Friday, November 22, 2024
Home Kurukshetra News कृषि बिलों के लागू होने से किसानों को मिली स्वतंत्रता:सांसद नायब सैनी

कृषि बिलों के लागू होने से किसानों को मिली स्वतंत्रता:सांसद नायब सैनी

by Newz Dex
0 comment

कृषि बिलों से ना खत्म होंगी मंडिया और ना ही एमएसपी

किसानों की आय को बढ़ाने और आर्थिक स्थिति को मजबूत करेंगे कृषि बिल

आर्यन/न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र 26 सितंबर। कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में कृषक उत्पाद, व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 को पारित करके देश के करोड़ों किसानों को स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है। अब किसान अपनी फसलों को मंडी, खेत और देश के किसी भी कोने में लाभकारी मुल्य पर बेच सकेंगे।

इस विधेयक के पारित होने से न तो मंडिया खत्म होंगी और ना ही एमएसपी। इन बिलों का मंडी और एमएसपी से कोई सरोकार नहीं है, किसान अपनी फसलों को मंडियों में न्यूनतम मुल्य पर पहले की तरह बेचते रहेंगे। इन बिलों से किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। लेकिन विपक्षी दलों के नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव को देखने के हित में नहीं है, जिन लोगों ने 55 साल तक किसानों का शोषण किया, वह अब किसानों के हितैषी बनने का प्रयास कर रहे है। जबकि हकीकत इसके विपरित है और किसान सबकुछ जानते है।

सांसद नायब सिंह सैनी शनिवार को सर्किट हाउस में कृषि बिलों को लेकर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज पहले किसानों की फसल के 50 या 100 व्यापारी ही खरीदार होते थे, लेकिन लोकसभा और राज्यसभा में कृषि बिलों को पारित करके किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने का काम किया है। अब किसानों की फसल के खरदीदारों की संख्या बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरगामी सोच के चलते किसानों की आय में जबरदस्त इजाफा होगा, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबुत होगी। सरकार ने 2014 से अब तक किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए विभिन्न योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का काम किया है। इन योजनाओं के तहत ही कृषि बिलों को किसानों के हित के लिए लागू किया गया।

इसके लिए लोकसभा में डिबेट भी हुई और विपक्षी दलों को भी चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया ताकि सदन के पटल पर आने वाले सुझावों को लागू किया जा सके। लेकिन विपक्ष ने सुझावों की बजाए देशभर में झूठा प्रचार किया कि नए बिलों से एमएसपी और मंडी समाप्त हो जाएंग। इन गतिविधियों से विपक्षी दलों ने किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया और देश को कमजोर करने का भी काम किया।

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने 55 साल तक देश पर राज किया और किसानों का शोषण किया। आज किसानों की खराब हालात के जिम्मेवार विपक्षी दल ही है। सरकार ने 2014 के बाद एमएसपी को डेढ़ गुणा बढ़ाने का काम किया है और स्वामीनाथन रिपोर्ट में भी किसानों को लाभ देने की बात कही गई है। इसकों भाजपा सरकार ने ही पूरा किया है।

उन्होंने कहा कि इससे पहले स्वामीनाथन रिपोर्ट के लिए गठित की गई कमेटी ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया और किसानों को फसलों के लाभकारी मुल्य देने की बजाए सभी सुझावों को डस्टबीन में डालने का काम किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के 12 करोड़ किसानों के खाते में 1 लाख करोड़ रुपए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जमा करवाने का काम किया है और किसानों को जोखिम फ्री बनाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू किया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की सबसीडी भी किसानों को सीधी दी गई।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2014 के बाद बाजरा, कपास, मक्का, सुरजमुखी आदि फसलों को एमएसपी पर खरीदने का काम किया। इतना ही नहीं केन्द्र सरकार द्वारा 2014 के बाद किसानों की 3 गुणा फसलों को एमएसपी खरीदा गया है। सांसद ने कहा कि कृषि बिलों से ना तो मंडी खत्म होगी और ना ही एमएसपी खत्म होगा। किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा और भविष्य में भी सरकार फसलों को एमएसपी पर ही खरीदने का काम करेगी। इस सीजन में हरियाणा में कई फसलों के एमएसपी में भारी बढ़ौतरी की है।

उन्होंने कहा कि विपक्षी दल किसानों की प्रगति को देखकर खुश नहीं है, इसलिए अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसानों का सहारा ले रहे है। इस विपक्ष ने ही 2019 के मेनिफेस्टों में किसानों के बिल को शामिल करने की बात कही और पंजाब में भी विपक्षी दलों ने कृषि बिलों को मेनिफेस्टों में लिया। लेकिन आज वहीं लोग बिलों का विरोध कर रहे है।

उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के कारण कृषि बिलों को लेकर किसानों से लम्बी चर्चा नहीं हो पाई, लेकिन उच्चस्तरीय किसान संगठनों, एसपीओ और अन्य प्रमुख लोगों से सुझाव लिए गए और उन सुझावों पर कार्रवाई की गई। देश में किसान आंदोलन नहीं कर रहे है अपितू विपक्ष के लोग ही आंदोलन कर रहे है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कृषि मंत्री ने टवीट करके भी किसानों को जानकारी दी कि बिलों से मंडी और एमएसपी को कोई लेना-देना नहीं है। किसानों को एमएसपी पहले की तरह मिलती रहेगी। उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसानों एवं कृषि सम्बन्धित उद्योगों के लिए आधुनिक बाजार की धारणा के अनुरुप है जो एक देश एक बाजार के माध्यम की सोच के साथ किसानों की लागत कम कर आय की बढौतरी का मार्ग प्रशस्त करेगा।

यह विधेयक किसानों को सुविधा और अधिकारी देगा कि किसान अपनी उपज देश के किसी भी भाग में, किसी भी व्यक्ति व संस्था को उचित मुल्य पर बेच सकेगा। इस विधेयक के जरिए व्यापारी और निवेशक अपनी प्रसंस्करण, ओद्योगिक ईकाई, गोदाम, कोल्ड स्टोरज के नजदीक की जरुरत की फसल बिना बिचौलियों व अन्य खर्च किए सीधे किसानों से खरीद सकेंगे। यह विधेयक मंड़ी शुल्क, विपणन शुल्क, परिवहन शुल्क जैसे कई खर्चों से किसानों को मुक्ति दिलाता है। इस विधेयक से सरकार की एमएसपी नीति पर किसी प्रकार का नाकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।

इस विधेयक के विभिन्न प्रावधान सुविधाजनक कानूनी ढांचे के प्रावधान करते है, जिससे ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के लक्ष्य को भी आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा। इस विधेयक से एक ऐसा परितंत्र बनेगा, जिसमें निवेशक मुल्य संवर्धन, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, लैबलिंग और कृषि व्यापार के अन्य क्षेत्रों में निवेश किया जा सकेगा। सांसद ने कहा कि यह बिल किसानों की बेचने की रसीद के साथ ही भुगतान रसीद भी बिना विलम्ब के 3 दिन के भीतर करने का प्रावधान है।

इस विधेयक में किसी भी तरह के विवाद की शीघ्र निपटान करने व्यवस्था है, किसी भी तरह के अंतर्राज्य विवाद पर सम्बन्धित पक्ष अपने नजदीकी एसडीएम को सादे कागज पर आवेदन कर सकेगा और एसडीएम की निगरानी में एक सक्षम समझौता बोर्ड द्वारा आपसी सहमती और सौहार्दपूर्ण वातावरण में 30 के अंदर ही निपटारा किया जाएगा। अगर विवाद का समाधान ना हुआ तो एडीएम और डीएम को 30 के अंदर इसका निपटारा करना होगा।

इस विधेयक के कारण किसी भी राज्य की किसी भी मंडी पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा। राज्य और एपीएमसी अपनी विनियामक शक्तियों का प्रयोग यथावत करते रहेंगे। मंडियों के अंदर राज्य सरकारों के कानून सम्बन्धित सरकार की इच्छानुसार ही होंगे। इस मौके पर पूर्व विधायक डा. पवन सैनी, भाजपा के जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी, पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर, भाजपा के युवा नेता साहिल सुधा, महामंत्री सुशील राणा, प्रवक्ता विनित क्वात्रा, रामपाल पाली, सोहन लाल रामगढ़ सहित अन्य कार्यकर्ता और नेता मौजूद थे।

You may also like

Leave a Comment

NewZdex is an online platform to read new , National and international news will be avavible at news portal

Edtior's Picks

Latest Articles

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00