जयराम विद्यापीठ में प्रारम्भ हुआ तीन दिवसीय गायत्री जप अनुष्ठान
जयराम विद्यापीठ में हो रहा है सवा लाख पितृ गायत्री जप अनुष्ठान
सर्वकल्याण की भावना से किया जा रहा है सवा लाख पितृ गायत्री मंत्र जप अनुष्ठान
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र।देश के विभिन्न राज्यों में संचालित जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से एवं मार्गदर्शन में ब्रह्मसरोवर के तट पर जयराम विद्यापीठ में आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री, 21 विद्वान ब्राह्मणों एवं ब्रह्मचारियों द्वारा सर्वकल्याण की भावना से सवा लाख गायत्री मंत्र जप एवं तर्पण अनुष्ठान प्रारम्भ किया गया है। अनुष्ठान प्रारम्भ पर पंचांग पूजन, नांदी श्राद्ध, पुण्याहवाचन, नवग्रह मंडप पूजन, सर्वतोभद्र पूजन, भगवती गायत्री का पंचामृत से स्नान करवा पूजन के उपरांत सवा लाख मंत्र जाप शुरू हुआ। आचार्य लेखवार ने बताया कि दशांश हवन, तर्पण, मार्जन एवं पूर्णाहुति के साथ अनुष्ठान पूर्ण होगा।
उल्लेखनीय है कि विद्यापीठ में परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से नियमित सर्वकल्याण एवं विश्व शांति के लिए अनेकों अनुष्ठान किए जाते हैं। विद्यापीठ में मुख्य यजमान के तौर पर इमार सोसायटी मोहाली के राधे श्याम, रेखा रानी, चितवन भारद्वाज, ऋचा, सुनीता व राज रानी इत्यादि द्वारा सवा लाख गायत्री मंत्र जप अनुष्ठान करवाया जा रहा है। गायत्री जप अनुष्ठान का महत्व आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री ने बताया कि गायत्री मंत्र के जाप से ब्रह्मदर्शन संभव है। मानव जाति के कल्याण के लिए भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण जी के द्वारा भी ऋषि मुनियों के साथ गायत्री मंत्र जाप किए गए हैं।
सनातन धर्म के मानने वाले श्री गणेश मंत्र के बाद पूजा में गायत्री मंत्र का जप करते ही हैं। श्रीमद्भागवत के दशम स्कन्ध में लिखा है कि श्रीकृष्ण स्नान करने के बाद गायत्री मंत्र का जाप करते थे। महाकवि तुलसीदास ने रामचरित मानस में लिखा है कि विश्वामित्र ने अपने शिष्यों भगवान राम और लक्ष्मण को इस मंत्र का रहस्य विस्तार से समझाया था। विद्यापीठ में प्रारम्भ हुए गायत्री मंत्र जप अनुष्ठान में के. के. कौशिक, खरैती लाल सिंगला, श्रवण गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता, पवन गर्ग, राजेश सिंगला, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक, यशपाल राणा इत्यादि भी शामिल हुए।