सभा की ओर से गीता मनीषी की दीर्घायु हेतु किया गया यज्ञ, साधु संतों में बांटे फल, गायों को खिलाया हरा चारा
श्रीकृष्ण कृपा परिवार व जीओ गीता की ओर से यज्ञ, संकीर्तन और भंडारा किया
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा द्वारा गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज का जन्मोत्सव श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। सभा द्वारा संचालित कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय के आचार्य नरेश के नेतृत्व में 51 वेदपाठी ब्रह्मचारियों ने गीता मनीषी की दीर्घायु के लिए यज्ञ आयोजित किया। इस अवसर पर सभा के मुख्य सलाहकार एवं केडीबी के पूर्व सदस्य जयनारायण शर्मा और सभा के प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा ने यज्ञ में पूर्ण आहुति डाली। तत्पश्चात साधु संतों में फल वितरित किए गए और गौशाला में जाकर गायों को हरा चारा खिलाया गया।
जयनारायण शर्मा ने कहा कि गीता मनीषी राष्ट्र की सेवा में लगे हुए हैं। सभा ने उनकी दीर्घायु के लिए यज्ञ आयोजित किया और परम पिता परमात्मा से प्रार्थना की कि गीता मनीषी राष्ट्र सेवा करते रहें। उन्होंने कहा कि स्वामी ज्ञानानंद का जीवन सनातन धर्म के प्रति समर्पित है। सभा के प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा ने गीता मनीषी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनका जीवन गाय और गीता के प्रति समर्पित है। गीता मनीषी जहां गीता के प्रचार प्रसार में जुटे हुए हैं और उनका सपना है कि हर घर में प्रतिदिन गीता का पाठ हो वहीं वे गाय सेवा के प्रति भी समर्पित है। सभा स्वामी ज्ञानानंद महाराज के दीर्घायु होने की कामना करती है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र का आज जो भी विकास हो रहा है। उसके पीछे स्वामी ज्ञानानंद जी की सोच है।
इसी प्रकार श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति और जीओ गीता की ओर से गीता मनीषी के जन्मोत्सव पर गीता ज्ञान संस्थानम में हवन किया गया और गुरु महिमा का संकीर्तन किया गया। इसके पश्चात संस्थानम के मुख्य द्वार पर भंडारा और मीठे जल की छबील लगाई गई। इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। तत्पश्चात श्रीकृष्ण कृपा परिवार के सदस्यों ने गौशाला में जाकर गायों को हरा चारा खिलाया। श्रीराम कुष्ठ आश्रम डोडा खेड़ी में भी गीता मनीषी का जन्मदिन श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया। सत्संग प्रमुख सुनील वत्स के नेतृत्व में श्रीराम कुष्ठ आश्रम में भजन आयोजित किए गए, जिनका आश्रम में रहने वाले लोगों ने खूब आनंद उठाया। तत्पश्चात आश्रम निवासियों के लिए जलपान की व्यवस्था भी श्रीकृष्ण कृपा परिवार की ओर से की गई।