आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मनाया जा रहा है 400वां प्रकाश उत्सव
विधायक सुभाष सुधा ने पानीपत में 24 अप्रैल को होने वाले कार्यक्रम के लिए जिला वासियों को दिया निमंत्रण
गुरु तेग बहादुर ने कुरुक्षेत्र के विभिन्न गांवों में दिया गरुबाणी के उपदेशों का ज्ञान
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर 24 अप्रैल 2022 को पानीपत में भव्य राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। हरियाणा सरकार गुरु तेग बहादुर के बलिदान एवं उनके राष्ट्र के प्रति विचार को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इस भव्य समागम का आयोजन कर रही है, जिसमें प्रदेश के कोने-कोने से नागरिक शिरकत करेंगे। अहम पहलू है कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मनाए जा रहे इस कार्यक्रम को लेकर साध संगत में काफी उत्साह है और थानेसर से भारी संख्या में लोग इस कार्यक्रम में पहुंचेंगे।
विधायक सुभाष सुधा ने दूरभाष पर बातचीत करते हुए कहा कि हरियाणा से सभी दस सिख गुरुओं के का एक विशेष नाता रहा है, क्योंकि उन्होंने कुरुक्षेत्र और लोहगढ़ की यात्रा की है। आज हमारा परम कर्तव्य बनता है कि गुरु तेग बहादुर और अन्य धार्मिक गुरुओं और संतों की शिक्षाओं, विचारधाराओं और दर्शन को समाज में विशेष रूप से युवाओं में प्रचारित करें। उन्होंने जिला वासियों से अपील करते हुए कहा कि जिला वासी इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में जरूर पहुंचे। पानीपत में इस तरह के धार्मिक समागम का आयोजन न केवल हरियाणा और देश के लिए बड़ी सफलता होगी बल्कि दुनिया भर में भी इसका संदेश जाएगा।
हरियाणा वासियों का सौभाग्य है कि राज्य की धरा पर श्री गुरु तेग बहादुर के पावन चरण कई बार पड़े। अपने प्रवास के दौरान उन्होंने संगत को दिव्य ज्ञान दिया और धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित किया। जहां-जहां वे पधारे वहां उनकी याद को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए गुरुघर स्थापित हैं जो सदियों से उनकी शिक्षाओं की ज्योति का प्रकाश फैला रहे हैं और लोगों का जीवन सवार रहे है। उन्होंने कहा कि गांव अजराना कलां (कुरुक्षेत्र) में श्री गुरु तेग बहादुर पटना साहिब से वापसी के दौरान कुरुक्षेत्र की धर्म प्रचार यात्रा के दौरान आए थे। यहां बैसाखी, गुरुपुरब तथा गुरु तेग बहादुर साहिब का शहीदी दिवस संगतों द्वारा श्रद्धा भावना से मनाया जाता है।
गुरु तेग बहादुर ने थानेसर में सन 1656 में पटना साहिब जाते हुए कुछ दिन यहां ठहर कर धर्म प्रचार किया। गुरु साहिब अप्रैल 1665 ई. को धमतान साहिब से कीरतपुर साहिब जाते समय भी यहां ठहरे थे। गुरु साहिब ने यहां पर पक्के तालाब तथा कुएं बनवाए और किलानुमा धर्मशालाओं का निर्माण करवाया। यहां एक सुंदर गुरुद्वारा साहिब सुशोभित है। गुरु तेग बहादुर कुरुक्षेत्र से चलकर डूडी साहिब जाते हुए सलेमपुर ठहरे थे। सलेमपुर के निवासियों ने गुरु साहिब का आभार प्रकट किया और यहां गुरु साहिब के घोड़ों को कुएं से पानी पिलाया। यह कुआं आज भी मौजूद है। गुरु तेग बहादुर साहिब गांव सलेमपुर, डूडी प्रचार दौरे के दौरान गांव मुनियारपुर पहुंचे थे। यहां रहते हुए उन्होंने संगत को गुरबाणी के उपदेशों से अवगत कराया तथा नाम जपन, किरत करन और वंड छकने का हुक्म दिया।