गरीब व वंचित युवाओं की प्रतिभाओं को करना होगा उजागर- राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
छिपी हुई प्रतिभाओं को आगे लाना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी
कहा, अपनी संस्कृति व सभ्यता को सदैव दे प्रोत्साहन
विश्वविद्यालय के कुलगीत व मोनोग्राम का भी किया लोकार्पण
न्यूज डेक्स संवाददाता
रोहतक।हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालयों तथा समाज के प्रबुद्घ व्यक्तियों का आह्वान किया कि वे समाज के वंचित व गरीब लोगों की कला व प्रतिभा को बढ़ावा दें। ऐसा करने से समाज में समरसता बढ़ेगी। सूर्य कवि पंडित लख्मीचंद भी गरीब परिवार से थे, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया। हमेशा अपनी सभ्यता व संस्कृति को याद रखें तथा मूल विचार को कभी न भूले। राज्यपाल आज स्थानीय पंडित लख्मीचंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विश्वविद्यालय के प्रांगण में सूर्य कवि पंडित लख्मीचंद की प्रतिमा के अनावरण समारोह में बतौर मुख्यातिथि उपस्थितगण को संबोंधित कर रहे थे।
इससे पूर्व राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रांगण में स्थापित की गई सूर्य कवि पंडित लख्मीचंद की प्रतिमा का अनावरण किया तथा पुष्प अर्पित कर श्रद्घांजलि दी। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलगीत का ऑडियो भी समर्पित किया तथा विश्वविद्यालय के नए मोनोग्राम का अनावरण किया। इस अवसर पर स्थानीय लोकसभा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष कुमार ग्रोवर, पंडित लख्मीचंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विश्वविद्यालय के कुलपति गजेद्र चौहान, एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह, पीजीआईएमएस की कुलपति डॉ. अनीता सक्सेना तथा पंडित लख्मीचंद के पौत्र विष्णुदत्त उपस्थित रहे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने पंडित लख्मीचंद को भारतीय संस्कृति के संवाहक बताते हुए कहा कि उन्होंने अपनी सांग व गाथा शैली के माध्यम से भारतीय संस्कृति को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। पंडित लख्मीचंद को रागनी व सांग की हरियाणवीं संगीत शैली के सूर्य कवि का सम्मान दिया गया है। हरियाणवीं साहित्य में योगदान के लिए हरियाणा कला परिषद हर वर्ष साहित्यकारों का हौंसला बढ़ाने के लिए पंडित लख्मीचंद पुरुस्कार प्रदान करती है। पंडित लख्मीचंद की रचनाओं में भारतीय संस्कृति की झलक मिलती है। उनके सांग रूपी साहित्य में मानवीय एवं सामाजिक मूल्यों का बेजोड़ समावेश है। यह साहित्य आज भी वर्तमान पीढ़ी के लिए प्रासंगीक है।
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति सामाजिक और नैतिक मूल्यों के कारण ही समृद्घ है। इन्ही मानवीय मूल्यों को आगे बढ़ाने में पंडित लख्मीचंद का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिससे यह विश्वविद्यालय ओर आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में यह विश्वविद्यालय हरियाणवीं कला और संस्कृति को बढ़ावा देने से एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा है। इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा बनाये गए कलात्मक उत्पादों में हरियाणवीं परम्पराओं की अच्छी छाप देखने को मिली है। विश्वविद्यालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल के विचार को आगे बढ़ाया है। विश्वविद्यालय के प्रयासों की बदौलत ही आज बॉलीवुड तक भी हरियाणवीं संस्कृति का ढंका बज रहा है।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने गजेंद्र चौहान के कुलपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद यह विश्वविद्यालय और प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा। उन्होंने कहा कि महाभारत धारावाहिक में धर्मराज युद्घिष्ठिïर की भूमिका निभाने वाले व्यक्ति का इस विश्वविद्यालय का कुलपति होना गर्व की बात है। उन्होंने रामायण धारावाहिक का जिक्र करते हुए कहा कि लंका विजय के बाद श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा था कि उनके लिए जन्मभूमि स्वर्ग है और वे सोने की लंका को छोडक़र अपनी जन्मभूमि अयोध्या लौटकर जनता की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि महिला विद्यार्थियों को आगे बढऩे के लिए प्रेरित करें। विश्वविद्यालय डिजिटल लाइजेशन को बढ़ावा दें। उन्होंने कुलपतियों का आह्वान करते हुए कहा कि नई प्रौद्योगिकी और युवाओं के कौशल विकास पर ध्यान दिया जाये। छात्रों में उद्यमशीलता के कौशल को बढ़ावा दिया जाये। इसके लिए विश्वविद्यालय में इनक्यूबेशन सेंटर, इनोवेशन सेंटर, कैरियर काउंसलिंग सेंटर व आधुनिक लैब स्थापित करके पूर्व छात्रों का सहयोग लेते हुए छात्रों को उद्यमिता के क्षेत्र के लिए तैयार करने पर ध्यान दिया जाये। विश्वविद्यालयों में अनुसंधान व नवाचार को बढ़ावा दिया जाये तथा विद्यार्थियों को प्रेक्टिकल ज्ञान दिया जाये।
बंडारू दत्तात्रेय ने उनकी शानदार पेंटिंग बनाने वाले इस विश्वविद्यालय के फाइन आर्टस के चतुर्थ वर्ष के छात्र साहिल को 21 हजार रुपये की ईनाम राशि देने की घोषणा की। साहिल ने 4 दिन में ऑयल पेंटिंग से राज्यपाल की शानदार पेंटिंग बनाकर राज्यपाल को भेंट की है। बंडारू दत्तात्रेय ने सूर्य कवि पंडित लख्मीचंद के पौत्र विष्णुदत्त को शॉल भेंटकर सम्मानित किया तथा कहा कि वे पंडित लख्मीचंद की विरासत को आगे बढ़ा रहे है।रोहतक लोकसभा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि पंडित लख्मीचंद द्वारा अपने साहित्य के माध्यम से कहीं गई सभी बातें आज सत्य साबित हो रही है। आज भी लोगों में पंडित लख्मीचंद के प्रति अपार प्रेम है। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने सूर्य कवि पंडित लख्मीचंद की प्रतिमा स्थापित करके उन्हें सच्ची श्रद्घांजलि दी है। उन्होंने कहा कि पंडित लख्मीचंद की सांग की रचनाएं पारिवारिक है, जिन्हें पूरा परिवार साथ बैठकर देख सकता है।
उन्होंने राज्यपाल की प्रसंशा करते हुए कहा कि वे कई भाषाओं के ज्ञाता है तथा हरियाणा की संस्कृति से भली भांति परिचित है। विश्वविद्यालय के कुलपति गजेंद्र चौहान ने राज्यपाल तथा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय तथा अन्य अतिथिगण का स्वागत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा पंडित लख्मीचंद की प्रतिमा स्थापित की गई है। विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय का नया कुलगीत बनाया गया है। इस विश्वविद्यालय द्वारा फिल्म व टेलीविजन क्षेत्र में डिग्रियां प्रदान की जाती है तथा प्रेक्टिकल ज्ञान पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। विश्वविद्यालय में सेमीनार हॉल व प्रयोगशालाएं स्थापित है तथा शौध को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कला व सिनेमा के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जायेगा। उन्होंने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, स्थानीय लोकसभा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष ग्रोवर, एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह, पीजीआईएमएस की कुलपति डॉ. अनीता सक्सेना शॉल भेंटकर सम्मानित किया। पंडित लख्मीचंद के पौत्र विष्णुदत्त ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला।