डाडम में अवैध खनन ले रहा लोगों की जानें, सरकार चुप्पी साधे माफियाओं को शह दे रही- हुड्डा
मृतकों के परिजनों को मुआवजा, एक-एक नौकरी व दोषियों को सजा दे सरकार- हुड्डा
यमुना से लेकर डाडम तक हो रहा हजारों करोड़ का घोटाला सरकारी संरक्षण के बिना असंभव- हुड्डा
बार-बार मांग के बावजूद उच्चस्तरीय जांच से क्यों भाग रही है सरकार– हुड्डा
छोटी मछलियों को फंसाने और बड़े मगरमच्छों को बचाने में लगी हुई है सरकार- हुड्डा
न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़। हरियाणा में घेपले-घोटालों के गठबंधन की सरकार चल रही है। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। उनका कहना है कि पूरे प्रदेश में यमुना से लेकर डाडम तक हो रहा हजारों करोड़ का खनन घोटाला सरकारी संरक्षण के बिना संभव नहीं है। भिवानी के डाडम में अवैध खनन ने 5 मजदूरों के बाद 2 और लोगों की जान ले ली। बावजूद इसके आज तक खनन माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने मृतकों के परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए मांग करी कि खनन क्षेत्र में हादसे के शिकार मजदूरों व कर्मचारियों के परिजनों को मुआवजा, एक-एक नौकरी व न्याय मिले।
हुड्डा ने कहा कि खनन माफिया को खुली छूट देने का नतीजा है कि वो इतने लोगों की इतने लोगों की जानें लेने के बाद भी बेखौफ खनन कर रहा है। इसी साल एक जनवरी को डाडम में अवैध खनन के चलते 5 लोगों की जान चली गयी थी। तब भी सरकार ने ना तो हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच करवाने की मांग मानी और ना ही एनजीटी द्वारा खनन कंपनियों पर 7.5 करोड़ रुपये के जुर्माने को वसूलने की कोई कार्रवाई की। आखिर सरकार खनन कंपनियों के खिलाफ उदहारण पेश करने वाली कार्रवाई करने से क्यों बच रही है? सरकार पूरे मामले की निष्पक्ष जांच से क्यों भाग रही है? सरकार के रवैये से स्पष्ट है कि उसकी मंशा पूरे मामले की लीपापोती कर छोटी मछलियों को फंसाने और बड़े मगरमच्छों को बचाने की है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज पूरा प्रदेश खनन माफिया की गिरफ्त में है। अवैध खनन माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि डाडम से लेकर यमुना तक में जमकर अवैध खनन हो रहा है। उसने यमुना के किनारे ताजेवाला हेडवर्क्स और एचकेबी बैराज को भी खतरे में डाल दिया है। खनन माफिया ने अवैध खुदाई करके यमुना की धारा तक को बदल दिया। केन्द्र सरकार द्वारा किये गये एक अघ्ययन से पता चला है कि हरियाणा सरकार की गलत नीतियों के चलते राज्य में कुल वन क्षेत्र महज 3.63 प्रतिशत रह गया और पेड़ों की तादाद 2019 तक घटकर 140स्क्वॉयर किलोमीटर रह गयी है।
इतना ही नहीँ हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी द्वारा राज्य में ग्रेनाइट पत्थर और रेत का अवैध खनन रोकने के निर्देश के बावजूद बेरोक-टोक और बेतहाशा अवैध खनन जारी है। अब तक केंद्र की कई एजेंसियों, एसडीओ, एनजीटी और कोर्ट की टिप्पणियों से स्पष्ट है कि यहां पर हजारों करोड़ का घोटाला हो रहा है। डाडम में खनन माफिया ने खनन करते हुए भूजल स्तर तक का ध्यान नहीं रखा और उससे काफी नीचे तक खुदाई कर डाली। आलम यह है कि कई जगहों पर तो सारे नियम-कायदे ताख पर रखकर 800-900 फीट की गहराई तक खुदाई की गई है। पूरे खनन जोन को मौत के कुएं में तब्दील कर दिया है। खनन नियमों की परवाह किए बिना 90 डिग्री के एंगल पर खड़ी माइनिंग की गई, जबकि नियमों के मुताबिक 60 डिग्री एंगल पर ही खनन किया जाना चाहिए।
खनन ठेकेदारों ने डाडम माइनर तक को नहीं छोड़ा और उसको भी माइनिंग करके खत्म कर दिया। इतना ही नहीं खनन के लालच में गांववालों के बार-बार इंकार करने के बावजूद ठेकेदारों ने एक मंदिर को भी ब्लास्ट कर उड़ा दिया। स्थानीय लोगों की शिकायतों के मुताबिक खनन ठेकेदार लालच में इतने अंधे हो चुके हैं कि उन्होंने लोगों की निजी जमीनों पर जबरदस्ती कब्जा करके उसपर भी गैरकानूनी खनन कर डाला।
हुड्डा ने कहा कि माइनिंग माफिया प्रदेश के सरकारी खजाने को हज़ारों करोड़ रुपये का चूना लगा रहा है। सरकार में ऊँचे ओहदों पर बैठे लोगों की साठ-गाँठ के बिना इतना बड़ा घोटाला संभव ही नहीं है। जो पैसा सरकारी खजाने में जाना चाहिए था वो सरकारी संरक्षण के चलते खनन माफिया की जेबों में जा रहा है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान खनन के लिए एचएसआईआईडीसी ने ऐसे नियम बनाए थे, जिससे अवैध खनन ना हो और आम जनता तक खनन सामग्री सस्ते दामों पर पहुंचे। लेकिन मौजूदा सरकार ने उन नियमों को नजरअंदाज किया और खनन ठेकेदारों को खुली छूट दी। इसकी वजह से बेरहमी से अवैध खनन हुआ और निर्माण सामग्री भी अत्याधिक महंगी हो गई है।