पीड़ित परिवार ने डीसी को शिकायत भेज कर अस्पताल स्टाफ के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने की लगाई गुहार
डॉ. प्रदीप गोयल/न्यूज डेक्स संवाददाता
शाहाबाद (कुरुक्षेत्र)। मीरी पीरी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च शाहाबाद में एक मरीज के शव का अपमान करने का मामला सामने आया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के प्रधान एडवोकेट हरजिंद्र सिंह धामीने इस पर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। जिला उपायुक्त कुरुक्षेत्र को भेजी अपनी शिकायत में मृतका के शाहाबाद निवासी पति ने बताया कि उस की पत्नी शिखा का ईलाज मीरी पीरी अस्पताल में लगभग 3 महीने से चल रहा था। उसकी दोनो किडनी फेल होने के कारण सप्ताह में दो बार डायलसिस इस अस्पताल में करवा रहे थे। इसी बीच 4 मई को दोपहर लगभग 1.45 बजे डायलसिस होने के बाद वहां डाक्टरों ने हमें जानकारी दी कि शिखा की मृत्यु हो गई है। जब वे अंदर डायलसिस यूनिट में शिखा को देखने गए, तो वह मृत पड़ी थी। उन्होंने वहां स्टाफ को शव के ऊपर चादर डालने के लिए आग्रह किया, तो स्टाफ ने कहा कि इसके लिए 500 रुपए की राशि जमा करवानी पड़ेगी या फिर आप खुद अपनी चादर ले आओ।
शिकायतकर्ता के अनुसार मौके की नजाकत को देखते हुए उसने तुरंत 500 रुपए जमा करवा के रसीद लेने के साथ-साथ दवाईयों का बिल भी चुकता कर दिया। शिकायतकर्ता के अनुसार राशि देने के बाद भी जब स्टाफ ने आधा घंटे तक शव पर चादर नहीं डाली, तो परिवार ने सख्त एतराज जताया। तब आधे घंटे के बाद स्टाफ ने शव पर चादर डाली। इसके बाद वे एम्बुलेंस में शव को लेकर अपने घर आ गए। शिकायत के अनुसार शिखा की मौत का समाचार मिलते ही हमारे निवास पर रिश्तेदार एवं शुभचिंतक भारी संख्या में इक्ट्ठे हो गए। जब शव को एम्बुलेंस से उतारा गया, तो सभी लोग यह देखकर चकित रह गए कि शव के कानों व नाक में रूई तक भी नहीं डाली गई थी। इससे सभी की भावना आहत हुई और उन्होंने अस्पताल स्टाफ की लापरवाही को जम कर कोसा। शिकायत में लिखा गया है कि भविष्य में किसी की भावना इस तरह आहत न हो, इसके लिए इस अस्पताल के स्टाफ के साथ कड़ी कार्रवाई करने के साथ उनके खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया जाए।
क्या कहते हैं अस्पताल के सीईओ :जब इस बारे में मीरी पीरी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉक्टर संदीपइंदर सिंह चीमा से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि अभी यह शिकायत उनके संज्ञान में नहीं आई है। मरीज से चादर के लिए ₹500 की राशि वसूलने के बारे में उन्होंने बताया कि यह बॉडी ट्रांसफर फीस होती है न कि चादर की राशि। उन्होंने बताया कि शव को नीट एंड क्लीन करके परिवार को सौंपा जाता है, उसके कान व नाक में रुई डालना अस्पताल का काम नहीं है।