न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र।मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा समाज के असहाय एवं जरूरतमंद बच्चों के लिए संचालित मातृभूमि शिक्षा मंदिर का वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ भारतमाता एवं योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के चित्र पर पुष्पार्चन एवं दीपप्रज्जवलन से हुआ। मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। मातृभूमि सेवा मिशन की ओर से अनुशासन में अंकित, सर्वाधिक सक्रियता के लिए हरिओम, सर्वाधिक स्वच्छता में नुकुल, सर्वाधिक कर्मठ विद्यार्थी दीपक एवं मनजोत और सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी का पुरस्कार कृष्णा को दिया गया। मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा संचालित मातृभूमि शिक्षा मंदिर का वार्षिक पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मिशन की ओर से पुरस्कृत किया गया।
मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि हर व्यक्ति के जीवन में शिक्षा की अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षा ने हमेशा से ही एक व्यक्ति में बेहतर व्यक्तित्व का निर्माण किया है। शिक्षा का उद्देश्य केवल परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करना नहीं होता है, बल्कि शिक्षा के माध्यम से नई चीजों को सीखने के साथ अपने ज्ञान में वृद्धि की जा सकती है।
डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं, इसलिए हमें उन्हें अच्छी नैतिकता और बेहतर तरीके से शिक्षा ग्रहण करने पर जोर देना चाहिए, ताकि वे भविष्य में एक जिम्मेदार व्यक्ति बन सकें। शिक्षा से बच्चों में यह भी समझने की क्षमता उजागर होती है कि उनके लिए क्या सही है और क्या गलत है। जब एक बच्चा एक उत्कृष्ट शिक्षा और अच्छी नैतिकता के साथ आगे बढ़ेगा, तभी देश का विकास होगा।
कार्यक्रम के अति वशिष्ठ अतिथि काइंड बिंग कुरुक्षेत्र के अध्यक्ष राघव गर्ग ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि मातृभूमि सेवा मिशन समाज के जरूरत मंद बच्चों के सर्वांगीण विकास में समर्पित है। मातृभूमि सेवा मिशन आश्रम मानव सेवा का एक महान कार्य कर रहा है। आज विदेश में असंख्य बच्चे शिक्षा के वंचित हैं। ऐसे बच्चों की सहायता करना समाज का नैतिक दायित्व है।
कार्यक्रम का संचालन सुश्री वासु ने किया। कार्यक्रम मे शिक्षिका रिंकी, रिया ,रवि एवं कार्यालय प्रमुख गुरप्रित सिंह सहित आश्रम के सहयोगी एवं अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीयगान से हुआ।