आईटी बेस लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के तहत शिक्षक व विद्यार्थी दोनों को किये टेबलेटस वितरित
आईटी का अधिकतम उपयोग कर सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली का पहले से ही ऑनलाइन क्रियान्वयन
न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़।भावी पीढ़ी के लिए जल संरक्षण की कईं अनूठी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल उस समय आईटी गुरु भी बन गए जब उन्होंने रोहतक से ई-अधिगम योजना का शुभारंभ कर विद्यार्थियों को टैबलेटस का वितरण किया। इससे एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को साकार करने में गति मिलेगी तो वहीं दूसरी ओर दुनिया के सामने डिजिटल हरियाणा का रूप भी उभरकर आएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम में शिक्षक व विद्यार्थी दोनों को ही अध्यापन के लिए आईटी आधारित पद्धति पर चलना होगा तभी हमारे विद्यार्थी 21वीं सदी के इस सूचना प्रौद्योगिकी के युग में प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे।
नई शिक्षा नीति की इस थीम को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बारिकी से समझा और प्रदेश में इसे लागू करने की पहल की। उन्होंने कोविड-19 महामारी के बावजूद भी वर्चअुल माध्यम से विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षाविद्धों व अन्य विषय विशेषज्ञों से संवाद कर सुझाव आमंत्रित करके नई शिक्षा नीति को हरियाणा में वर्ष 2025 तक लागू करने की रूप-रेखा तैयार कर ली है, जबकि इस शिक्षा नीति को क्रियान्वयन का लक्ष्य वर्ष 2030 तक निर्धारित है।
मुख्यमंत्री का प्रदेश में शिक्षा के उत्थान के प्रति गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022-23 के बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए 20 हजार करोड़ रुपए प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री का मानना है कि शिक्षा क्षेत्र में होने वाले नये-नये परिवर्तनों के दृष्टिगत बजट की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेशभर में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को पांच लाख टैबलेटस वितरित किये जाने हैं। प्रदेश में कल रोहतक सहित 119 स्थानों से टैबलेट वितरण समारोह के पहले चरण की शुरूआत 10-12वीं तक के विद्यार्थियों व शिक्षकों को टैबलेटस वितरण से की गई। इस समारोह के आयोजन से मानो ऐसा प्रतीत हो रहा था कि प्रदेश के शिक्षा जगत के क्षेत्र में आईटी के एक नये युग का सूत्रपात हो रहा है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को साकार करने के साथ-साथ मुख्यमंत्री के आईटी विजन को भी और अधिक गति प्रदान करेगा।
यह भी वर्णनीय है कि हरियाणा के इतिहास अब तक आईटी प्रणाली के अधिकतम उपयोग पर किसी भी मुख्यमंत्री द्वारा इतनी गंभीरता से अपना ध्यान केन्द्रित नहीं किया गया, जबकि मनोहर लाल ने प्रदेश की सत्ता संभालते ही वर्ष 2014 में सुशासन दिवस के अवसर पर सरकारी विभागों में ऑनलाइन प्रणाली की शुरूआत की थी। इस व्यवस्था के परिणामस्वरूप लगभग 500 से अधिक योजनाएं एवं सेवाएं ऑनलाइन हो चुकी हैं और लोगों को अब सरकारी कार्यालयों के बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं । वे अपने मोबाइल या नजदीकी नागरिक सेवा केन्द्रों या सरल केन्द्रों के माध्यम से इन सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।