मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा संचालित मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों द्वारा पृथ्वी दिवस के अवसर पर पौधा रोपण किया गया
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। पृथ्वी एक बहुत व्यापक शब्द है, इसमें जल, हरियाली, वन्यप्राणी, प्रदूषण और इससे जुड़े अन्य कारक भी शामिल हैं। धरती को बचाने का आशय है इन सभी की रक्षा के लिए पहल करना। लेकिन इसके लिए किसी एक दिन को ही माध्यम बनाया जाए, क्या यह उचित है? हमें हर दिन को पृथ्वी दिवस मानकर उसके बचाव के लिए कुछ न कुछ उपाय करते रहना चाहिए। यह विचार मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में व्यक्त किए। इस अवसर पर मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा समाज के असहाय एवं जरूरतमंद बच्चों के लिए संचालित मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों द्वारा पृथ्वी दिवस पर पौधा रोपण कर पृथ्वी एवं पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।
मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि पृथ्वी दिवस को लेकर देश और दुनिया में जागरूकता का भारी अभाव है! सामाजिक या राजनीतिक दोनों ही स्तर पर इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जाते। कुछ पर्यावरण प्रेमी अपने स्तर पर कोशिश करते रहे हैं, किंतु यह किसी एक व्यक्ति, संस्था या समाज की चिंता तक सीमित विषय नहीं होना चाहिए! सभी को इसमें कुछ न कुछ आहुति देना पड़ेगी तभी बात बनेगी। पृथ्वी के पर्यावरण को बचाने के लिए हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते, तो कम से कम इतना तो करें कि पॉलिथीन के उपयोग को नकारें, कागज का इस्तेमाल कम करें और रिसाइकल प्रक्रिया को बढ़ावा दें, क्योंकि जितनी ज्यादा खराब सामग्री रिसाइकल होगी, उतना ही पृथ्वी का कचरा कम होगा। विश्व पृथ्वी दिवस पर्यावरण एवं पृथ्वी संरक्षण के संकल्प का महापर्व है।
डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि पृथ्वी दिवस का महत्व मानवता के संरक्षण के लिए बढ़ जाता है। यह हमें जीवाश्म इंधन के उत्कृष्ट उपयोग के लिए प्रेरित करता है। इसको मनाने से ग्लोबल वार्मिंग के प्रचार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जो कि हमारे जीवन-स्तर में सुधार के लिए प्रेरित करता है। यह ऊर्जा के भण्डारण और उसके अक्षय के महत्व को बताते हुए उसके अनावश्यक उपयोग के लिए हमें सावधान करता है। कार्बन डाईऑक्साइड और मीथेन उत्सर्जन की गतिविधियों की वजह से पर्यावरण अपने प्राकृतिक रूप में स्थिर रहता है। आज एक ऐसे वैश्विक आंदोलन की शुरुआत करें जो प्रकृति और इसके मूल्यों को संरक्षित एवं पोषित करे। इस अवसर पर मातृभूमि शिक्षा मंदिर के सदस्य, शिक्षक एवं सहयोगी जन उपस्थित रहे।