न्यूज डेक्स संवाददाता
रेवाड़ी। गुमनाम शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को उनका सम्मान दिलाने के लिए संघर्षरत श्रीभगवान फौगाट ने भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के उस कदम की सराहना की है,जिसके तहत स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों का रिकार्ड एकत्रित करने लिए कार्रवाई शुरु की गई है। फौगाट का कहना है कि विशेष कार्य अधिकारी डा. सजय गर्ग की ओर से इस संदर्भ में बकायदा एक पत्र भी जारी किया गया है। इस कार्य में देश के विभिन्न विश्वविद्यायलों के इतिहासकार एवं अन्य लोगों की मदद ली जा रही है। इस संदर्भ में राज्य और जिला प्रशासन से ऐसे नायकों कि जानकारियां देने के लिए पत्र लिखा गया है।
फौगाट ने केंद्र सरकार की सराहना करते हुए कहा है कि यह कार्रवाई आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव पर शुरु करना सराहनीय कदम है। इस प्रक्रिया के बाद भारत को आजाद कराने में जिन वीर सपूतों ने योगदान दिया था उनका रिकॉर्ड एकत्र कर एक जगह संस्कृति मंत्रालय के माध्यम से प्रकाशित करने में भी मदद मिलेगी। काबिलेगौर है कि फौगाट द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों के रिकॉर्ड अनुसार ऐसे सैकड़ों गुमनाम नायकों का रिकॉर्ड आजाद हिद फौज नामिनल रोल राष्ट्रीय अभिलेखागार कार्यालय से ढूंढकर राज्य प्रशासन को काफी सालों से दिया जा रहा है, लेकिन यह रिकॉर्ड आज तक भी परिवारों तक नहीं पहुंच पाया है।
राज्य और जिला प्रशासन द्वारा आज तक आगामी कार्यवाही करने के लिए पत्र लिखें जा रहे हैं एवं सैकड़ों बार समाचार भी दिया गया है कि राज्य प्रशासन के दिशा निर्देश अनुसार ऐसे जवानों को गौरवपट्टों और स्मारकों पर अंग्रेजी सेना शहीद जवान होने का नाम भी लिखा गया है, अगर राज्य प्रशासन सभी ऐसे जवानों कि यूनिट आर्मी नंबर नाम पता दे तो वह सैकड़ों शहीदों का आजाद हिद फौज नामिनल रोल राष्ट्रीय अभिलेखागार कार्यालय से ढूंढ़कर दे सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि ऐसे हजारों मोटे मोटे नामिनल रोल के रजिस्टर है, लेकिन सभी रजिस्टरों का अधययन करना काफी सालों का काम है। उन्होंने जनता से भी यह अपील की है कि यदि उनके पास किसी ऐसे गुमनाम रह गए स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानकारियां है उसे सरकार तक जरूर पहुंचाये, ताकि पता लगे कि प्रदेश के नायकों ने स्वतंत्रता सग्राम में अपना योगदान दिया था।
फौगाट ने सरकार से भी मांग की है कि ऐसे सैकड़ों नायकों का रिकॉर्ड आजाद हिद फौज नामिनल रोल को उनके परिवारों तक भी पहुंचाए। द्वितीय विश्व युद्ध अंग्रेजी सेना शहीद जवानों कि युनिट आर्मी नंबर नाम पता देकर उनका रिकॉर्ड आजाद हिद फौज ढूंढने में भी सहयोग करें। उन्होंने इतिहासकारों से भी अनुरोध किया है कि वह भी स्वतंत्रता सेनानियों के रिकॉर्ड अनुसार गुमनाम रह गए स्वतंत्रता सेनानियों का रिकॉर्ड आजाद हिंद फौज नामिनल रोल राष्ट्रीय अभिलेखागार कार्यालय से भी ढूंढने का प्रयास करें, ताकि स्पष्ट हो कि हजारों गुमनाम रह गए स्वतंत्रता सेनानियों ने भी आजाद हिद फौज में रहते स्वतंत्रता संग्राम में अतिमहत्वपूर्ण योगदान दिया था।
उन्होंने गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी परिवारों से भी आह्वान किया है कि वे जो भी दस्तावेज या वे प्रमाण सरकार और प्रशासन तक पहुंचाए,जिनसे यह साबित हो कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजी सेना में भर्ती उनके परिवार के सदस्य ने ब्रिटिश सेना को छोड़ कर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की सेना में भारत को आजाद कराने के लिए योगदान दिया था। फौगाट ने कहा कि भारत सरकार ने गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को उनका सम्मान देने के लिए जो पहल की है वह तभी सार्थक सिद्ध होगी,जब इतिहासकार कड़ी मेहनत करके उन गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी परिवारों की खोज करेंगे।काबिलेगौर है कि श्रीभगवान फौगाट के पिता भी आजाद हिंद फौज में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सहयोगी रहे। फौगाट द्वारा लंबे संघर्ष के बाद उनके परिवार को सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार के दौरान दिया था। इसके बाद से ही फौगाट अन्य गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के लिए संघर्षरत है।उनके इन्हीं प्रयासों की बदौलत कई राज्यों के मंचों पर श्रीभगवान फौगाट का सम्मान हो चुका है।