकि जनता को बढती महंगाई से राहत मिल सके। अरोड़ा ने कहा कि आज यूरिया खाद, डीएपी व कीटनाशक दवाओं और डीजल के बढते रेट के कारण किसानों की फसल का लागत मूल्य बहुत बढ गया है। इस बार बेमौसमी बरसात और गर्मी जल्दी आने से गेहूँ का उत्पादन लगभग आधा रह गया है। अरोड़ा ने सरकार से मांग की कि प्रदेश सरकार किसानों को बर्बादी से बचाने के लिए गेहूँ पर बोनस देने की घोषणा करे।
एक प्रश्न के उत्तर में अरोड़ा ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करना केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है लेकिन प्रदेश सरकार फसल पर बोनस दे सकती है। चंडीगढ के बारे में बोलते हुए उन्होने कहा कि चंडीगढ हरियाणा का है और भविष्य में भी हरियाणा का ही रहेगा। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल व पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस मुद्दे को उछाल रहे हैं।
उन्होने कहा कि पानी के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के हक में फैसला दिया हुआ है। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी और प्रधानमंत्री से मिलने का निर्णय हुआ था लेकिन आज तक मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रधानमंत्री से मिलने का समय नही ले पाए। उन्होने मनोहर लाल को अब तक का सबसे कमजोर मुख्यमंत्री बताया। उन्होने दोहराया कि महंगाई, भ्रष्टाचार व बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए मुख्यमंत्री इस मामले को हवा दे रहे हैं।
लाडवा के विधायक मेवा सिंह ने भी बढती महंगाई पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 में किसानों की आमदन दोगुना करने का वायदा किया था। आमदन तो दोगुना हुई नही लेकिन फसलों की लागत अवश्य दोगुना हो गई है। मेवा सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार बढती महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में पूर्ण रूप से विफल रही है। आज प्रदेश की हालत यह है कि स्कूल में मास्टर नही, सरकारी कार्यालय में कर्मचारी नही, अस्पताल में दवाई व डॉक्टर नही। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शसन में बने कॉलेजों में ताले लगे हैं। बरोजागारी से तंग आकर देश का युवा कॉलेजों में दाखिला लेने की बजाए विदेश की ओर भाग रहा है। यदि यही हालात रहे तो प्रदेश में नौजवान ढूंढने से भी नही मिलेगा।
शहर की कोई भी सड़क नही है चलने लायक
अशोक अरोड़ा ने कहा कि शहर में बिना किसी योजना के सड़कों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। पहले सड़क बना दी जाती है और बाद में सिवरेज व पेयजल पाईप डालने के नाम पर बनी बनाई सड़क उखाड़ दी जाती है। बिरला मंदिर चौक से थर्ड गेट पर सड़क बनाने के पश्चात अभी सड़क को सिवरेज लाईन डालने के लिए दोबारा से उखाड़ दिया गया है। पिपली थर्ड गेट की सड़क ही नही बल्कि शहर की कोई भी सड़क ऐसी नही जो चलने लायक है। उन्होने कहा कि कुरुक्षेत्र के विकास पर 1300 करोड़ रूपए खर्च करने का दावा करने वाले विधायक को इस पैसे का ब्यौरा देना चाहिए कि यह पैसा कहां गया।
विधायक सुधा को देना चाहिए त्याग पत्र
थानेसर से चार बार विधायक रह चुके अशोक अरोड़ा ने कहा कि भाजपा के सहयोगी दल जजपा के एक नेता ने ही बिना हरियाणा की मान्यता के नगर में चल रहे एक स्कूल को लेकर विधायक सुभाष सुधा पर अनेक आरोप लगाए हैं। विधायक सुधा को इस बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और यदि जजपा नेता द्वारा लगाए गए आरोप सही हैं तो विधायक को अपने पद से त्याग पत्र देना चाहिए।