गैंडों के बेहतर भविष्य के लिए हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं: बाबुल सुप्रियो
न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली,22 सितंबर। विश्व गैंडा दिवस के अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने देश में गैंडों के संरक्षण में अग्रिम पंक्ति के वनकर्मियों और अधिकारियों के अथक परिश्रम के लिए उन्हें बधाई देते हुए आभार जताया और कहा कि भारत ने अपने गैंडों का संरक्षण सफलतापूर्वक किया है और देश गैंडों के लिए बेहतर क्षेत्र बन गया है।
बीसवीं सदी के आखिर में विलुप्ति के कगार पर पहुँच गए एक सींघ और विशाल आकार वाले गैंडों की संख्या का उल्लेख करते हुए श्री सुप्रियो ने कहा कि उस समय जहां इनकी संख्या महज़ 200 के आसपास रह गई थी, समय रहते इनके संरक्षण के आवश्यक उपाय करने और केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों के बेहतर प्रबंधन के चलते इनकी संख्या में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और अब हम कह सकते हैं कि अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाली इस प्रजाति का भविष्य भारत में सुरक्षित है। इस समय भारत में एक सींघ और विशाल आकार वाले गैंडों की कुल संख्या की 75 प्रतिशत तीन प्रमुख राज्यों असम,उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में है। गैंडों की आबादी की गणना समय-समय पर राज्य सरकारों द्वारा कराई जा रही है।
विश्व गैंडा दिवस प्रति वर्ष 22 सितंबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य जंगली जीवों की इस प्रजाति के संरक्षण और इसके प्रवास के महत्व को उल्लेखित करना है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने माननीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री श्री बाबुल सुप्रियो की गरिमामय उपस्थिती में वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के दौरान मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ राज्य वन विभाग, केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, डबल्यूडबल्यूएफ़-इंडिया, आरण्यक और यूएनडीपी सहित विभिन्न विभागों और संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
केंद्रीय राज्यमंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार को केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के अधिकारियों की पटना चिड़ियाघर से दिल्ली चिड़ियाघर में एक नर गैंडा भेजने का अनुरोध स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया।
गैंडों की वर्तमान प्रजाति को संरक्षित करने के लिए प्रयास जारी हैं। साथ ही इंडियन राइनों विजन (आईआरवी) 2020 कार्यक्रम के तहत इस प्रजाति का वितरण बढ़ाने पर भी काम किया जा रहा है। विश्व धरोहर स्थल मानस राष्ट्रीय पार्क में एक वन से दूसरे वन में गैंडों के आदान-प्रदान का प्रयास सफल रहा है। मंत्रालय ने एक सींघ वाले गैंडों को रिकवरी कार्यक्रम के तहत उन 21 प्रजातियों में शामिल किया है, जो खतरे में हैं। मंत्रालय ने एक सींघ वाले भारतीय गैंडों की संख्या बढ़ाने के लिए भी “राष्ट्रीय संरक्षण रणनीति” का आरंभ किया है। इसके तहत वैज्ञानिक विधि भी अपनाई जाएगी।
मंत्रालय असम, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की मदद से “नई दिल्ली घोषणा पत्र” के अनुरूप वह सभी कदम उठा रहा है जो 26-28 फरवरी 2019,को हुए दूसरे एशियाई राज्य संरक्षण सम्मेलन में तय किए गए थे। इस सम्मेलन में भारत के अलावा भूटान, मलेशिया, नेपाल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
पश्चिम बंगाल और बिहार सरकार द्वारा वह सभी कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही जो क्षेत्र कुछ दशक पहले गैंडों के प्रवास के लिए अनुकूल क्षेत्र रहे हैं वहाँ भी गैंडों को फिर से बसाया जा रहा है।