Friday, November 22, 2024
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कर्मचारी संघ ने ठेका कर्मियों को जबरन कौशल रोजगार निगम में शामिल करने के विरुद्ध खोला मोर्चा

by Newz Dex
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न्यूज डेक्स संवाददाता

रोहतक। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने सरकार पर कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी करने और हितधारकों के विरोध के बावजूद ठेका कर्मियों को जबरन कौशल रोजगार निगम में शामिल करने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने कौशल रोजगार निगम को भंग कर कच्चे कर्मियों को पक्का करने, पुरानी पेंशन व छंटनीग्रस्त कर्मियों की बहाली, खाली पड़े लाखों पदों को पक्की भर्ती से भर बेरोजगारों को रोजगार देने, सरकारी विभागों एवं पीएसयू के निजीकरण पर रोक लगाने, लिपिक वर्ग का वेतन 35400 करने आदि मांगों को लेकर 27 मई को सभी जिला मुख्यालयों पर आक्रोश प्रदर्शन करने का फैसला लिया है।

यह निर्णय रविवार को सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा की अध्यक्षता में कर्मचारी भवन रोहतक में आयोजित राज्य कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया। राज्य कार्यकारिणी ने जीत मिलने तक आंदोलन जारी रखने का एलान किया है। राज्य महासचिव सतीश सेठी द्वारा संचालित इस बैठक में केंद्रीय कमेटी के पदाधिकारियों के अलावा, सभी जिलों के प्रधान व सचिव तथा विभागीय संगठनों के राज्य प्रधान व महासचिवों ने भाग लिया और धोषित आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया। राज्य कार्यकारिणी की बैठक में विश्वविद्यालयों को ग्रांट देने की बजाय कर्ज देने के निर्णय की निंदा की और  इस निर्णय को वापस लेने की मांग की।

बैठक में सर्व सम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में हितधारकों के विरोध के बावजूद कच्चे कर्मियों को पक्का करने की बजाय कौशल रोजगार निगम बना कर ठेका प्रथा को स्थाई रूप देने की निंदा की और कौशल रोजगार निगम को भंग करने की मांग की। राज्य कार्यकारिणी ने नगर पालिका कर्मचारी संघ की 23-24 मई की प्रदेशव्यापी हड़ताल, स्वास्थ्य विभाग मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन के 19 भी की डीजी हेल्थ पंचकूला कार्यलय पर किए गए प्रदशन, हरियाणा एजुकेशन मिनिस्टर स्टाफ एसोसिएशन के 15 मई के शिक्षा मंत्री के आवास पर होने वाले प्रदर्शन और 15 जून को आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के बिजली मंत्री के सिरसा आवस के प्रदर्शन का भी पुरजोर समर्थन करने का फैसला लिया गया।

बैठक में आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर आजादी के आंदोलन में वर्किंग क्लास की भूमिका और सांझी विरासत की बचाने को लेकर सभी जिलों में सेमिनार आयोजित करने का फैसला लिया गया। आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स तालमेल कमेटी के साथ किए गए समझोते को लागू न करने की मीटिंग में घोर निन्दा की और बिना किसी देरी किए समझोते को लागू करने की मांग की।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि सरकार लाखों कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की बजाए उनको कौशल रोजगार निगम में धकेल कर गुलाम बनाना चाहती है। सरकार की मंशा साफ हो गई है कि वह न तो रेगुलर करने की नीति बनाना चाहती है और न ही समान काम समान वेतन देना चाहती है। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को तो मुख्यमंत्री  विधानसभा में ही खारिज कर चुके है। कोरोनकाल में भर्ती किए गए कोविड कर्मचारियों समेत स्वास्थ्यठेका कर्मियों व पीटीआई के साथ वायदा करके वापिस ड्यूटी पर नही लिया जा रहा। यहीं नहीं आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर्ज की तालमेल कमेटी से समझौता करके लागू नही कर रही है। सरकार के हमले दिन प्रति दिन तेज होते जा रहे है। स्कूली व कालेज शिक्षा के तेजी से निजीकरण की ओर सरकार बढ़ रही है। 

मुख्य मांगें

1. पुरानी पेंशन प्रणाली लागू हो और अब तक एनपीएस में आ चुके कर्मचारी उसमें शामिल हों।
2. निजीकरण-ठेका प्रथा बंद हो व छंटनीग्रस्त कर्मचारी बहाल हों। राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइप लाइन बंद हो।
3. सभी प्रकार के अनुबंध, आउटसोर्स, स्कीम, प्रोजेक्ट, पार्टटाइम, अतिथि, एक्सटेंशन या किसी भी नाम कच्चे कर्मचारी पक्के हों। यह प्रक्रिया पूरी होने तक पक्कों के समान वेतन-भत्ते-सुविधाएं मिलें और पूर्ण सेवा सुरक्षा हो।
4. आबादी के अनुपात में नये पद बने, नये व खाली लगभग 10 लाख पदों पर अकादमिक मेरिट से पक्की भर्ती और इसमें आरक्षण का बैकलॉग भरा जाए। कच्ची भर्ती बंद हो और कौशल रोजगार निगम भंग हो।
5. लिपिक वर्ग का वेतन 35400 ₹ हो।
6. विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता कायम रहे और निर्णय लेने में शिक्षकों व कर्मचारियों की भागीदारी हो।
7. लेबर कोड, बिजली बिल व नयी शिक्षा नीति वापस हो। खेती टिकाऊ व लाभकारी हो तथा सार्वभौमिक सस्ता राशन मिले।
8. समयबद्ध पदोन्नति (एसीपी) लाभ बिना शैक्षिक या अन्य शर्त 4, 9 व 14 वर्ष की सेवा पर मिलें।
9. पेंशनर्स को 65, 70, 75 व 80 वर्ष आयु बेसिक पेंशन में पांच प्रतिशत बढ़ोतरी मिले।
10. सभी के लिए कैशलेस चिकित्सा के लिए सरकारी अस्पतालों को समर्थ / सक्षम बनाया जाए। केवल  अनुपलब्धता की स्थिति में बाहर बीमा आधारित की बजाय पूर्णतः कैशलेस हो।
11. क्षति पूर्ति कानून, एस्मा और 311(2) ए,बी,सी) आदि काले कानून निरस्त किये जाएं।

बैठक में निम्न पदाधिकारी मौजूद थे

बैठक में केंद्रीय कमेटी एवं विभागीय संगठनों के पदाधिकारी नरेश शास्त्री, राजेन्द्र बाटू, धर्मवीर फोगाट, इंद्र सिंह बधाना, बिजेंदर बेनीवाल, संदीप सांगवान, शिव चरण, बिजेंद्र चहल, सुरेश राठी, महेंद्र बोहत, सुभाष कौशिक, कृष्ण शर्मा, नायब सिंह,धर्मेंद्र ढांडा, नरेश कुमार, जरनैल सिंह, सरबत पुनिया, अनिता, सुभाष देशवाल, अमित बुरा, जयवीर चहल, मंगत राम, अनिल लोहाट, परमवीर सिंह कुंडू, जगत राम, सतबीर स्वामी, सतीश खटाना, सुभाष देसवाल,मंगत राम, सुमित ऋषि, सुनीता आदि मौजूद थे।

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