न्यूज डेक्स संवाददाता
रोहतक। हमारे समाज में समझदार होने का पैमाना भी बदल गया है। अब वे लोग समझदार माने जाते हैं, जो अपने आसपास हो रहे बुरे काम को होते हुए देखकर भी अनदेखा कर देते हैं और जो किसी पर हो रहे अत्याचार देखकर भी परेशान नहीं होते। यही संदेश था पागलों के जीवन पर आधारित नाटक ‘समझदार लोग’ का। सप्तक रंगमंडल और पठानिया वर्ल्ड कैंपस के संयुक्त तत्वावधान में हर सप्ताह होने वाले संडे थियेटर में हुए इस डेढ़ घंटे के नाटक ने सभ्य कहे जाने वाले हमारे समाज के उस कड़वे सच को दिखाया, जिसे हम आमतौर पर देख नहीं पाते। लोकेश मोहन खट्टर के निर्देशन में रंग प्रयास नाट्य मंच हिसार की इस प्रस्तुति ने दर्शकों को झकझोर कर रख दिया। नाटक ने दिखाया कि पागल समझे जाने वाले लोग वास्तव में संवेदनशील हैं और दूसरों के दुःख-दर्द से परेशान हो जाते हैं। वे अन्याय को होते हुए नहीं देख पाते और उसे रोकने के लिए खुद को ही मुसीबत में डाल लेते हैं। यही वजह है कि उन्हें तथाकथित समझदार लोग पागल मानते हैं।
डॉ. सुरेन्द्र शर्मा द्वारा लिखित यह नाटक एक पागलखाने की कहानी है। पागल होने के बावजूद वे देश के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक हालत पर गहरे व्यंग्य कसते हैं। कभी वे नेता बन कर कुर्सी के लिए लड़ते हैं, तो कभी बेरोजगार युवाओं की स्थिति को प्रस्तुत करते हैं। कभी भ्रष्टाचार की पोल खोलते नज़र आते हैं, तो कभी कलाकारों और साहित्यकारों को नसीहत देते हैं कि वे सत्ता की चापलूसी करने या रोमांटिक चीजें परोसने की बजाय वे जनता के असली मुद्दों को सामने लाएं, उन पर लिखें। वे झगड़ते भी हैं, लेकिन आपस अथाह प्यार करते हैं और एक-दूसरे से अलग होने की बात से ही मायूस हो जाते हैं। नाटक में अनेक ऐसी परिस्थितियां बनती हैं, जब हमें महसूस होता है कि यह हमारे देश और समाज की ही असली तस्वीर है।
नाटक में लोकेश मोहन खट्टर, गुरचरण लाल, अनूप सिंह, सुबोध, विजयंत प्रभाकर, अंकुश पुशरान, राहुल मूढाई, कृष्ण वर्मा और पुरुषार्थ ने बेहतरीन अभिनय करते हुए अनेक किरदारों को जीवंत किया। उमा शंकर ने प्रकाश व्यवस्था को संभाला। हर कलाकार ने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया और दर्शकों की खूब वाहवाही बटोरी। सप्तक के वरिष्ठ सदस्य और प्रदेश के जाने-माने नगाड़ा वादक सुभाष नगाड़ा और लोक गायक गुलाब सिंह खांडेवाल ने कलाकारों को पौधे देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मनीष खरे, डॉ. रणबीर दहिया, नेहा ड्रामा (झज्जर), गुरदयाल सिंह, अज़हर, निकिता, विश्वदीपक त्रिखा, सुभाष नगाड़ा, गुलाब सिंह खांडेवाल, अविनाश सैनी, डॉ. सुरेंद्र शर्मा, विकास रोहिल्ला, रवि रविन्द्र, जगदीप जुगनू, अमित शर्मा, महक कथूरिया, मनोज कुमार और पावनी सहित सुपवा व अभिनव टोले के सदस्य विशेष रूप से उपस्थित रहे।मंच संचालक सुजाता रोहिल्ला ने किया।