न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र।हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि प्रदेश के किसानों की आय को बढ़ाने और कम खेती वाले किसानों को मधुमक्खी पालन का व्यापार अपनाने के उद्देश्य से कुरुक्षेत्र के रामनगर में करीब 10 करोड़ 50 लाख की लागत से देश का पहला एकीकृत मधुमक्खी पालन सेंटर स्थापित किया गया है। अब इस मधुमक्खी पालन विकास केंद्र में देश की पहली शहद की मंडी बनाने की योजना है। इससे मधुमक्खी पालकों को शहद की गुणवत्ता के आधार पर उचित दाम मिल सकेंगे। इतना ही नहीं इस सेंटर में 20 करोड़ रुपए की लागत से एक्सपोर्ट हनी टेस्टिंग लैब बनाने का प्रस्ताव भी है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग मंत्री जेपी दलाल शुक्रवार को गांव रामनगर में आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर हरियाणा उद्यान विभाग की तरफ से देश के पहले एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र के सभागार में मधुमक्खी पालन व परागण विषय को लेकर आयोजित 2 दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के उदघाटन सत्र में बोल रहे थे। इससे पहले कृषि मंत्री जेपी दलाल, हरियाणा उद्यान विभाग के महानिदेशक डा. अर्जुन सिंह सैनी, इजरायल से राजनीतिक सलाहकार होडाया अवजादा, इजरायल कृषि विशेषज्ञ याहिर एसेल, एमएचयू विश्वविद्यालय करनाल के कुलपति डा. समर सिंह, उद्यान विभाग के उपनिदेशक डा. बिल्लू यादव ने एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र के नए भवन के साथ-साथ वर्कशॉप और अन्य कक्षों का अवलोकन किया तथा दीपशिखा प्रज्वलित करके विधिवत रुप से 2 दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ किया।
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने विश्व मधुमक्खी दिवस पर किसानों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र के एकीकृत मधुमक्खी पालन एवं विकास केंद्र में इजरायल से मधुमक्खी पालन विशेषज्ञ और 20 से ज्यादा राज्यों के अधिकारी, वैज्ञानिक और विशेषज्ञ मधुमक्खी पालन और परागण विषय पर वार्तालाप करने के लिए एक छत के नीचे एकत्रित हुए है। सभी अधिकारी, वैज्ञानिक और विशेषज्ञ के साथ-साथ सरकार और प्रशासन का एक ही उदेश्य है कि किसानों की आय में इजाफा हो, किसान आत्मनिर्भर बने। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी एक ही विजन है कि किसान फसल विविधीकरण की तरफ आगे बढ़े और अपनी आय में इजाफा करे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस विजन को कुरुक्षेत्र का एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र साकार कर रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मधुमक्खी पालकों को प्रशिक्षण देने, रोजगार के अवसर मुहैया करवाने तथा मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए कुरुक्षेत्र के रामनगर में देश का पहला मधुमक्खी पालन विकास केंद्र स्थापित किया गया। इसके बाद प्रदेश में कई जगहों पर फल-सब्जियों के एक्सीलेंस सेंटर स्थापित किए गए है और इन सभी सेंटरों में इजरायल देश के साथ तकनीक और शोध को लेकर समझौता भी किया गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि मधुमक्खी पालन से परागीकरण होता है, इसके अलावा शहद, मोम, पराग, रॉयल जैली व विष भी प्राप्त होता है। इन सबका इस्तेमाल करके आमदनी को बढ़ाया जा सकता है।
सरकार की तरफ से मधुमक्खी बाक्स व कॉलोनी पर 85 फीसदी अनुदान व मधुमक्खी उपकरणों पर 75 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है। इस केंद्र के माध्यम से पिछले 3 सालों में प्रदेश के लगभग 400 किसानों को कैल की लकड़ी से निर्मित 25 हजार सुपर बॉक्स दिए है। इस केंद्र से पिछले 4 वर्षों में लगभग 4800 मधुमक्खी पालक विभिन्न प्रकार की सुविधाओं का लाभ उठा चुके है। सरकार द्वारा अभी हाल में ही बी पालिसी भी शुरु की गई है, इससे मधुमक्खी बॉक्स व शहद उत्पादन को 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य है। इसके लिए इस केंद्र पर शहद की मंडी भी बनाई जा रही है ताकि मधुमक्खी पालकों को शहद की गुणवत्ता के आधार पर उचित दाम मिल सके।
हरियाणा उद्यान विभाग के महानिदेशक डा. अर्जुन सिंह सैनी ने मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों की श्रृंखला में विश्व मधुमक्खी शिविर पर 2 दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया है। इस दौरान इजरायल से आए विशेषज्ञों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों से अधिकारी व विशेषज्ञ चर्चा करके मधुमक्खी पालन व्यवसाय को ओर आगे बढ़ाने के विषय पर काम करेंगे। इस सेंटर में शहद का व्यापार करने का भी एक केंद्र खोला जाएगा, इस केंद्र से प्रदेश और देश के व्यापारी और लोगों को लाभ मिल सकेगा। इस सेंटर में आने वाले समय में शहद से विभिन्न प्रकार के उत्पाद भी तैयार किए जाएंगे।
इजरायल से राजनीतिक सलाहकार होडाया अवजादा ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि इंडो-इजरायल तकनीकी के आधार पर रामनगर में बने इस सेंटर का अवलोकन करने का अवसर मिला है। दोनों देशों के बीच तकनीकी को लेकर हुए समझौते से किसानों की आर्थिक रुप से स्थिति मजबूत होगी। यह सेंटर एक रोल मॉडल केंद्र के रुप में अपनी पहचान बना रहा है और यह सेंटर हजारों किसानों का सहारा बनेगा। इजरायल के मधुमक्खी पालक विशेषज्ञ याहिर एसेल ने कहा कि इंडो-इजरायल तकनीकी के आधार पर बने इस एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र को देखकर उनका मन खुश हुआ। यह केंद्र दोनों देशों के सपनों को साकार कर रहा है। इस सेंटर से आयात-निर्यात को भी फायदा मिलेगा।
इस सेंटर के साथ इजरायल वर्तमान के साथ-साथ भविष्य में भी काम करता रहेगा। दोनों देशों के साझे प्रयासों से यह सेंटर देश-विदेश में मधुमक्खी पालन और शहद व्यवसाय में एक मुकाम हासिल करेगा। एमएचयू विश्वविद्यालय के कुलपति समर सिंह ने विश्व मधुमक्खी पालन दिवस पर किसानों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल और कृषि मंत्री जेपी दलाल के मार्गदर्शन में कृषि के प्रत्येक क्षेत्र में सराहनीय कार्य किए जा रहे है और किसानों के हित को जहन में रखते हुए नीतियां तैयार की जा रही है। इन्हीं नीतियों के तहत ही रामनगर में देश का पहला एकीकृत मधुमक्खी पालन सेंटर स्थापित किया गया। इससे हजारों किसानों को फायदा मिल रहा है। इस कार्यक्रम के अंत में उद्यान विभाग के उपनिदेशक डा. बिल्लू यादव ने मेहमानों का आभार व्यक्त करते हुए एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की है।