वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह विर्क के नेतृत्व में एसजीपीसी प्रतिनिधिमंडल मिला पुलिस अधीक्षक से
वैब चैनल व आरोपी के खिलाफ पुलिस अधीक्षक को दी लिखित शिकायत
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। मीरी पीरी इंस्टीचयूट ऑफ मेडिकल साइसिज एंड रिसर्च शाहाबाद मारकंडा के खिलाफ वैब चैनल पर दुष्प्रचार के खिलाफ सिख संगत में रोष पनप रहा है। इस मुद्दे पर एसजीपीसी का एक प्रतिनिधिमंडल जिला पुलिस अधीक्षक से मिला। प्रतिनिधिमंडल में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के वरिष्ठ उपप्रधान रघुजीत सिंह विर्क, मैंबर जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध, जत्थेदार बलदेव सिंह कैमपुर, एसजीपीसी सब ऑफिस कुरुक्षेत्र उपसचिव सिमरजीत सिंह कंग, एसजीपीसी सब ऑफिस चंडीगढ़ उपसचिव लखबीर सिंह, अस्पताल के सीईओ डा. संदीप इंदर सिंह चीमा, शिरोमणि अकाली दल हरियाणा के प्रदेश प्रवकता कवलजीत सिंह अजराना, अंर्तराष्ट्रीय कथावाचक ज्ञानी तेजपाल सिंह, सिख मिशन हरियाणा प्रभारी मंगप्रीत सिंह, एसजीपीसी सब ऑफिस प्रभारी परमजीत सिंह दुनियामाजरा, शहरी प्रधान तजिंदर सिंह मक्कड़ सहित अन्य शामिल रहे।
प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के अधीन चल रहे मीरी पीरी इंस्टीचयूट ऑफ मैडिकल साइसिज एंड रिसर्च शाहाबाद मारकंडा के खिलाफ वैब चैनल पर दुष्प्रचार करने की शिकायत दी। शिकायत में बताया गया हरजीत सिंह धपाली निवासी गांव धपाली, तहसील रामपुरा फूल, जिला बटिंडा पंजाब द्वारा गुरबाणी अखंड बाणी यू टयूब चैनल ऑफिसर कालोनी पटियाला पर एक साजिश के तहत मीरी-पीरी इंस्टीच्यूट ऑफ मैडिकल साईसिज एंड रिसर्च शाहाबाद मारकंडा के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया है। यह सब एसजीपीसी व अस्पताल को बदनाम करने के लिए किया गया है। पुलिस अधीक्षक ने पूरी मामले की जानकारी लेने के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए एसजीपीसी वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह विर्क ने कहा कि हरियाणा की संगत की मांग पर मीरी-पीरी अस्पताल का नींव पत्थर साल १९९४ में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के तत्कालीन प्रधान जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहड़ा ने रखा था और अस्पताल को सुचारु ढंग से चलाने के लिए सन २००५ में पीरी-पीरी ट्रस्ट बनाया गया। उन्होंने जानकारी दी कि एसजीपीसी के प्रधान ही इस ट्रस्ट के चेयरमैन होते हैं और ट्रस्टियों का हर फैसला एसजीपीसी कार्यकारिणी की अनुमति के बाद ही लागू होता है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में ३० अनुभवी चिकित्सकों समेत १९४ कर्मचारी काम करते हैं। रघुजीत सिंह विर्क ने बताया कि अस्पताल में एमआरआई, सीटी स्कैन, डायलसिस यूनिट, आईसीयू, अल्ट्रासाउंड, एकस-रे सहित अत्याधुनिक आप्रेशन थियेटर आदि सेवाएं किफायती शुल्क पर मुहैया करवाई जाती है। यह अस्पताल नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर अस्पताल (एनऐबीएच) से मान्यता प्राप्त है।
एसजीपीसी मैंबर जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध ने मांग की कि कुछ लोग संस्था को बदनाम करने के लिए संगत को बहकाने का प्रयास कर रहे हैं, जिन्हें माफ नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक को शिकायत देकर आरोपी व्यक्ति और वैब चैनल पर कार्रवाई करने की मांग की है। जत्थेदार बलदेव सिंह कैमपुर ने भी पुलिस अधीक्षक से मांग की कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ठोस कार्रवाई की मांग की।