गूंगे, बहरे और अंधे लोगों ने हंसी-हंसी में सुलझाई कत्ल की गुत्थी
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। हरियाणा कला परिषद द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान कला कीर्ति भवन में प्रारम्भ किए गए नाट्य मेला में प्रबुद्ध जोशी के गुजराती नाटक तीन बंदर का मंचन किया गया। जिसका हिंदी अनुवाद विकास वासुदेव एवं मीनाक्षी वासुदेव ने किया तथा निर्देशन नागेंद्र शर्मा द्वारा किया गया। इस मौके पर हरियाणा कला परिषद हिसार मण्डल के अतिरिक्त निदेशक महाबीर गुड्डू बतौर मुख्यअतिथि पहुंचे। वही विशिष्ट अतिथि के रुप में वरिष्ठ रंगकर्मी बृज शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन हरियाणा कला परिषद के मीडिया प्रभारी विकास शर्मा ने किया। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
वहीं महाबीर गुड्डू ने विश्व नृत्य दिवस की शुभकामनाएं देते हुए दर्शकों से अपने विचार सांझा किये। मसखरे रंगमंच अम्बाला के कलाकारों द्वारा अभिनीत हास्य नाटक तीन बंदर एक हॉस्टल के कमरे से शुरु होता है, जहां तीन दोस्त फिल्म देखने का प्लान बनाते है। लोेगों को गुदगुदाते हुए तीन दोस्त अलग-अलग फिल्मों को देखने की बात करते हैं, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाते। अंत में उनके प्रोफैसर की सुझाई फिल्म देखने का निर्णय लिया जाता है। फिल्म देखने के बाद हॉस्टल के एक दूसरे कमरे में एक छात्र पहूंचता है तो वहां उसका कत्ल हो जाता है। कातिल बड़े शातिर अंदाज में छात्र का खून करता है लेकिन उस दौरान उस कमरे में बैठी अंधी लड़की नैना उसकी बातों को सुन लेती है और अपने अन्य दो साथियों को इस बारे में बताती है।
संयोगवश नैना का साथी सुभाष गूंगा तथा श्रवण बहरा होता है, जिसके कारण तीनों को एक दूसरे की बात समझने में मुश्किलें आती रहती है। कत्ल की गुत्थी सुलझने की बजाय उलझती चली जाती है और तीनों साथियों की आपसी बातचीत नाटक में रोचकता भरते हुए लोगों को गुदगुदाने का काम करती है। अंत में एक-दूसरे की मदद से तीनों साथी कातिल का पता लगा लेते हैं और पुलिस को पूरी जानकारी दे देते हैं। इस तरह शारीरिक विकलांगता के होते हुए भी तीन दोस्त अपने विशेष गुणों के कारण कत्ल के मसले को सुलझा लेते हैं। नाटक में सुभाष का किरदार स्वयं नाटक निर्देशक नागेंद्र शर्मा ने निभाया, वहीं नैना के किरदार में मनीषा शर्मा तथा श्रवण तरुण जलोटा रहे। अन्य भूमिकाओं में सुकृति शर्मा, इंद्र, अंकुश शिवम, राजकिरण, करण रहे। संगीत शिवानी का रहा तथा प्रकाश व्यवस्था मनीष डोगरा ने सम्भाली।
27 मार्च से 14 मई तक चलने वाले नाट्य मेला में 6 मई को स्थानीय कलाकारों द्वारा बृज शर्मा के लेखन व निर्देशन में नाटक खामोश का मंचन किया जाएगा। 7 मई को गुरुग्राम के कलाकार अशोक भाकरी के निर्देशन में शादत हसन मंटो की कहानी पर आधारित नाटक लाईसेंस मंचित करेंगे। नाटकों का समय सायं 6.30 बजे रहेगा। यह जानकारी हरियाणा कला परिषद के मीडिया प्रभारी विकास शर्मा ने दी।