अकाली दल की कोर कमेटी में लिया गया एडीए से अलग होने का फैसला
10 माह के भीतर एनडीए में दूसरी बार आई दरार,शिव सेना के बाद शिअद बाहर
न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली,26 सितंबर। एनडीए के लिये बुरी खबर ये है कि उसका सबसे पुराना घटक शिरोमणि अकाली दल भी अपनी अलग राह पर चल दिया है। एनडीए से अलग होने का फैसला शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी की बैठक में लिया जा चुका है। एनडीए के सबसे पुराने घटक शिवसेना के बाद यह दूसरा बड़ा झटका कहा जा सकता है।
केंद्र सरकार द्वारा लागू किये जा रहे तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ किसान वर्ग लामबद्ध हो रहा है। किसानों के गुस्से को भांपते हुए केंद्र सरकार में मंत्री पद संभाल रही अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल पहले ही इस्तीफा दे चुकी हैं। उनके इस्तीफे को भी बगैर देरी किये तुरंत स्वीकार कर कर लिया गया था।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को बैठक में स्पष्ट कर दिया है कि अब ‘हम एनडीए का हिस्सा नहीं हैं,क्योंकि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की ओर से कहा गया है कि ‘पार्टी ने एमएसपी पर किसानों की फसलों के सुनिश्चित विपणन की रक्षा के लिए वैधानिक विधायी गारंटी देने से मना करने के कारण भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से अलग होने का फैसला किया है।
विदित ही होगा कि 10 माह पहले एनडीए का 30 साल पुराना घटक शिव सेना भी अलग हो चुका है,2019 के नवंबर में शिव सेना के एडीए से बाहर होने के बाद अब 2020 के सितंबर में एनडीए के 22 साल पुराने साथी शिअद ने अलग होने का अंतिम फैसला ले लिया है। शिअद के अलग होने से भले संसद में भाजपा की सरकार पर कोई असर ना हो,मगर संगठन में दरार आने से इसका बुरा असर बिहार चुनाव पर भी पड़ सकता है,जबकि अन्य विरोधियों के संग अब अकाली दल भी भाजपा पर हमलावर रूख अपनाएगा।